World Health Day 2024: मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार

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विश्व स्वास्थ्य दिवस 2024 पर

    World Health Day 2024: मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार

डॉ तेज प्रकाश पूर्णानन्द व्यास
अमेरिकन हार्ट एसोसियेशन: ह्यूमन हार्ट केयर एवम लाइफ सपोर्ट काउंसलर

सुस्वास्थ्य ,सफलता और प्रसन्नता मानव का जन्म सिद्ध अधिकार है । कर्मण्यता और सकारात्मकता का जीवन जीएं। आयुर्वेद  की अभ्युक्ति जीवन को सुस्वास्थ्य के साथ श्रेयस्कर जीवन जीने की प्रेरणा देता है।दुनिया भर में लाखों लोगों के स्वास्थ्य का अधिकार तेजी से खतरे में पड़ रहा है।

मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार के प्रेरक उद्देश्य से 7 अप्रेल रविवार का दिवस जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस दिवस की प्रेरणा और अनुकरणीयता पूरे वर्ष पर्यन्त स्वयं ,समाज और समग्र रूप से संपूर्ण वसुंधरा को नैसर्गिक अभियान बनाने में सार्थकता है।

विश्व स्वास्थ संगठन के अनुसार:

बीमारियाँ और आपदाएँ मृत्यु और विकलांगता के कारणों के रूप में सामने आती हैं।

संघर्ष जीवन को विनाशकारी बनाते हैं, जिससे मृत्यु, दर्द, भूख और मनोवैज्ञानिक संकट होता है।

जीवाश्म ईंधन का जलना एक साथ जलवायु संकट को बढ़ा रहा है और स्वच्छ हवा में सांस लेने के हमारे अधिकार को छीन रहा है, साथ ही इनडोर और आउटडोर वायु प्रदूषण हर 5 सेकंड में एक जीवन को छीन रहा है।

सभी के लिए स्वास्थ्य के अर्थशास्त्र पर डब्ल्यूएचओ परिषद ने पाया है कि कम से कम 140 देश अपने संविधान में स्वास्थ्य को मानव अधिकार के रूप में मान्यता देते हैं। फिर भी देश यह सुनिश्चित करने के लिए कानून पारित या व्यवहार में नहीं ला रहे हैं कि उनकी आबादी स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचने की हकदार है। यह इस तथ्य को रेखांकित करता है कि कम से कम 4.5 बिलियन लोग – दुनिया की आधी से अधिक आबादी – 2021 में आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं द्वारा पूरी तरह से कवर नहीं किए गए थे।

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इस प्रकार की चुनौतियों से निपटने के लिए विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रेल 2024 का विषय ‘मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार’ है।

इस वर्ष की थीम गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और सूचना के साथ-साथ सुरक्षित पेयजल, स्वच्छ हवा, अच्छा पोषण, गुणवत्तापूर्ण आवास, सभ्य कार्य और पर्यावरणीय स्थिति और स्वतंत्रता तक पहुंच के हर किसी के अधिकार को चैंपियन बनाने के लिए चुनी गई है।

विश्व स्वास्थ्य दिवस हर साल 7 अप्रैल को मनाया जाता है। यह दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा दुनिया भर में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने और लोगों को प्रभावित करने वाले स्वास्थ्य मुद्दों पर कार्रवाई करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए आयोजित किया जाता है।

चिर स्वस्थ जीवन हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है। तो इस अधिकार को जीवन्त रखने के लिए आवश्यक है कि उपयोगी नियमों का पालन करें ।

अच्छा स्वास्थ्य और दीर्घ जीवन जीने के लिए कई चीज़ें ज़रूरी होती हैं, जैसे कि जीन, वातावरण और हमारी दैनिक आदतें। वैसे तो जीन भी लंबा जीवन जीने में भूमिका निभाते हैं, लेकिन हमारी आदतें आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं। इस विज्ञान परक लेख में हम दैनिक जीवन में श्रेष्ठ अपनाई जाने वाली आदतों के बारे में जानेंगे जो हमें दीर्घ जीवन जीने में मदद कर सकता है।

विश्व स्वास्थ संगठन के अनुसार:

सभी के लिए स्वास्थ्य के अर्थशास्त्र पर डब्ल्यूएचओ परिषद ने पाया है कि कम से कम 140 देश अपने संविधान में स्वास्थ्य को मानव अधिकार के रूप में मान्यता देते हैं। फिर भी देश यह सुनिश्चित करने के लिए कानून पारित या व्यवहार में नहीं ला रहे हैं कि उनकी आबादी स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचने की हकदार है। यह इस तथ्य को रेखांकित करता है कि कम से कम 4.5 बिलियन लोग – दुनिया की आधी से अधिक आबादी – 2021 में आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं द्वारा पूरी तरह से कवर नहीं किए गए थे।

इस प्रकार की चुनौतियों से निपटने के लिए विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रेल 2024 का विषय ‘मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार’ है।

इस वर्ष की थीम गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और सूचना के साथ-साथ सुरक्षित पेयजल, स्वच्छ हवा, अच्छा पोषण, गुणवत्तापूर्ण आवास, सभ्य कार्य और पर्यावरणीय स्थिति और स्वतंत्रता तक पहुंच के हर किसी के अधिकार को चैंपियन बनाने के लिए चुनी गई है।

विश्व स्वास्थ्य दिवस हर साल 7 अप्रैल को मनाया जाता है। यह दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा दुनिया भर में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने और लोगों को प्रभावित करने वाले स्वास्थ्य मुद्दों पर कार्रवाई करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए आयोजित किया जाता है।

चिर स्वस्थ जीवन हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है। तो इस अधिकार को जीवन्त रखने के लिए आवश्यक है कि उपयोगी नियमों का पालन करें ।

अच्छा स्वास्थ्य और दीर्घ जीवन जीने के लिए कई चीज़ें ज़रूरी होती हैं, जैसे कि जीन, वातावरण और हमारी दैनिक आदतें। वैसे तो जीन भी लंबा जीवन जीने में भूमिका निभाते हैं, लेकिन हमारी आदतें आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं। इस विज्ञान परक लेख में हम दैनिक जीवन में श्रेष्ठ अपनाई जाने वाली आदतों के बारे में जानेंगे जो हमें दीर्घ जीवन जीने में मदद कर सकता है।

आयुर्वेद में स्वास्थ्य की परिभाषा

“सम दोष सम अग्निश्च सम धातु मंगल क्रियाहा|”
अलौकिक आत्मा इंद्रिय मनः स्वस्थ इति अभिधीयते” – सुश्रुत संहिता

अर्थ: जब व्यक्ति के
तीन दोष (वात, पित्त और कफ) पाचन अग्नि (पाचन, पित्त और कफ) पाचन अग्नि ( पाचन तंत्र, सिद्धांत) (संपूर्ण भौतिक शरीर) से सभी कार्य (शारीरिक कार्य) से होता है मन, इन्द्रियाँ और आत्मा के साथ मूत्र और शौच का कार्य सही क्रम में होता है। तीन दोष: वात , पित्त और कफ तीन कार्यात्मकताएं हैं, जो किसी के जीवन के सभी शारीरिक, सिद्धांतों और सैद्धांतिक सिद्धांतों को नियंत्रित करती हैं। उनमें से प्रत्येक के अत्याधुनिक उपविभाग हैं, जो सूक्ष्मता से गुंथे हुए हैं। आयुर्वेद में विस्तार से बताया गया है कि वे कैसे काम करते हैं और उनका संतुलन कैसे बना रहता है और जब वे असंतुलित हो जाते हैं तो उनका संतुलन कैसे बना रहता है।

स्वस्थता के सरल नियमों का पालन  करें—

1 शरीर को रखें सक्रिय
शारीरिक रूप से सक्रिय रहना वजन को संतुलित रखने, दिल और दिमाग को मजबूत बनाने, रक्त संचार को बेहतर बनाने और मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद करता है। लक्ष्य यह रखें कि हम हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट व्यायाम करें ।
साथ ही हृदय मस्तिष्क सुरक्षा , मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाली योग , प्राणायाम एवम एक्सरसाइज भी ज़रूर करें।

2 ओम का उच्चारण करें।
ओम का उच्चारण करें ।
जब हम ओम का उच्चारण करते हैं तो नाइट्रिक ऑक्साइड 15 गुना अधिक पैदा होती है । नाइट्रिक ऑक्साइड रक्त वाहिनियों फैलाव करने में मदद करते हैं। इससे हमारे शरीर की ट्रिलियन कोशिकाओं को शुद्ध रक्त मिलता है। शरीर ऊर्जावान बनाता है ।

3 प्रातः भ्रमण
पैदल चलना सबसे सरल और सबसे अधिक लाभ देने वाली एक नैसर्गिक विधा है। सूर्योदय उपरांत ,सूर्य की किरणे धरती समीप रात के घनीभूत पेट्रोल डीजल को इवापरेट कर प्रकृति को प्रदूषण शून्य बनाने में मदद करती है ।तो सूर्योदय उपरांत नंगे पैर दूब पर चलिए। सूर्योदय उपरांत अपनी सामर्थ्य अनुरूप 100 से 100000 कदम चलिए । पैदल चलना समग्र शरीर की श्रेयस्कर एक्सरसाइज है।

नियम तो शरीर की क्षमता अनुसार रखिए । धीरे धीरे पैदल चलने की क्षमता बढ़ती चली जाएगी । दूब पर चलना अधिक श्रेयस्कर । चल सकते हैं तो 20 ,20 मिनिट के तीन भागों में चलिए , विशेषकर बढ़ी उम्र के मानव । तय स्पॉट पर 20 मिनिट पैदल चलकर 5 मिनट का रेस्ट दीजिए । शुद्ध पानी पीने के लिए साथ रखिए। आवश्यकतानुसार पानी पीते रहिए। शरीर हाइड्रेटेड बना रहना अति आवश्यक है। पसीना पोछने के लिए तौलिया भी साथ रखिए । एक स्टिक भी स्वसुरक्षा के लिए रखें । सुस्वस्थता मानव का जन्म सिद्ध अधिकार है , तो स्वास्थ्य सुरक्षा के उपक्रम तो पालने ही पड़ेंगे । पैदल चलने से मानव का संपूर्ण शक्तिमान बना रहता है।

4 स्वस्थ आहार:
शाकाहार ही सर्वोत्कृष्ट आहार है।
आयुर्वेद वृहस्पति पण्डित पूर्णानन्द व्यास के अनुसार शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए शाकाहार का सेवन किया जाता है। आहार शुद्ध और पवित्र होना आवश्यक है। उपनिषदों में कहा गया है कि ‘जैसा अन्न वैसा मन’ अर्थात हम जैसा भोजन करते हैं, उसी के अनुसार हमारा मानसिक विकास होता है।

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शुद्ध एवं उचित आहार भगवान की उपासना का एक अंग है। भोजन करते समय किसी भी अपवित्र खाद्य पदार्थ को ग्रहण करना निषिद्ध है। यही कारण है कि भोजन करने से पूर्व भगवान को भोग लगाने का विधान है जिससे कि हम केवल शुद्ध और उचित आहार ही ग्रहण करें। श्रीमद्भगवद् गीता के सत्रहवें अध्याय में भोजन के तीन प्रकारों सात्विक, राजसिक एवं तामसिक का उल्लेख मिलता है। यहां सात्विक भोजन ही वर्णन किया जा रहा है।
सात्विक आहार शरीर के लिए लाभकारी होते हैं और आयु, गुण, बल, आरोग्य तथा सुख की वृद्धि करते हैं। इस प्रकार के आहार में गौ घृत (विज्ञान: गाय के घी का लो ग्लिसीमिक इंडेक्स होता है, 15 से 20 एम एल मात्रा , हृदय मस्तिष्क और पैंक्रियाज के लिए लाभकारी याने हृदय रोगी और मधुमेह रोगी के लिए भी लाभ प्रद है।), गौ दुग्ध, मक्खन, बादाम, काजू, किशमिश आदि मुख्य हैं।आइए अब विज्ञान की ओर उन्मुख होवे।

इंद्र धनुषी रंग कर फलों और सब्जियों के उपयोग से हमें विपुल मात्रा में विटामिन और मिनरल मिलते हैं ।

फल, सब्जियां, दालें, साबुत अनाज ,अंकुरित अनाज , मिलट्स, ज्वार बाजरा, सलाद से भरपूर संतुलित आहार खाने से पोषक तत्व, एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर मिलते हैं, जो जीवन में दीर्घ समय तक स्वस्थ रहने में मदद करते हैं।

बैकरी प्रोडक्ट्स, पैकेटबंद खाने की चीज़ें, साफ्ट ड्रिंक्स फेंटा कोकोकोला , मीठे पेय पदार्थ , बाजार में बार बार उसी उबले तेल के समोसे कचोरी आलूबड़ों पर नियंत्रण करें।

हारवर्ड मेडिकल स्कूल एवम विश्व के श्रेष्ठ संस्थानों के ऑनलाइन के अध्ययन के अनुसार फर्मेंटेड फूड यथा इडली , खमन, डोसा, दही बड़ा , ढोकला, कांजीवड़ा, दही का उपयोग सर्वोत्तम समझता हूं । पाचन उत्तम से हृदय, मस्तिष्क, लंग्स तथा सम्पूर्ण शरीर स्वस्थता पाता है । आधा किलो दही में 2 लीटर पानी मिला छाछ बनाकर पानी की तरह नियमित पीता हूं । काया स्वस्थ और ऊर्जावान बनी रहती है ।
जैसा खाओगे अन्न, वैसा होगा मन । जैसा पियोगे पानी , वैसी होगी वाणी।

5 अच्छी नींद:
अच्छी नींद शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है। हैप्पी हार्मोंस का स्त्राव स्वस्थता प्रदान करता है। रात 7 से 9 घंटे की नींद ज़रूर लें ताकि हमारा शरीर को पूरा आराम मिल सके, और ऊर्जा से ओतप्रोत हो जावे।

सोने से 2 घंटे पूर्व इलेक्ट्रॉनिक उपकरण , मोबाइल को भी सुला देवें। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को दूर रखें।

6 तनाव कम से शून्य तक करें

तनाव न पालें । जो भी जीवन के चैलेंज हैं, उनका बुद्धिमानी पूर्वक हल निकालें।
तनाव स्वास्थ्य के लिए कतई उचित नहीं।
मन को शांत करने वाली तकनीकें यथा ध्यान, गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज, अनुलोम विलोम, योग करें या उद्यान में भी समय बिताए। बच्चों के साथ खेलें।

Government Issued Instructions to all Doctors: 5 साल पुराने डायबिटीज मरीजों कीआंख व पैरों की जांच करना अनिवार्य!

7 लोगों से जुड़े रहें:
अभी फाग उत्सव मनाया ।लोगों से जुड़े। हास्य फिल्म देखें। अच्छे सामाजिक पारिवारिक रिश्ते और समाज से जुड़ाव मानसिक सुस्वास्थ्य और दीर्घ जीवन देते हैं ।
दोस्तों, परिवार , शिक्षक और रिश्तेदारों के साथ नियमित रूप से बातचीत भी तनाव रहित रखता है।

8 शराब का कम सेवन नहीं शून्य करें:
अत्यधिक शराब का सेवन लीवर की बीमारी, हृदय संबंधी समस्याओं और कुछ खास तरह के कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।शराब शून्य जीवन ही श्रेष्ठ है।

9 तंबाकू का सेवन न करें:

धूम्रपान दुनिया भर में होने वाली मौतों का एक मुख्य कारण है और यह कैंसर, हृदय रोग और सांस संबंधी बीमारियों जैसी कई स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा हुआ है। लंबा जीवन जीने और स्वस्थ रहने के लिए धूम्रपान स्वयं न करें और दूसरों के धूम्रपान से दूर रहें।

10 नियमित स्वास्थ्य जांच

नियमित स्वास्थ्य जांच और जांच से संभावित स्वास्थ्य समस्याओं का शीघ्र पता लगाने में मदद मिल सकती है, जिससे समय पर उपचार किया जा सकता है। रक्तचाप जांच, कोलेस्ट्रॉल परीक्षण,लिपिड परीक्षण, मैमोग्राम और कोलोरेक्टल स्क्रीनिंग जैसी स्क्रीनिंग के लिए चिकित्सक अनुशंसित सभी दिशानिर्देशों का पालन करें।

.11 स्वस्थ वजन बनाए रखें

मोटापा कई पुरानी बीमारियों के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है और जीवन के लिए हानिकर है। संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के संयोजन के माध्यम से स्वस्थ वजन बनाये । स्वस्थ सीमा के भीतर बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) का लक्ष्य रखें।

Kaavy Gosthee Organized by Bavisa Brahmin Pratibha Manch:”ब्राह्मणों का कर्म है लेखन करना क्योंकि साहित्य मस्तिष्क के प्रबोधन और बुद्धि के परिमार्जन का परिणाम है.”