Delay in Purchase of Moong : शिवराज सरकार मूंग की खरीद क्यों नहीं रही, कमलनाथ ने सवाल किया

कमलनाथ का आरोप 'सरकारी खरीद न होने से सस्ती मूंग बेचने को मजबूर'

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Delay in Purchase of Moong : शिवराज सरकार मूंग की खरीद क्यों नहीं रही, कमलनाथ ने सवाल किया

Bhopal : प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक बयान में कहा कि मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार किसानों से समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी क्यों नहीं कर रही! सरकार किसानों की छाती पर मूंग दलने का काम क्यों कर रही है। उन्होंने का कि शिवराज सरकार प्रदेश के किसान भाइयों को परेशान करने का भी कोई मौका नहीं चूकती।

कमलनाथ ने कहा कि रबी 2022 में प्रदेश के 30 जिलों में 5-6 लाख हेक्टेयर भूमि पर मूंग की फसल साढ़े तीन से चार लाख किसान भाइयों ने लगाई थी। इससे 15-17 लाख मेट्रिक टन मूंग का उत्पादन होने का अनुमान है। प्रदेश में मूंग का बम्पर उत्पादन होने के बाद भी शिवराज सरकार ने अब तक मूंग की खरीदी शुरू नहीं की। इसलिए किसान अपनी मूंग की फसल को औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि सार्वजनिक मंचों से किसान की उपज का एक-एक दाना खरीदने का दावा करने वाले शिवराज सिंह मूंग की फसल का एक दाना भी नहीं खरीद रहे। किसान को जब उपज का सही मूल्य नहीं मिलेगा तो उसका परिवार क्या खाएगा? कमलनाथ ने कहा कि मैं पूछना चाहता हूँ कि शिवराज जी किसानों और उनके परिवार के मुंह से रोटी का निवाला क्यों छीन रहे हैं?

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भारत सरकार ने मूंग की खरीदी समर्थन मूल्य पर करने के लिए मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य 7755 रुपये घोषित किया है। इसके बावजूद किसान भाई मंडियों में मूंग को 4000-4500 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर बेचने को मजबूर हैं। जानकारी के अनुसार भारत सरकार द्वारा मूंग की फसल को खरीदने की स्वीकृति भी प्रदेश सरकार को दे दी गई, परन्तु शिवराज सरकार अपने खजाने का पैसा बचाने के लिये मूंग की खरीदी शुरू नहीं कर रही है। अपना थोड़ा सा पैसा बचाने के लिए शिवराज सरकार किसानों की छाती पर मूंग दलने को तैयार हैं।
कमलनाथ ने कहा कि मैंने अप्रैल 2022 में मूंग खरीदी की तैयारी करने के लिए सरकार का ध्यान दिलाया था। समय रहते मूंग खरीदी की तैयारी करने के लिए अनुरोध भी किया था। यह भी पूछा था कि सरकार कितना मूंग समर्थन मूल्य पर खरीदेगी और कितना बोनस देगी! परन्तु, सरकार किसानों के हित में काम नहीं करना चाहती और आशंका अनुसार अब मूंग खरीदी नहीं कर रही है।
शिवराज सरकार को किसान भाइयों को बताना चाहिए कि भारत सरकार से मूंग खरीदी की अनुमति मिली है या नहीं! यदि अनुमति मिली है तो मूंग खरीदी क्यों नहीं? भारत सरकार द्वारा मूंग का समर्थन मूल्य जारी करने औचित्य क्या है! यदि प्रदेश की शिवराज सरकार को मूंग खरीदना ही नहीं है! गत वर्ष भी सरकार की गलत नीतियों के कारण मूंग उत्पादक किसान भाइयों को परेशान होना पड़ा था।
सरकार ने मूंग की खरीदी भी गत वर्ष अत्यंत विलम्ब से शुरू की थी। प्रदेश में लगभग 12 लाख मेट्रिक टन मूंग का उत्पादन गत वर्ष हुआ था, परन्तु किसानों की कई मिन्नतों के बाद भी भाजपा सरकार ने ढाई लाख मेट्रिक टन मूंग ही खरीदी थी और बचे लाखों किसान भाई औने-पौने दामों पर मूंग बेचकर मायूस हुए थे।
मूंग खरीदी की सही व्यवस्था नहीं करने के कारण प्रदेश की शिवराज सरकार ने मूंग की राशि का भुगतान प्रदेश के नौनिहालों के मध्यान्ह भोजन की राशि से किया था, ऐसे समाचार भी आए थे और फिर जबरदस्ती बच्चों को मूंग बांटकर अपने इस दुष्कृत्य को ढकने का प्रयास किया था। गत वर्ष शिवराजजी ने अपने भांजे-भांजियों के मुंह से निवाला छीन लिया था और इस वर्ष किसान और उनके परिवारों से मुंह का निवाला छीन रहे हैं। भारत सरकार दलहन उत्पादन को बढ़ावा दे रही है, ताकि किसानों की आय बढ़ सके, परन्तु शिवराज जी किसानों की आय बढ़ाना नहीं चाहते, वे तो केवल घोषणाओं से ही किसानों की आय दोगुनी करना चाहते है।
कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश को अपना परिवार बताने वाले शिवराज के परिवार में किसान भाइयों के लिए कोई जगह नहीं है। वे न तो सरकार ठीक से चला पा रहे और न परिवार। मैं शिवराज सरकार से अपील करता हूँ कि प्रदेश के किसान भाइयों के हित में तत्काल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी प्रारंभ करें। अब तक खरीदी प्रारंभ नहीं होने के कारण औने-पौने दामों पर मूंग बेच चुके किसानों को भावांतर की राशि का भुगतान करें ताकि किसी किसान भाई का नुकसान न हो।