Why Loudspeakers on Temples : मंदिरों पर लगे लाउडस्पीकरों पर महिला IAS ने सवाल उठाए!
Bhopal : आईएएस अधिकारी शैलबाला मार्टिन ने मंदिरों पर लगे लाउडस्पीकर और उनसे आधी रात तक होने वाले ध्वनि प्रदूषण को लेकर ‘एक्स’ पर की गई पोस्ट से नई बहस छिड़ गई। कई जानी-मानी हस्तियों ने उनकी पोस्ट का समर्थन किया। जबकि, ‘संस्कृति बचाओ मंच’ ने उनके विरुद्ध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। उन्होंने पोस्ट में लिखा कि तर्क यह दिया जा रहा है कि मस्जिदों से लाउडस्पीकर से अजान की आवाज जब लोगों को परेशान करती है तो मस्जिदों के सामने म्यूजिक सिस्टम बजाने से परेशानी क्यों होनी चाहिए!
शैलबाला ने आगे लिखा कि, लेकिन उनसे एक सवाल है कि अगर मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा दिए जाएं तो क्या म्यूजिक सिस्टम और गंदी नारेबाजी बंद हो जाएगी? नहीं होगी। फिर किसी और बहाने से यह सब किया जाएगा। क्योंकि, इस धार्मिक प्रतिद्वंद्विता के पीछे राजनीति है, वह इसे रुकने नहीं देगी। मंदिरों पर लगे लाउडस्पीकर, जो कई-कई गलियों में दूर तक स्पीकर्स के माध्यम से आधी रात तक ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं, इस पर तो कोई रोकटोक नहीं है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने किया बचाव
शैलबाला 2009 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। उनकी इस पोस्ट को लेकर ‘संस्कृति बचाओ मंच’ के प्रमुख चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि इसे कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा। वे अधिकारी के विरुद्ध प्रदर्शन करेंगे। उधर, प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अब्बास हफीज ने अधिकारी का बचाव करते कहा कि उन्होंने वास्तविक प्रश्न और भाजपा सरकार की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई पर सवाल उठाया है।
नाचते-नाचते लड़के की मौत
भोपाल में पिछले दिनों दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक 13 वर्षीय लड़के की मौत के बाद ध्वनि प्रदूषण पर बहस शुरू हुई। लड़का डीजे की धुन पर नाच रहा था कि नाचते-नाचते अचानक बेहोश हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां बाद में उसकी मौत हो गई। घटना के बाद पुलिस हरकत में आई और मामले की जांच शुरू की। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में किसी भी धार्मिक स्थल पर लाउडस्पीकर लगाने और डीजे बजाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। लेकिन, इस पर सख्ती नहीं बरती जा रही।
सरकार की कार्रवाई पर सवाल नहीं उठाया
आईएएस अधिकारी शैलबाला मार्टिन ने पहली बार सरकार की कार्रवाई पर सवाल नहीं उठाया। ऐसा वो पहले भी कर चुकी हैं। मार्टिन वर्तमान में सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) में अतिरिक्त सचिव के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने 12 जून 2017 को भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नत होने से पहले राज्य सिविल सेवा (एससीएस) से अपना करियर शुरू किया था। आईएएस अधिकारी ने एक पत्रकार की पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी।