Will the Congress disintegrate in Punjab? पंजाब में कांग्रेस टूट की कगार पर ?
*अजय कुमार चतुर्वेदी की विशेष रिपोर्ट*
विधानसभा चुनाव में शर्मनाक हार के धक्के से उबरने के लिए बेताब पंजाब में कांग्रेस के टूटने का खतरा पैदा हो गया है। आठ महीने से भी कम समय में नवजोत सिंह सिद्धू को अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने को मजबूर होना पड़ा। वैसे भी पंजाब के लगभग सभी पुराने और वरिष्ठ नेता पंजाब में कांग्रेस की बुरी हार के लिए सिद्धू को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं जबकि सिद्धू मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी पर हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं। सिद्धू ने हार की जिम्मेदारी भी नहीं ली है। सिद्धू ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने एक लाइन में ही पूरे इस्तीफे को निपटा दिया है।
जानकारों का कहना है कि सिद्धू अब कितने दिन कांग्रेस में टिकेंगे इस पर असमंजस बरकार है। बताया जाता है कि सिद्धू राजनीत से संन्यास लेने की घोषणा कर सकते हैं।
सूत्रों का कहना है कांग्रेस कार्य समिति के प्रस्ताव से भी पंजाब के पार्टी नेताओं में असंतोष है। प्रस्ताव में सोनिया गांधी के अध्यक्ष बने रहने पर मुहर लगाई गई है। कहा तो यह भी जा रहा है कि पंजाब में असंतुष्टों की संख्या ज्यादा है। और कुछ बडे नेता अगर पार्टी को छोड़ दें तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
कुछ नेताओं की तो भाजपा और आप में शामिल होने के लिए पर्दे के पीछे बातचीत भी चल रही है। पंजाब में पार्टी को और टूटने से बचाने के लिए हाईकमान ने भी फिलहाल कोई कार्ययोजना नही प्रस्तुत की।
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