Inappropriate Behavior :आपका बच्चा अनुचित व्यवहार क्यों दिखाता है और उसके उद्देश्य क्या हैं?

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एक बेटे ने अपनी माँ की हत्या कर दी और अब पिता क्या करे पत्नी का हत्यारोपी भी इकलौता बेटा…। झकझोर देने वाली इस खबर को सुनते ही सैन्य अफसर एनके सिंह आसनसोल से लखनऊ के लिये चल दिये थे। लम्बा सफर तय कर एनके सिंह बुधवार सुबह लखनऊ पहुंचे।

वह इन्द्रपुरी में रहने वाले अपने भाई नितीश सिंह व ससुर और मां के साथ पीजीआई कोतवाली पहुंचे। यहां इंस्पेक्टर धर्मपाल ने उनसे कुछ सवाल पूछे। कोतवाली में अपने अलग कक्ष में इंस्पेक्टर ने पिता-चाचा के सामने बेटे को पेश कराया। पिता-बेटे का आमना-सामना हुआ तो दोनों चुप रहे। फिर पिता की आंखें नम हो गईं।

पिता को रोता देखकर आरोपी बेटा कुछ विचलित हुआ पर तुरन्त ही सामान्य हो गया। उससे पिता एनके सिंह ने कहा कि यह क्या कर दिया। अगर मैं डांटता तो तुम हमें भी मार देते…। इस पर बेटा बिना किसी शिकन के बोला कि यह तो वक्त बताता…। यह भी कहा कि आप तो मेरी कभी कुछ सुनते ही नहीं थे। मां शिकायत कर दे, बस डांटना शुरू कर देते थे।

यह घटना कई सवाल खड़े करती है ,यह कोई पहली घटना हो ऐसा भी नहीं है लेकिन यह आपको सचेत करती घटना है कि अपने बड़े होते वच्चे केव्यवहार को कभी इग्नोर ना करें उसे समझने का प्रयास पहली बार से ही करते रहें। आप अपने बच्चे के व्यवहार को जितना अधिक समझना शुरू करेंगे,उनकी बड़े होने की प्रक्रिया में यह उतना ही अधिक जरूरी कार्य होगा ! आपको आपके बच्चे के व्यवहार के कुछ पहलूओं को तेजी से समझने यह प्रक्रिया उनके दुर्व्यवहार के इरादे और कारण को समझने से शुरू होती है।

इसी प्रकरण में पूछताछ के दौरान ही इंस्पेक्टर ने आरोपी बेटे से पूछा कि दो दिन शव रखा रहा, तुम्हे डर नहीं लगा। इस पर उसने जवाब दिया कि सोमवार की रात डर लगा था तो मोहल्ले में रहने वाले दोस्त को बुला लिया था। मां की हत्या के बाद उनका कमरा बाहर से बंद कर दिया था। दोस्त को कुछ पता नहीं चला।

सैन्य अफसर को पत्नी की जगह बेटा देता रहा व्हाट्सएप पर जवाब
आसनसोल से सैन्य अफसर एनके सिंह ने कई बार पत्नी को फोन किया लेकिन जवाब नहीं मिला। उन्हें लगा पत्नी नाराज हो गई है किसी बात पर। एनके सिंह ने इंस्पेक्टर को बताया कि इधर किसी बात पर पत्नी से अनबन भी नहीं हुई थी तो लगा गुस्सा किस बात का। शाम को पत्नी के मोबाइल से मैसेज आया तो दिल को सुकून मिला। तब यह अंदाजा एकदम नहीं था कि पत्नी अब इस दुनिया में नहीं रही। बेटा ही उन्हें मां के मोबाइल से मैसेज कर रहा था।

मंगलवार को बेटे का फोन आया कि किसी ने मम्मी की हत्या कर दी है तो वह बदहवास हो गये। तुरन्त ही उन्होंने पड़ोसी और भाई को सूचना दी। इस बीच बेटे ने हत्यारोपी के तौर पर आकाश का नाम भी बता दिया कि उसने ही मम्मी की हत्या की। कारण भी अनापशनाप बता दिया। बेटे से हत्या का कारण जान वह और परेशान हो गये थे। पर, उन्हें पत्नी पर पूरा विश्वास था। जब पुलिस ने उन्हें बताया कि उनके बेटे ने ही हत्या की है तो वह संज्ञाहीन स्थिति में चले गए । क्या यह घटना यह नहीं बताती कि बच्चे जब उपेक्षित या स्नेह से वंचित होने लगते है तो उनका व्यवहार प्रभावित होता है ,जाने अनजाने आपका परिवार ही इसका मूल कारण निकलता है.अनुचित व्यवहार की संभावना पैदा करने वाला पारिवारिक वातावरण शायद सबसे महत्वपूर्ण कारक है।

आपकी कार्य सूची,वैवाहिक समस्याएं,और परवरिश का तरीका अनुचित व्यवहार के परिमाण,उसके आक्रोश की आवृत्ति और तीव्रता को प्रभावित कर सकते हैं।जब बच्चे कोई गलत व्यवहार करते हैं तो सम्भवतया उनके अनुचित व्यवहार के पीछे कोई न कोई सोच अवश्य होती है।दुर्व्यवहार के पीछे चार मुख्य उद्देश्य होते हैं, और ध्यान रखें, ये सार्वभौमिक हैं।हर बच्चा ऐसी भावनाएं प्रदर्शित करताहै, इसलिए आप अकेले नहीं हैं!ये भावनाएं हैं:ध्यान ,अधिकार ,बदला। असुरक्षा का भाव।
ध्यान देने की मांग लोगों को देखने और बच्चे से बात करने का कारण बनती है।
अधिकार की मांग लोगों को खड़े होने और बच्चे की निगरानी करने का कारण बनती है।
बदला लोगों को बच्चे को दंडित करने, या उनके साथ तर्क करने का कारण बनती है।
असहायता लोगों को बच्चे की देखभाल और रक्षा करने का कारण बनती है।

बच्चे ने पिता से कहा पापा आप मेरी सुनते ही कब थे?

कोतवाली में आमना-सामना होने के दौरान ही बेटे ने पिता से यह भी कहा कि आप तो मेरी कभी कुछ सुनते ही नहीं थे। मां शिकायत कर दे, बस डांटना शुरू कर देते।

अपने किये पर अफसोस नहीं

इंस्पेक्टर ने पूछा कि अपने किये पर अफसोस नहीं है। इस सवाल पर वह चुप रहा। दोबारा पूछने पर भी कुछ नहीं बोला। स्कूल की प्रिंसिपल का नाम पूछा तो उसने कहा पता नहीं। क्लास टीचर का नाम पूछने पर बोला कि मधु मैम।

एक साल पहले घर से भागा था

मां की हत्या करने के आरोपी बेटे से उसके माता-पिता बेहद परेशान थे। एक साल पहले वह माता-पिता से नाराज होकर घर से भाग गया था। उसकी मां और पड़ोसी उसे दिन भर ढूंढ़ते रहे थे। जब वह शाम तक नहीं मिला तो मां साधना ने पीजीआई कोतवाली पर सूचना दी थी। बाद में वह कानपुर रोड के पास मिल गया था। बुधवार को जब पुलिस ने उससे पूछा कि क्यों भागे तो उसका जवाब था कि घर पर डांट पड़ती थी।

स्कूल में कई बार शिकायत हुई

आरोपी बेटा सेनानी विहार स्थित एक स्कूल में कक्षा 10 का छात्र है। एसीपी कैंट डॉ. अर्चना सिंह ने उसकी 10 वर्षीय बहन से पूछताछ की। वह बोली कि भैया अक्सर स्कूल में भी लड़ते थे। कई बच्चों का सामान उठा लेते थे। कई बार स्कूल से शिकायत आती थी जिस पर मम्मी भैया को डांटती थी

कोतवाली में आमना-सामना होने के दौरान ही बेटे ने पिता से यह भी कहा कि आप तो मेरी कभी कुछ सुनते ही नहीं थे। मां शिकायत कर दे, बस डांटना शुरू कर देते।इस घटना से अन्य माता पिता को यह समझना होगा कि

दुर्व्यवहार पर विचार करते समय, यह हमेशा महत्वपूर्ण है कि शामिल कारकों को समझें।शायद ज्यादा जरूरी है माता पिता भी बच्चे को समझने का प्रयास करें और अपने उपेक्षापूर्ण व्यवहार को बदलें
यह जानकर कि आपका बच्चा अनुचित व्यवहार क्यों दिखाता है और उसके उद्देश्य क्या हैं,
आपको इन व्यवहारों का सामना करने के दौरान क्या करना है इसके बारे में बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलेगी।