Women’s Turnout is Low : पुरुष मतदाताओं में जोश ज्यादा दिखा, पर महिला मतदाता पीछे रही!

किस्मत EVM में बंद, अब 16 दिन चलेगा जीत-हार के कयासों का अनुमान

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Women’s Turnout is Low : पुरुष मतदाताओं में जोश ज्यादा दिखा, पर महिला मतदाता पीछे रही!

Indore : जिले की 9 विधानसभाओं के उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला ईवीएम में बंद हो गया। अब अगले 16 दिन तक कयासों का दौर चलेगा। हर उम्मीदवार और उनके समर्थक अपनी जीत की जोड़-बाकी का हिसाब करते रहेंगे। सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि मतदान जमकर हुआ। पिछले चुनाव के मुकाबले करीब डेढ प्रतिशत वोटिंग ज्यादा हुई। लेकिन, किसी भी विधानसभा क्षेत्र में महिला मतदाता पुरुषों से आगे नहीं निकली। जिले में 2018 से करीब डेढ़ प्रतिशत ज्यादा मतदान हुआ। शुक्रवार सुबह शुरुआत धीमी रही, लेकिन बाद में रफ़्तार बढ़ी। जिले में 73.75 % मतदान हुआ, जबकि, पिछली बार (71.75 %) से 2.3% ज्यादा है।

पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने कम मतदान किया है। 10 लाख 52 हजार 634 पुरुषों ने वोट डाले, महिला वोट 9 लाख 79 हजार 572 डाले गए। इंदौर-1 में 70.6, इंदौर-2 में 66.7, इंदौर-3 में 69, इंदौर-4 में 69.4, इंदौर-5 में 66.2, सांवेर में 77.2, देपालपुर में 80, महू में 75.6, राऊ में 74.6 प्रतिशत रहा। जिले में कुल महिलाओं का वोटिंग 71.9% रहा। किसी भी विधानसभा में महिलाओं का वोटिंग पर्सेंट पुरुषों के मुकाबले ज्यादा नहीं रहा है।

इंदौर-1, इंदौर-3, इंदौर-5 पर वोटिंग पर्सेंट में बढ़ोतरी हुई है लेकिन ग्रामीण सीटों के मुकाबले कम है। देपालपुर में 82.4 और सांवेर में 80.2% वोटिंग हुई। महू में पिछली बार से 2% वोट कम गिरे। शहरी सीटों में इंदौर-2 में 67.4 पर्सेंट और इंदौर-5 में 67.9 प्रतिशत ही वोटिंग हुई है।

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एक नंबर विधानसभा सीट प्रदेश की सबसे ज्यादा प्रतिष्ठा वाली सीट में एक है। यहां भाजपा से कैलाश विजयवर्गीय और कांग्रेस से संजय शुक्ला ने चुनाव लड़ा है। दोनों प्रत्याशी सुबह वोट डालने के बाद लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहे। दोनों ही नेता मतदान केंद्रों पर पहुंचकर कार्यकर्ताओं से बात की और मतदान प्रतिशत के बारे में जानकारी ली। संजय शुक्ला भी विधानसभा में घूमे और मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने केंद्रों पर वोट देने के लिए लाइन में लगे मतदाताओं से बात भी की।

शुरुआती मतदान कम रहा
पिछले चुनाव (2018) की तुलना में इस बार सुबह मतदान अपेक्षाकृत कम रहा। इंदौर की सभी 9 सीटों पर पिछली बार 2018 में शुरुआती दो घंटे यानी 7 से 9 बजे के बीच 14 पर्सेंट मतदान हो गया था, जो इस बार केवल 6.5% ही रहा। पिछले चुनाव में सुबह 11 बजे तक 33.7% वोट डले थे। इस बार 23.5% वोटिंग हुई।

दोपहर 1 बजे तक पिछली बार 52% वोटिंग हो गई थी, अब की बार 39.4% रही। लेकिन पिछली बार से इस समय तक पीछे चल रहा वोटिंग पर्सेंट दोपहर 1 से 3 के बीच में बढ़ा हुआ और आंकड़ा 53% पर पहुंच गया, जो पिछली बार से 2% (55.2) कम था। यहां से वोटिंग पर्सेंट में तेजी आई और देर शाम तक मतदान केंद्रों पर लोगों ने वोट डाले।

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इन सीटों पर टिकी सबकी नजरें
इंदौर-3 नंबर सीट पर दोनों ही पार्टियों ने नए चेहरों को मौका दिया। कांग्रेस से दीपक पिंटू जोशी तो बीजेपी से गोलू शुक्ला उम्मीदवार हैं। गोलू को आखिरी समय पर पार्टी ने प्रत्याशी बनाया। जबकि पिंटू के टिकट के लिए भी लंबे समय तक जोड़तोड़ चली थी। 2018 के चुनाव में इंदौर-3 का वोट पर्सेंट 70.4% था। जबकि इस बार चुनाव में वोट पर्सेंट बढ़कर 71.24 पर्सेंट पर पहुंच गया है। यानी करीब सवा पर्सेंट वोट बढ़ा है। ऐसे में वोट पर्सेंट बढ़ने का फायदा किसे मिला ये तो 3 दिसंबर को पता चलेगा लेकिन बीजेपी और कांग्रेस दोनों दल के नेता अब अपनी जीत के गुणा-भाग में लग गए हैं।

इंदौर-5 नंबर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी सत्यनारायण पटेल और बीजेपी से महेंद्र हार्डिया के बीच मुकाबला था। 2018 में यहां वोट पर्सेंट 65.7 था। इस बार 67.90 पर्सेंट मतदान हुआ है। पिछला चुनाव कांग्रेस प्रत्याशी 1132 वोट से हारे थे। ऐसे में बढ़ा हुआ मतदान प्रतिशत किसके पक्ष में गया इसे लेकर अब समीक्षा का दौर शुरू हो गया है। राऊ सीट पर भी 2018 में वोट पर्सेंट 74.6 था, जो इस बार बढ़कर 76 पर्सेंट पहुंच गया है।