Will INDIA bloc continue? संकट में कांग्रेस! 

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Will INDIA bloc continue? संकट में कांग्रेस! 

अजय कुमार चतुर्वेदी की खास रिपोर्ट 

भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव जीतने के लिए बहुआयामी रणनीति बनाई है। संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह विपक्ष, खासकर कांग्रेस पर जिस तरह राजनीतिक हमला बोला उससे पार्टी के तेवर का स्पष्ट पता चलता है। मोदी ने कांग्रेस के तमाम आरोपों का जवाब देने के लिए पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के पत्र और आडियो को प्रमाण के रूप में सदन पेश करके यह सिद्ध करने की कोशिश की कि सारी समस्याएं कांग्रेस की देन है और इसके मूल में नेहरू है।

मोदी ने कश्मीर की समस्या के लिए भी नेहरू को जिम्मेदार ठहराया।

कांग्रेस के नेता तो इन आरोपों का संतोषजनक जवाब भी नहीं दे पा रहे हैं। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे इतना जरूर कह रहे हैं कि मोदी गलत जानकारी देरहे है और एनडीए सरकार अपने 10 साल के कार्यकाल के बारे में गलत आंकड़े प्रस्तुत करती है। खडगे ने यह भी कहा कि मोदी का संवैधानिक संस्थाओं और संविधान मे कोई विश्वास भी नहीं है।

जानकारों का कहना है कि भाजपा की आक़ामक रणनीति, जिसका नेतृत्व खुद प्रधानमंत्री कर रहे हैं, का सीधा मतलब कांग्रेस को हर समस्या के लिए जिम्मेदार ठहरा कर विपक्षी दलों के बने गठजोड़ के दलों मे कांग्रेस के प्रति अविश्वास का भाव पैदा कर कांग्रेस को अलग थलग करना है जिसमें पार्टी काफी सफल होती दिखाई दे रही है।

सीटों के बंटवारे को लेकर ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी और आप पहले कांग्रेस को आईना दिखा चुकी हैं। उत्तर प्रदेश में भी सपा से गठबंधन का पेंच अभी सुलझा नहीं है। कांग्रेस के नेता बसपा से भी तालमेल की कोशिश मे बताई जाती है। ऐसा होने पर अखिलेश यादव का इंडिया गठबंधन से बाहर निकलना तय माना जा रहा है।

शरद पवार के हाथ से पुरानी पार्टी और उसका निशान निकल जाने से महाराष्ट्र में उनकी स्थिति काफी कमजोर हुई। उद्धव गुट की शिवसेना का पूरे राज्य में आधार न होने के बावजूद वह ज्यादा सीटों का दावा कर रही है। नीतिश के बाहर चले जाने से बिहार मे अब लालू के दल राजद पर ही निर्भर करता है कांग्रेस को कितनी सीटें मिलती है।

अब बात दक्षिण के राज्यों की – कर्नाटक और तेलंगाना मे, जहां कांग्रेस की सरकार है, के अलावा अन्य राज्यों – केरल, तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में कांग्रेस को सहयोग दलो से कोई खास मदद मिलने की गुंजाइश कम है। ऐसे में कांग्रेस लोकसभा सबसे बड़ा दल बनने के लिये दस प्रतिशत सीटें जीतने की चुनौती से निपटने के लिए कडी मेहनत करनी पड़ेगी।