महिला डॉ.नीलम कटारा को रिश्वतखोरी में दोषी पाए जाने पर 04 वर्ष का सश्रम कारावास।

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*महिला डॉ.नीलम कटारा को रिश्वतखोरी में दोषी पाए जाने पर 04 वर्ष का सश्रम कारावास।*

 *रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट* 

सेवानिवृत्ति पश्चात अव्यवसायी भत्ते की राशि के भुगतान को लेकर डॉ.नीलम कटारा ने राशि दिलवाने के लिए प्रार्थी से 5 हजार रूपए की रिश्वत की मांग की थी।मामले में पुष्टि होने पर आरोपी डॉक्टर कटारा को न्यायालय संतोष कुमार गुप्ता विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत 4 वर्ष के कठोर कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई।

शासन की ओर से पैरवी कर्ता श्रीमती रोजर चौहान,विशेष लोक अभियोजक भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ने बताया कि पिडी़त डॉ.सुरेश चन्द्र शर्मा पिता नानालाल शर्मा सेवानिवृत्त जिला आयुष अधिकारी जिला रतलाम ने लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन में शिकायत करते हुए आवेदन पत्र दिया कि वह 30.जून.2015 को आयुष विभाग से जिला आयुष अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुआं हैं,सेवानिवृत्ति पश्चात उसे अव्यवसायी भत्ते की राशि लगभग 8 लाख 96 हजार रूपए का भुगतान किया जाना हैं, डॉ.नीलम कटारा के द्वारा इस राशि के भुगतान के लिए 5 हजार रूपए की रिश्वत की मांग की जा रही हैं।

इस पर लोकायुक्त निरीक्षक प्रशांत मुकादम विपुस्था ने रिश्वत की मांग की जाने की पुष्टि की जाने के लिए आवेदक सुरेश चन्द्र को रिश्वत संबंधी बातचीत को गोपनीय रूप से रिकॉर्ड करने के लिए डिजिटल वाईस रिकॉर्डर दिया गया।और आरोपी डॉ.नीलम कटारा और सुरेश चन्द्र के मध्य हुई रिश्वत संबंधी बातचीत की रिकॉर्डिंग कराई गई।

रिश्वत की मांग प्रमाणित पाए जाने पर 03.नवम्बर.2015 को आरोपी के आयुष अधिकारी कार्यालय में की गई तथा आरोपी डॉ.नीलम कटारा को आवेदक सुरेश चन्द्र से 4 हजार रूपए रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त के निरीक्षक प्रशांत मुकादम द्वारा पकड़ा गया।और मौके पर आरोपी के हाथों को सोडियम कार्बोनेट पाउडर के घोल से धुलवाया गया तो घोल का रंग गुलाबी हो गया।

बता दें कि आरोपी ने रिश्वत के नोट लेकर अपने काले रंग के हेण्ड बैग में रख लिए थे।जिसे पंच मुकेश त्रिवेदी ने आरोपी डॉ. नीलम कटारा से रिश्वत की राशि के बारे में पूछा तो अपने हेण्ड बैग में रखना बताया।

तब मुकेश त्रिवेदी ने काले रंग के हेण्ड बैग में से रिश्वत की ली गई राशि निकाली और गिनी तो 4 हजार रूपए थे।

इन करेंसी नोटो के नंबरों का मिलान किए जाने पर जप्त नोट वही नोट पाए गए जो लोकायुक्त कार्यालय में फिनाफ्थीलीन पावडर लगाकर आवेदक की जेब में रखवाए थे।

वहीं एफ.एस.एल. द्वारा रासायनिक परीक्षण में आरोपी के हाथ धुलवाने के घोल और हेण्ड बैग के ऊपर की जेब जिसमें रिश्वत की राशि रखी गई थी जो पोंछने के घोल में फिनाफ्थलीन का परीक्षण धनात्मक पाया था।

विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त उज्जैन के विशेष प्रकरण क्रमांक 02/2017 में विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) संतोष कुमार गुप्ता ने अपने फैसले में डॉ.नीलम कटारा पिता विजय सिंह कटारा आयु 33 वर्ष तत्कालीन जिला आयुष अधिकारी,जिला रतलाम को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धाराओं 13 (1) डी सहपठित धारा 13 (2) में दोषसिद्ध पाते हुऐ 04 वर्ष के सश्रम कारावास तथा कुल 1 हजार रूपए के अर्थ दण्ड से दण्डित कर आरोपी को जेल

भेजा गया।