
World Soil Day : वागधारा संस्था द्वारा 100 गांवों में मृदा संरक्षण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित, 4 हजार ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा!
Ratlam : जिले के आदिवासी अंचल के ग्राम रामपुरिया एवं बगली में शुक्रवार को विश्व मृदा दिवस के मौके पर मृदा के महत्व और संरक्षण, उर्वरा शक्ति तथा अन्य विषयों पर जानकारी दी गई जिसमें 4 हजार से अधिक लोगों ने भागीदारी की। कार्यक्रम में समाजसेवी रेणुका पोरवाल ने मिट्टी के महत्व, उर्वरा शक्ति में कमी और रासायनिक खादों के होने वाले दुष्प्रभाव की जानकारी दी। इस अवसर पर कृषि विशेषज्ञ दिनेश कुमार ने घर पर ही परंपरागत तरीके से मिट्टी परीक्षण करने, मिट्टी की उर्वरा क्षमता पहचानने और प्राकृतिक खेती के लाभों पर ग्रामीणों को सरल मार्गदर्शन दिया।
सभी आदिवासी अंचलों में में समाजसेवी रेणुका पोरवाल तथा कृषि विशेषज्ञ दिनेश कुमार ने मौजूद ग्रामवासियों को शपथ ग्रहण करवाई!
कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण समुदाय में मिट्टी संरक्षण, जल-जंगल-जमीन के महत्व और सतत कृषि की आवश्यकता पर जागरूकता बढ़ाना रहा। कार्यक्रम में 4 हजार से अधिक ग्रामीणों ने भागीदारी की जिनमें ग्राम रामपुरिया, बगली के ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और मृदा की सामूहिक रूप से आरती उतारी गई। बता दें कि विश्व मृदा दिवस हर साल 5 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन मृदा के महत्व और उसके संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। इस दिन को संयुक्त राष्ट्र ने 2014 में आधिकारिक तौर पर मनाने की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य मृदा के महत्व को बढ़ावा देना और उसके संरक्षण के लिए काम करना हैं!





