
World Environment Day and Seed Festival 2025 : देसी बीजों की रक्षा, पारंपरिक कृषि ज्ञान और पर्यावरणीय संतुलन के लिए बीज उत्सव!
Ratlam : पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में जिले के बाजना ब्लॉक के ग्राम छावनी कमजी में कृषि एवं आदिवासी स्वराज संगठन द्वारा वाग्धारा संस्था के मार्गदर्शन में बीज उत्सव कार्यक्रम संपन्न हुआ। यह उत्सव राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात के सीमावर्ती आदिवासी जिलों में एक साथ मनाया गया। जिसका उद्देश्य देसी बीजों की रक्षा, पारंपरिक कृषि ज्ञान को सहेजना और पर्यावरणीय संतुलन को बढ़ावा देना है। इस आयोजन के माध्यम से महिला किसानों के पारंपरिक ज्ञान को मान्यता देना, देसी बीजों की उपलब्धता और विविधता को बढ़ाना तथा गांव-गांव में बीज उत्पादन और संग्रहण की संस्कृति को पुनर्जीवित करना आदि प्रमुख उद्देश्य रहें। उत्सव में 4 गांव से लगभग 89 किसानों ने भाग लिया! इस प्रदर्शन में अलग-अलग प्रकार के 82 बीज आए थे जिसमें से 39 महिलाओं द्वारा बीजों का आदान-प्रदान किया गया। जिनमें महिलाओं की भागीदारी विशेष रूप से उल्लेखनीय रही।

बीज उत्सव के दौरान समुदाय द्वारा बीज प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें कोदोरा, कुरी, भादला, कांगनी, चीना, कुरी, अशोक , अदरक, गूंदी, तिल, उड़द, मूंग, चवली, सफेद मक्का, लाल मक्का, ज्वार, बाजरा, धान पथरिया, बासमती धान, जीरा देशी भिंडी, धनिया, हल्दी, टिमरू, जामुन, सागवान, ऊंबिया, अनार, सन जैसे देसी बीजों का प्रदर्शन किया गया व बीजों का आपस में आदान-प्रदान किया। ब्लॉक सहजकर्ता रेणुका पोरवाल ने पर्यावरण संरक्षण हेतु पौधा रोपण, बीज प्रदर्शनी व बीज के आदान-प्रदान के महत्त्व पर चर्चा की। सहजकर्ता मोहन भूरिया ने बीजों की उपज क्षमता, जलवायु अनुकूलता और पोषण संबंधी जानकारी भी साझा की गई। तकनीकी सहयोग इकाई से मनीष दीक्षित ने ओषधीय व स्थानीय पौधों के महत्त्व के बारे में बताया और क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण का संकल्प दिलवाया।

सहजकर्ता काली भूरिया व आभा चरपोटा ने स्थानीय बीज उपचार व सीड बॉल सम्बंधित डेमो कर बताया। इस उपरान्त समुदाय द्वारा 100 से अधिक सीड बॉल तैयार किए गए और पौधारोपण किया गया। इस अवसर पर महिलाओं ने पारंपरिक गीतों, कहानियों और अनुभवों के माध्यम से यह संदेश दिया कि स्थानीय बीज व पेड़-पोधें हमारी संस्कृति, पर्यावरणीय चेतना और पोषण के प्रतीक हैं। कार्यक्रम के समापन पर सभी प्रतिभागियों ने सामूहिक रूप से यह संकल्प लिया कि वे अपने गांवों में देसी बीजों का संरक्षण करेंगे व ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करेंगे व अगली पीढ़ियों को इसका महत्व सिखाएंगे और खेती को टिकाऊ व आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्यरत रहेंगे।

संस्था प्रतिनिधि ने अपने संदेश में कहा, बीज उत्सव केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि व्यवहारिक बदलाव का आंदोलन है। बीज उत्सव में सहयोग व सक्रीय सहभागिता करने वाले मानसिंह डामर, आशा सुपरवाइजर, शांतु चरपोटा, ग्राम स्वराज और सक्षम समूह सदस्य कर्मा बाई, शांति बाई, अंजना बाई, शारदा बाई, इंद्रा बाई, रतना, भगत, लाली बाई, बॉल स्वराज समूह से सुमित, कृष्णा, सलोनी, रितेश, रोशनी, सामुदायिक सहजकर्ता बालाराम चरपोटा, लक्ष्मी बोरिया, प्रवीण चरपोटा, बालचंद डामोर, रमेश चरपोटा, कपिल वसुनिया, आभा चरपोटा आदि का रहा!





