
World Tourism Day 2025: एक मुलाकात -गृहिणी से पर्यटन विशेषज्ञ तक की एक प्रेरक यात्रा करनेवाली रश्मि तिवारी से
डॉ. रूचि बागड़देव की विशेष प्रस्तुति
World Tourism Day 2025: विश्व पर्यटन दिवस हर साल 27 सितंबर को मनाया जाता है.भारत सहित कई देशों की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर है. 2025 की थीम “पर्यटन और सतत परिवर्तन” रोजगार और स्थानीय विकास पर जोर देती है. पर्यटन न सिर्फ लोगों को नई जगहों और संस्कृतियों से जोड़ता है, बल्कि किसी देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी बड़ी भूमिका निभाता है. यही कारण है कि इस दिन को दुनियाभर में खास महत्व दिया जाता है.और इसी मद्दे नजर आज हम अपने पाठकों की मुलाकात करवा रहे हैं पर्यटन के पुरुषप्रधान क्षेत्र में अपने काम के जरिये अपनी पहचान बनानेवाली एक ख़ास शक्सियत से जिन्होंने पर्यटन को अपना व्यवसाय बनाया और लम्बे समय से टूर एंड ट्रैवल्स के क्षेत्र में सफलता पूर्वक काम कर रही , इंदौर की श्रीमती रश्मि तिवारी से जिन्होंने अपने रोजगार एक अलग मुकाम हासिल किया .

रश्मि ने विवाह के बाद पंद्रह वर्षों तक पूर्ण रूप से गृहिणी जीवन जीते हुए, अपने परिवार और जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा से निभाया। जीवन के इस चरण में अनुभव और समझ को संजोते हुए, वर्ष 2015 में पर्यटन क्षेत्र को अपना कर्मक्षेत्र चुना। घर की जिम्मेदारियों के साथ-साथ इस नए क्षेत्र में सेवा देना प्रारंभ किया — और आज, सफलता की ऊँचाइयों को छू रही हैं।
रश्मि ने चर्चा के दौरान बताया कि वे उद्योग और सेवाएँ जो व्यक्तियों या समूहों के लिए यात्राओं, भ्रमणों, छुट्टियों और अन्य यात्रा-संबंधी गतिविधियों का आयोजन, योजना और सुविधा प्रदान करती हैं, टूर और ट्रैवल्स कहलाती हैं। अक्सर यह धारणा होती है कि टूर एंड ट्रैवल्स जैसे कार्य पुरुषों के लिए ही उपयुक्त हैं। आप इस क्षेत्र में क्यों और कैसे आई? इस प्रश्न पर रश्मि का कहना है कि मैं कुछ हट कर काम करना चाहती थी, जिसमें मुझे भी काम के साथ आनंद आये, मेरी यात्राओं में विशेष रूचि रही है, तो सोचा इसी को रोजगार बनाया जाए.
श्रीमती रश्मि तिवारी का मानना है कि आज के समय में महिलाएं हर फिल्ड में सफलतापूर्वक काम कर रही हैं तो कोई भी क्षेत्र पुरुष प्रधान या महिलाओं के लिए प्रतिबंधित नहीं होना चाहिए, रश्मि नेइस सोच को चुनौती दी और सिद्ध किया कि एक महिला किसी भी क्षेत्र में पूरी लगन, मेहनत और ईमानदारी के साथ उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती है।
रश्मि ने समझाया कि टूर एंड ट्रैवल्स में क्या अंतर है और क्या है यह व्यवसाय वे बताती है-

मैं मुख्य रूप से बड़े-बड़े समूहों के साथ काम करती हूँ — जैसे स्कूल और कॉलेज के छात्र-छात्राएँ, शिक्षकगण, जैन सामाजिक समूह आदि। जिन संस्थानों के साथ मैंने सफलतापूर्वक यात्राएँ की हैं, उनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
मैक्रो विज़न अकैडमी,इंदौर पब्लिक स्कूल, इंदौर लॉ कॉलेज, प्रज्ञा स्कूल, प्रेस्टिज पब्लिक स्कूल, विद्यांजलि स्कूल, दिल्ली पब्लिक एलिमेंटरी, गुरु तेग बहादुर स्कूल, हिमालय स्कूल, अरिहंत कॉलेज, आदि।
हर यात्रा में हमारी पूरी टीम समर्पित रूप से कार्य करती है, और मैं गर्वपूर्वक उस टीम को नेतृत्व देती हूँ। एक आयोजक के रूप में मेरी जिम्मेदारियों में शामिल हैं:
* ट्रेन, फ्लाइट और बस की बुकिंग
* होटल और भोजन की व्यवस्था
* दर्शनीय स्थलों का चयन और प्रवेश टिकट
* पानी की बोतलें, गेम्स, म्यूज़िक, डीजे, नाइट एक्टिविटीज आदि की योजना
मैं अपने काम को सिर्फ एक ज़िम्मेदारी नहीं, बल्कि एक व्यक्तिगत यात्रा मानकर करती हूँ। जब मैं किसी टूर को प्लान करती हूँ, तो उसे ऐसे जीती हूँ जैसे मैं स्वयं उस यात्रा का हिस्सा हूँ — और शायद इसी वजह से हर टूर बेहद खूबसूरत बन जाता है।
मेरे लिए पर्यटन केवल स्थानों का भ्रमण नहीं, बल्कि लोगों के जीवन में यादगार अनुभव जोड़ने का माध्यम है। यह मेरा जुनून है, मेरी पहचान है — और हर सफल यात्रा मेरे दिल के बेहद करीब होती है।
मेरी पर्यटन यात्रा: भारत से विदेश तक
पर्यटन मेरे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। मैंने न केवल भारत के कोने-कोने में समूह यात्राएँ आयोजित की हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई देशों की सफल यात्राएँ संपन्न की हैं।
भारत में मेरी यात्राएँ:
मैंने पूरे भारतवर्ष में विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों, सामाजिक संस्थाओं और पारिवारिक समूहों के साथ यात्राएँ की हैं। उत्तर से दक्षिण, पूर्व से पश्चिम — हर क्षेत्र की सांस्कृतिक विविधता और प्राकृतिक सुंदरता को मैंने अपने यात्रियों के साथ साझा किया है।
हर यात्रा में मैंने न केवल स्थानों का चयन किया, बल्कि पूरी योजना — जैसे यात्रा के साधन, ठहरने की व्यवस्था, भोजन, दर्शनीय स्थल, गतिविधियाँ आदि — को व्यक्तिगत रूप से देखा और सुनिश्चित किया कि हर यात्री को एक यादगार अनुभव मिले।
अंतरराष्ट्रीय यात्राएँ:
भारत के अलावा मैंने निम्नलिखित देशों में भी समूह यात्राएँ आयोजित की हैं:
* दुबई: आधुनिकता और परंपरा का संगम, जहाँ बुर्ज खलीफा से लेकर मरिना क्रूज़ तक यात्रियों को रोमांचक अनुभव मिला।
* बैंकॉक और पटाया (थाईलैंड): यहाँ की नाइट लाइफ, समुद्री तट, और सांस्कृतिक शो यात्रियों को बेहद पसंद आए।
* वियतनाम: इतिहास, प्रकृति और शांति का अद्भुत मेल — जहाँ हानॉय और हॉलोंग बे की यात्रा विशेष रही।
* सिंगापुर: साफ-सुथरा, व्यवस्थित और तकनीकी रूप से उन्नत देश — जहाँ यूनिवर्सल स्टूडियो, सेंटोसा आइलैंड और मरीना बे सैंड्स जैसे आकर्षण शामिल रहे।
हर अंतरराष्ट्रीय यात्रा में मैंने वीज़ा प्रक्रिया, फ्लाइट बुकिंग, होटल चयन, स्थानीय ट्रांसपोर्ट, भोजन, दर्शनीय स्थलों की योजना, और सांस्कृतिक गतिविधियों को बारीकी से संभाला। मेरी कोशिश रहती है कि हर यात्री को न केवल आराम मिले, बल्कि वह उस देश की आत्मा को महसूस कर सके।
मेरी कार्यशैली:
मैं अपने काम को सिर्फ एक ज़िम्मेदारी नहीं, बल्कि एक उत्सव की तरह देखती हूँ। हर टूर को मैं ऐसे प्लान करती हूँ जैसे मैं स्वयं उस यात्रा का हिस्सा हूँ। यही कारण है कि मेरी यात्राएँ सिर्फ घूमने का माध्यम नहीं, बल्कि भावनात्मक और सांस्कृतिक जुड़ाव का अनुभव बन जाती हैं।
पिछले दस वर्षों में देश और विदेश की अनेक यात्राओं को सफलतापूर्वक संपन्न कर, उन्होंने न केवल यात्रियों को सुंदर अनुभव दिए, बल्कि स्वयं भी एक प्रेरणा बनकर उभरीं।
उनकी यात्रा यह दर्शाती है कि जब संकल्प मजबूत हो, तो कोई भी राह कठिन नहीं होती।
रश्मि का यह सफर निरंतर जारी है और यह इस बात को भी सिद्ध करता है कि स्त्री की प्रबल इच्छा शक्ति उसकी सफलता का राज होती है और उस पर यदि परिवार का साथ ,सहयोग और प्रोत्साहन हो तो वो सफलता के नए और ऊँचे आयाम तय कर सकती है ,आगे रश्मि के साथ कोई यात्रा करुँगी यह वादा करते हुए आज की मुलाक़ात बस इतनी.

डॉ. रूचि बागड़देव





