World Unluckiest Woman: विश्व की सबसे बदनसीब महिला – मरने के 192 वर्ष बाद अंगों को दफनाया गया

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World Unluckiest Woman: विश्व की सबसे बदनसीब महिला – मरने के 192 वर्ष बाद अंगों को दफनाया गया

विश्व में यदि महिलाओं के सम्मान की बात करें तो हमारे देश के सामने कोई भी देश टिक नहीं सकता | पौराणिक काल से ही हमने नारी को देवी के रूप में माना और पूजा हैं | तथाकथित विकसित देशों ने नारी का शोषण ही किया हैं | इसका उदाहरण है दक्षिण अफ्रीका की सारा बार्टमैन।

प्रसिद्ध इतिहासकार विनायक साकल्ले बताते है कि – अफ्रीकी महाद्वीप लंबे समय तक ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, पुर्तगाल आदि यूरोपीय तानाशाह देशों द्वारा उपनिवेश बना रहा था। उन्होंने रंगभेदी नस्लवाद को अपनाते हुए अफ्रीका की जनजातियों जैसे झोहसा, बंटू, सैम, ज़ुलु आदि के पुरूषों के साथ वहाँ की महिलाओं के साथ भी बुरा व्यवहार किया। ये गोरे लोग नीग्रो लोगों को डराते थे और उन्हें गुलाम कहते थे। इस महिला सारा बार्टमैन का अंग्रेजों द्वारा क्रूरता से शिकार किया था जिसने गोरों की घातक तानाशाही को उजागर किया।

अफ्रीका से रत्नेश पाण्डेय बताते है कि – दक्षिण अफ्रीका की सारा बार्टमैन (Sara Baartman) या सराह बार्टमैन दुनिया की सबसे बदनसीब महिला है। सारा बार्टमैन इतनी बदनसीब महिला है कि इनके मरने के 192 साल बाद उन्हें कफ़न दफन किया गया!

सारा बार्टमैन का जन्म सन 1789 में दक्षिण अफ्रीका के पूर्वी केप में हुआ था। सारा बार्टमैन जब सिर्फ 2 साल की हुई तो उनकी माँ का निधन हो गया। उसके बाद जब वो 4 साल की हुई तो उनके पिता का निधन हो गया। सारा बार्टमैन का शरीर बेहद बेडोल था, इसकी वजह है उनके नितंब। सारा बार्टमैन का नितंब बहुत बड़ा था उनका नितंब उनके शरीर के हिसाब से काफी ज्यादा बड़ा था।

जैसे जैसे सारा बार्टमैन बड़ी होती गयी वैसे वैसे उनके नितंब भी बड़े होते गए। दक्षिण अफ्रीका में उस समय अंग्रेजों की हुकूमत थी। एक अंग्रेज अफसर विलियम डनलप की नज़र सारा बार्टमैन पर पड़ी। उस अफसर ने सोचा कि अगर वो सारा बार्टमैन को लंदन ले जाये। उसे शो में लोगो के सामने पेश करे तो उसे इससे काफी ज्यादा कमाई होगी।

उस दौर में विलियम डनलप का शो पूरे ब्रिटेन में काफी चर्चित हुआ करता था। क्योकि उनके शो में दुनिया भर के अजीबोग़रीब और बेडोल शरीर वाले लोगो को लोगों के सामने मनोरंजन के लिए पेश किया जाता था। पूरे यूरोप में उनके शो के चर्चे थे लोग टिकट ले कर उन अजीबोग़रीब लोगो को देखने के लिए बेताब रहते।

लंदन के पिकाडली सर्कस में सारा बार्टमैन का पहला शो हुआ। इस शो के बाद सारा बार्टमैन रातों रात प्रसिद्ध हो गयी। सारा बार्टमैन को अफ्रीका में गुलाम बनाने के बाद उसे खरीद लिया गया था | बड़े अमीर लोग सारा बार्टमैन को अपने घर पर भी बुलवा कर उसका शो करवाते। लोगो को सारा बार्टमैन को छूने की पूरी छूट हुआ करती थी।

उस समय ब्रिटेन में रंगभेद अपने चरम पर था। यही वजह रही कि सारा बार्टमैन बहुत कम समय में जितनी प्रसिद्ध हुई उतना ही उनका मजाक उड़ाया गया। सारा बार्टमैन के शरीर का अभद्र चित्र बना अक्सर अख़बारों में उसका मजाक उड़ाया गया। जब 1807 में ब्रिटिश साम्राज्य ने गुलामों की खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी तो सारा बार्टमैन के मालिक ने उसे फ्रांस के एक सर्कस वाले को बेच दिया। उस फ्रांसीसी ने भी सारा बार्टमैन का शो उसी तरह से आयोजित किया जिस तरह उसका पिछला मालिक करता था।

26 साल की उम्र में सारा बार्टमैन की मौत फ्रांस के पेरिस शहर में हुई। उनकी मौत उस वक़्त हुई जब वो अपना शो कर रही थी। निर्दयता की हद देखिए स्टेज पर ही सबके सामने सारा बार्टमैन की मृत्यु हो जाने के बाद भी शो चलता रहा और लोग तालिया बजाते रहे।

सारा बार्टमैन की मृत्यु के बाद तथाकथित पढ़े लिखे प्रबुद्ध शाली फ्रांसीसी लोगो ने सारा बार्टमैन के मृत शरीर के साथ जो किया वह मानवता का सबसे बड़ा मजाक था। जिसकी वजह से सारा बार्टमैन को दुनिया की सबसे बदनसीब महिला कहा जाने लगा। सारा बार्टमैन के मरने के बाद फ्रांसीसी लोगो ने उनके नितंबों को काट कर प्रिजर्व करके फार्मलीन में बंद कर दिया गया।

साथ ही साथ सारा बार्टमैन के जननांगों को भी फार्मलीन में भर कर उसे प्रदर्शन के लिए म्यूजियम में रखा गया। क्योंकि सारा बार्टमैन के जननांग उसके नितंबों की तरह ही बड़े थे। इसके साथ ही म्यूजियम में सारा बार्टमैन का प्लास्टर कास्ट बना कर उनके जननांगों और नितंबों के साथ रखा गया। इतिहास में आज तक किसी भी महिला का उसके मरने के बाद भी इस तरह से अपमान कभी नही हुआ जिस तरह से सारा बार्टमैन का हुआ।

1994 में जब नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति बने तब उन्होंने फ्रांस की सरकार से अनुरोध कर बदनसीब सारा बार्टमैन के सभी अवशेषों की मांग की ताकि वे उसका सम्मानपूर्वक अंतिम विदाई कर सकें | नेल्सन मंडेला इसके लिए हमेशा प्रयासरत रहे। आखिरकार फ्रांस की सरकार ने 2002 में दक्षिण अफ्रीका की सरकार को सारा बार्टमैन के सभी अवशेष को सौंप दिया।

सारा बार्टमैन के मरने के लगभग 192 साल बाद उनके सभी अवशेषों को उनके जन्म स्थान पूर्वी केप प्रान्त में पूरे राजकीय सम्मान के साथ दफ़न कर दिया गया। आज सारा बार्टमैन पूरे दक्षिण अफ्रीका में प्रसिद्ध महिलाओं की सूची में से एक है। सारा बार्टमैन के नाम पर हॉलीवुड में कई फ़िल्म बनी जो बहुत ही सुपर हिट रही। ब्लैक वीनस और द लाइफ एंड टाइम ऑफ सारा नाम से ये दोनो फिल्म विशेष रूप से उल्लेखनीय है।

वर्तमान में सारा बार्टमैन पूरे अफ्रीका महाद्वीप में एक आइकॉन बन चुकी है। दक्षिण अफ्रीका के सेना जलपोत का नाम भी सारा बार्टमैन रखा गया है। इसके साथ ही केप टाउन विश्वविद्यालय ने अपने मेमोरियल हॉल का नाम बदल कर सारा बार्टमैन हॉल रखा है।