मजदूर की मौत: MLA के हस्तक्षेप के बाद मजदूरों की हड़ताल समाप्त

555
मजदूर की मौत: MLA के हस्तक्षेप के बाद मजदूरों की हड़ताल समाप्त

मजदूर की मौत: MLA के हस्तक्षेप के बाद मजदूरों की हड़ताल समाप्त

खरगोन से आशुतोष पुरोहित की रिपोर्ट

खरगोन: जिले के सेल्दा स्थित एनटीपीसी पावर प्लांट में मजदूर की मौत का मामले में बड़वाह विधायक सचिन बिरला के हस्तक्षेप के बाद प्लांट पर हड़ताल पर बैठे मजदूरों ने हड़ताल समाप्त की। दरसहल बुधवार की सुबह एनटीपीसी के पावर प्लांट पर खंडवा जिले के निवासी बलदाऊ राठौर की बिल्डिंग से 30 फीट नीचे गिरने में दर्दनाक मौत हो गई थी। मजदूर की मौत के बाद आक्रोशित परिजन और मजदूरो ने करीब 24 घन्टे अधिक समय तक पोस्टमार्टम नही होने दिया था।
लामबंद मजदूरों ने आज सुबह से एनटीपीसी के पावर प्लांट के बाहर हडताल शुरू कर दी थी। मजदूरों के आक्रोश के चलते भारी पुलिस बल के साथ बडवाह एसडीएम और एसडीओपी मौके पर पहुंच गये थे। लेकिन 50 लाख रूपये की आर्थिक सहायता और मजदूर के एक परिजन को नौकरी की मांग को लेकर मजदूर अड गये थे।

मृतक के बंजारा समाज के लोग भी मौके पर पहुंच गये थे। प्रशासन की समझाइश के बाद भी मजदूर एनटीपीसी पर बडी लापरवाही का आरोप लगाकर अपनी मांग पर अडे हुए थे।

मौके पर पहुंचे बडवाह विधायक सचिन बिरला के हस्तक्षेप और एनटीपीसी के प्रबंधन से चर्चा के बाद मृतक के परिजनों को 5 लाख 50 हजार रुपए की नकद आर्थिक सहायता देने के आश्वासन के बाद मामले का पटाक्षेप हुआ। विधायक की पहल पर परिजन ने शव का पोस्टमार्टम कराकर अंतिम संस्कार के लिये लेकर रवाना हुए। नाराज परिजन और मजदूरो ने मजदूर का पोस्टमार्टम तक नही कराया था। गौरतलब है की 24 वर्षीय बलदाऊ की शादी 6 माह पहले ही हुई थी। मृतक मजदूर की पत्नि 4 माह की गर्भवती है। विधायक सचिन बिरला ने बताया कि एनटीपीसी प्लान्ट में दुखद घटना हुई है। सरकार, प्रशासन, मजदूर संघ और जनप्रतिनिधि मृतक बलदाऊ राठौड़ के परिजन के साथ है। एनटीपीसी के प्रबंधन के कनौजिया जी और सत्यकाम से चर्चा के बाद मृतक के परिजनों को साढे 5 लाख रूपये की आर्थिक सहायता का निर्णय हुआ है। एक लाख रूपये मृतक के परिजनो को तत्काल दिये गये है। साथ ही 4 लाख रूपये की बीमे की राशि और 36 माह तक प्रति माह 8 हजार 400 रुपए कुल 35 लाख रूपये मृतक की पत्नी को एनटीपीसी देगी। शोक के समय सभी लोग मृतक मजदूर के साथ है। हडताल समाप्त हो गई है। विधायक बिरला की पहल के बाद मजदूर परिवार को जहाॅ आर्थिक सहायता मिल गई और तूल पकडता मामले के समाप्त होने से प्रशासन विशेष कर पुलिस ने राहत की सांस ली।