मनोज चावला के किले में क्या सेंध लगा पाएंगे निर्दलीय प्रेमचंद गुड्डू!
रमेश सोनी की खास खबर
Ratlam : विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों को मिले टिकिट से कहीं खुशियां मनाई जा रही है, कहीं दावेदार उम्मीदवार टिकट नहीं मिलने से गुबार निकाल रहे हैं। आलोट विधानसभा सीट पर भाजपा के राज में कांग्रेस के मनोज चावला ने वरिष्ठ भाजपा नेता थावरचंद गेहलोत के बेटे जितेन्द्र गेहलोत को पटखनी दी थी।
मनोज चावला ने अपने कार्यकाल के 3-4 साल ख़ामोशी से बिताए। फिर खाद लूट मामला सामने आया। किसानों को समय पर खाद नहीं मिलने पर मनोज चावला ने सरकारी गोदाम के शटर तोड़कर किसानों से खाद को लुटवा दी। इस वजह से उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। अंततः इंदौर हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिली। इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने फिर मनोज चावला पर विश्वास जताया और उन्हें आलोट से टिकट दिया।
टिकट फाइनल होने के बाद आलोट कांग्रेस में फिर एक शगूफा आया। विधायक पद के दावेदारों में एक नाम और जुड़ गया, वह हैं प्रेमचंद गुड्डू। यह नाम प्रदेश के लिए के लिए अनजाना नहीं हैं। कांग्रेस ने प्रेमचंद गुड्डू को टिकट नहीं दिया, इसलिए वे निर्दलीय रूप में अपना नामांकन पत्र एक-दो दिन में दाखिल करने जा रहें हैं। अगर ऐसा होता हैं तो मनोज चावला की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
भाजपा ने उज्जैन के पूर्व सांसद चिंतामणी मालवीय को टिकट दिया है। आलोट के रहवासियों को मालवीय से नाराजगी दिखाई दे रही हैं। उनका कहना है कि अपने कार्यकाल में मालवीय ने आलोट के साथ सौतेला व्यवहार किया। सांसद बनने के बाद वे 2 बार भी आलोट नहीं आए। उन्होंने क्षेत्र के रहवासियों की सुध नहीं लीं। बाहरी और पैराशूट प्रत्याशी की बात को लेकर आलोट विधानसभा क्षेत्र में पिछले कई महीनों से स्थानीय उम्मीदवार को लेकर भाजपा के कई सक्रिय कार्यकर्ता एकजुट होकर बाहरी उम्मीदवार के विरोध में माहौल बनाने में लगे थे।
कई बार स्थानीय उम्मीदवारों को लेकर आलोट,ताल,बड़ावदा के 100 से अधिक सक्रिय कार्यकर्ता भोपाल कार्यालय गए थे।जहां उन्होंने मीडिया के सामने यह बात रखी थी, कि यदि बाहरी उम्मीदवार आएगा तो उसे हम किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे, न वोट देंगे। यह वीडियो लगातार वाट्सअप पर शेयर हो रहा हैं। जिसमें आलोट जनपद के पूर्व अध्यक्ष कालूसिंह परिहार यह कहते हुए दिखाई दें रहें हैं कि बाहरी या पैराशूट उम्मीदवार को
बर्दाश्त नहीं करेंगे। अब घोषणा होने के बाद बताया जा रहा हैं कि वही कालूसिंह परिहार और उनकी टीम बाहरी उम्मीदवार का विरोध करने की बजाय अब चिंतामणि मालवीय का दामन थामकर उनके साथ काम करने में लग गई हैं।
ऐसे में अब यह वीडियो जहां कालू सिंह परिहार की मुसीबतों को बढ़ाता दिखाई दे रहा है। वहीं भाजपा प्रत्याशी मालवीय की भी चिंता बढ़ाता दिखाई दे रहा हैं। आखिर भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ता जो बाहरी उम्मीदवार का विरोध कर रहे थे, इस वीडियो का सच सामने आने के बाद वह जनता के सामने कैसे जाएंगे! जनता को वह कैसे फेस करेंगे!
इस वीडियो को लेकर भाजपा के लोग चटखारे ले रहें हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस वीडियो के बाद हो सकता है कालूसिंह को इस चुनाव में भाजपा व भाजपा प्रत्याशी चिंतामणी मालवीय वो सम्मान न दे, जिस सम्मान को लेकर वह उम्मीद लगा कर बैठे हैं। बताया जा रहा है कि वीडियो भोपाल से लेकर दिल्ली तक पहुंच गया। अब भाजपा आलाकमान द्वारा कालू सिंह से स्पष्टीकरण भी मांगा जा सकता हैं बरहाल तो यह वीडियो इस समय राजनीति की सुर्खियां बना हुआ हैं।