Jabalpur : जाने-माने वकील और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा का कहना है कि जिन सरपंचों के कार्यकाल खत्म हो गए, उन्हें सरकार वित्तीय अधिकार कैसे दे सकती है। यह एक अवैध गतिविधि है। उन्होंने सीएम शिवराज सिंह चौहान से सवाल किया है कि इतनी बड़ी गलती बार-बार कैसे हो रही है।
कांग्रेस पार्टी के नेता एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में परिसीमन के लिए सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ने वाले विवेक तन्खा ने कहा कि जिन पंचायतों एवं नगर निगम पदाधिकारियों को कोई भी सरकार 5 साल से ज्यादा उनके पदों पर नहीं रख सकती, उन पदों के अधिकार भी सरकार किसी को कैसे दे सकती है।
उन्होंने कहा कि रोज-रोज संशोधन और नए-नए आदेश सोच का दिवालियापन दिखाता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आप एक वरिष्ठ और अनुभवी व्यक्ति हैं। इतनी बड़ी गलती बार बार कैसे हो रही। हम सब प्रदेश में कानून का राज के लिए प्रति संकल्पित है। शायद सत्ता के मद में आपको कानूनी रास्ता वाजिब नहीं महसूस होता।
दो दिन पहले ही अधिकार दिए
दो दिन पहले प्रदेश सरकार ने सभी पंचायत प्रधानों को प्रशासकीय अधिकार देने का ऐलान किया था। इन्हें पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायत स्तर वित्तीय अधिकार दिए थे। शिवराज सिंह चौहान ने प्रशासकीय समिति और प्रधानों के साथ वर्चुअल मीटिंग की थी। इसी में उन्होंने यह ऐलान किया था। मुख्यमंत्री ने प्रधानों से कहा था कि पंचायत चुनाव टले तो प्रशासकीय समिति बनाकर आपको दायित्व सौंपा था। लोकतंत्र में चुने हुए जनप्रतिनिधि जनता के प्रति जवाबदेह होते हैं, इसलिए प्रशासकीय समिति के अध्यक्ष और सचिव बनाकर जिम्मेदारी सौंपी गई।