निर्वस्त्र अवस्था में मिला महिला का शव:उमंग सिंगार ने उठाया महिला सुरक्षा पर सवाल

172

निर्वस्त्र अवस्था में मिला महिला का शव:उमंग सिंगार ने उठाया महिला सुरक्षा पर सवाल

ग्वालियर: मध्यप्रदेश के ग्वालियर में नारायण विहार क्षेत्र की झाड़ियों में अज्ञात महिला का निर्वस्त्र शव मिलने की घटना ने महिला सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह न केवल अमानवीय है बल्कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की विफलता को भी उजागर करती है।

● मामला कैसे सामने आया
○ सोमवार शाम करीब 5:30 बजे राहगीरों को झाड़ियों में महिला का शव पड़ा हुआ मिला। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। महिला के शरीर पर चोट के निशान और निर्वस्त्र अवस्था को देखते हुए शुरुआती जांच में दुष्कर्म और हत्या की आशंका जताई जा रही है।

● शव की स्थिति और पहचान
○ महिला का शव गंभीर रूप से घायल और निर्वस्त्र हालत में मिला। अभी तक महिला की पहचान नहीं हो पाई है और उसके पास कोई पहचान पत्र या दस्तावेज नहीं मिला। पुलिस आसपास के सीसीटीवी फुटेज और गुमशुदा महिला रिपोर्टों की जांच कर रही है।

● पुलिस की कार्रवाई
○ पुलिस ने घटनास्थल को सुरक्षित कर गहन जांच शुरू कर दी है। पोस्टमॉर्टम और फोरेंसिक टीम द्वारा जुटाई गई जानकारी के आधार पर अपराधियों की पहचान की कोशिश जारी है। आसपास के थानों से मदद ली जा रही है और संभावित गवाहों से पूछताछ की जा रही है।

● नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार का बयान
○ नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने इस घटना पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि यह प्रदेश में महिला सुरक्षा की भयावह सच्चाई को उजागर करती है। उन्होंने कहा कि सरकार की विफल कानून व्यवस्था और खोखले वादे महिलाओं के लिए खतरा बन गए हैं। उमंग सिंगार ने मांग की है कि इस जघन्य अपराध की तत्काल, निष्पक्ष और प्रभावी जांच की जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए। साथ ही उन्होंने प्रदेश में महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था को मजबूत करने के ठोस कदम उठाने पर भी जोर दिया।

● स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया और सुरक्षा पर सवाल
○ घटना स्थल और आसपास के निवासी बेहद नाराज हैं। लोगों का कहना है कि घर में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। यह घटना प्रदेश में लगातार बढ़ रहे दुष्कर्म, हत्या और अत्याचार की घटनाओं के बीच और भी चिंता का विषय बन गई है।

● कानून व्यवस्था की चुनौती
○ यह घटना महिला सुरक्षा की गंभीर स्थिति और कानून व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर करती है। प्रदेश सरकार पर आरोप हैं कि बड़े-बड़े दावे और राजनैतिक भाषणों के बावजूद जमीनी सुरक्षा उपाय पर्याप्त नहीं हैं।