Wrong Appointment: महिलाओं के बदले नियुक्त कर दिए पुरुष परिवहन आरक्षक, 45 नियुक्तियां निरस्त करने के निर्देश

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Wrong Appointment: महिलाओं के बदले नियुक्त कर दिए पुरुष परिवहन आरक्षक, 45 नियुक्तियां निरस्त करने के निर्देश

 

भोपाल:  सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार ने बारह साल पहले महिला परिवहन आरक्षकों के स्थान पर नियुक्त किए गए पुरुष आरक्षकों सहित 45 परिवहन आरक्षकों की नियुक्तियां निरस्त करने के निर्देश दिए है। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में परिवहन आयुक्त डीपी गुप्ता को इन नियुक्तियों को निरस्त करने के निर्देश दिए है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक वर्ष 2012 में हुई परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा में अनियमितता को लेकर एक विशेष अनुमति याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 29 अगस्त 2023 और 20 अप्रैल 2024 को अपने निर्णय में इन नियुक्तियों को अवैधानिक मानते हुए सरकार से इन्हें निरस्त करने और की गई कार्यवाही से अवगत कराने को कहा था। राज्य सरकार ने मई 2012 में व्यापम के माध्यम से 198 परिवहन आरक्षकों की भर्ती की अधिसूचना जारी की थी। सरकार ने इन 198 पदों के विरुद्ध 332 आरक्षकों का चयन किया था। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगाई गई थी। याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी नियुक्तियों को निरस्त करने के निर्देश दिए है।

इन नियुक्तियों में कई तरह की अनियमितताएं सामने आई थी। जिनमें महिलाओं के लिए आरक्षण का पालन न करते हुए पुरुषों की भर्तियां की गई। कई अभ्यर्थियों ने अपने गलत अस्थाई पते लिखाए थे। मामला उजागर होने के बाद 17 अभ्यर्थियों ने आदेश प्राप्त हो जाने के बाद विभाग को अपनी ज्वाइनिंग नहीं दी।

बता दे कि 2013 में तत्कालीन परिवहन आयुक्त संजय चौधरी के आदेश से ये नियुक्तियां की गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इन सभी 45 परिवहन आरक्षकों की नियुक्ति आदेश रद्द करने के आदेश परिवहन विभाग ने परिवहन आयुक्त को दिए है।

*कांग्रेस ने भी लगाया था परिवहन आरक्षकों की भर्ती में अनियमितताओं का आरोप* 

पूर्व केन्द्रीय मंत्री और तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने एसटीएफ, सीबीआई को अपने आरोपो से संदर्भित सभी दस्तावेज भी सौपे थे। बाद में भोपाल के एसटीएफ थाने में 39 आरोपितों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई। कांग्रेस का आरोप है कि परिवहन आरक्षक भर्तियों में आरक्षण और महिला आरक्षकों के आरक्षण का पालन नहीं किया गया। परिवहन मंत्रालय ने चयनित आरक्षकों को उनके फिजिकल टेस्ट भी न कराए जाने के लिए एक पत्र जारी किया था जबकि पुलिस भर्ती सेवाओं में ऐसे टेस्ट अनिवार्य हैं। चयनित अभ्यर्थियों की मेरिट सूची भी परिवहन विभाग ने सार्वजनिक नहीं की थी। कांग्रेस के प्रवक्ता रहे केके मिश्रा ने कांग्रेस ने इन नियुक्तियों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि तत्कालीन परिवहन मंत्री के ओएसडी की भी इसमें संलिप्ता पाई गई थी। उन्होंने उनके इस्तीफे की मांग की है।

*महिलाओं के बदले नियुक्त हुए थे ये पुरुष परिवहन आरक्षक-* रामसजीवन बैगा, अनुराग सिंह भदौरिया, कुलदीप गुप्ता, शशांक द्विवेदी, कमलेश तिवारी, अरुण कुमार यादव, सुनील सिंह बास्कले, जितेन्द्र सिंह सेंगर, पुष्पेंन्द्र सिंह बुन्देला, सुमन लोधी, विनय सारस्वत, कमल प्रताप सिंह सेगर, नितिन चौधरी, विचित्र सिंह किरार, जितेन्द्र सिंह, नितिन कुमार मिश्रा, प्रेमनारायण कुशवाह, सुनील कुमार साहू, शिशिर रैकवार, अजय सिंह दांगी, राजकुमार गुर्जर, विकास पटेल, श्रीनाथ शर्मा, दीपेन्द्र सक्सेना,महेन्द्र कुमार जरिया, रुपेश कटारे, शेलेन्द्र सिंह राजपूत।

इनके अस्थायी पते गलत मिले-

अरविंद पटैल, कृष्ण कुमार गौस्वामी, दिनेश गेहरवार, दीपक उपाध्याय, धीरेन्द्र प्रसाद, राजेश आलोरिया, अनार सिंह, कुमुद लवानिया, निमिषा तिवारी, सौरभ व्यास।

इन्होंनें दिया त्यागपत्र-प्रदीप द्विवेदी, आशीष कुमार चतुर्वेदी, निशांत पांडेय, संतोष जावरिया, महेन्द्र किचौलिया, गोकुल मेघवाल, विजय बघेल, सुरेश कालभोर, राजेन्द्र मिश्रा, रीतेश रानीवाला, अभिषेख सोनी, मोहब्बत सिंह बघेल, हर्षप्रताप सिंह बघेल, देवेन्द्र गोमे, महेश खांडेकर, सुरेश आर्मो, देवेश बाथम