Women Empowerment:महाराष्ट्र में पहली बार 3 शीर्ष प्रशासनिक पदों पर IAS,IPS और IFS महिला अधिकारी!

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Women Empowerment:महाराष्ट्र में पहली बार 3 शीर्ष प्रशासनिक पदों पर IAS,IPS और IFS महिला अधिकारी!

मुंबई : Women Empowerment: महाराष्ट्र में पहली बार 3 शीर्ष प्रशासनिक पदों CS,DGP और वन प्रमुख पर IAS,IPS और IFS महिला अधिकारी पदस्थ है।
IAS सुजाता सौनिक, IPS रश्मि शुक्ला और IFS शोमिता बिस्वास महाराष्ट्र में अखिल भारतीय सेवाओं के क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण के प्रतीक के रूप में एक उत्कृष्ट उदाहरण बनकर सामने आई है। ये तीनों महिला अफसर अपने कैडर की सेवाओं का नेतृत्व कर रही हैं।

महाराष्ट्र की मुख्य सचिव, IAS सुजाता सौनिक:
30 जून को महाराष्ट्र की पहली महिला मुख्य सचिव बनकर सुजाता सौनिक ( IAS:1987 बैच) ने इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया। गौरतलब है कि उनके पति श्री मनोज सौनिक भी IAS अधिकारी रहे हैं और पिछले साल ही राज्य के मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। इस तरह यह पहली बार है कि पति-पत्नी दोनों को राज्य का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है!

श्रीमती सुजाता सौनिक हार्वर्ड विश्वविद्यालय के हार्वर्ड टीएच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में 2017-2018 टेकमी फेलो हैं और उन्होंने 2019 में सार्वजनिक स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन मुद्दों पर मित्तल साउथ एशिया इंस्टीट्यूट से फेलोशिप भी पूरी की है।

महाराष्ट्र की DGP रश्मि शुक्ला IPS:
1988 बैच की IPS अधिकारी सुश्री रश्मि शुक्ला को छह महीने पहले ही राज्य का डीजीपी नियुक्त किया गया था। आईएएस सुजाता सौनिक की तरह ही आईपीएस शुक्ला भी अपने संबंधित क्षेत्र (राज्य पुलिस बल में) में सर्वोच्च पद पर आसीन होने वाली पहली महिला हैं। वह फरवरी 2021 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चली गईं और सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) में एडीजी के पद पर शामिल हुईं। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले, उन्होंने महाराष्ट्र में कई प्रमुख पदों पर काम किया, जिसमें पुणे पुलिस आयुक्त और राज्य खुफिया विंग के निदेशक के रूप में कार्य करना शामिल है।

महाराष्ट्र की प्रधान मुख्य वन संरक्षक, IFS शोमिता बिस्वास:
1988 बैच की IFS अधिकारी सुश्री शोमिता बिस्वास राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (राज्य का तीसरा सबसे महत्वपूर्ण पद) के इतिहास में पहली महिला अधिकारी बनीं।

इस प्रकार महाराष्ट्र आज प्रशासनिक क्षेत्र में पूरे देश में महिला सशक्तिकरण का एक आदर्श उदाहरण बन गया है।