Indore : दयानंद अस्पताल के डॉक्टर अनिल पांडे के पास एमबीबीएस की डिग्री नहीं होने के बाद भी वह खुद को एमबीबीएस डॉक्टर बताते हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने निरीक्षण किया, तो इस। इस बात का खुलासा हुआ। डॉक्टर के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत परदेशीपुरा पुलिस को की गई है। सुभाष नगर के इस अस्पताल का डॉक्टर आम लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहा था।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के निर्देशन में गठित जांच समिति द्वारा दयानंद अस्पताल में निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान अस्पताल को नर्सिंग होम एक्ट के मानदंड के तहत नहीं पाया गया। निरीक्षण के दौरान कोई भी चिकित्सक उपस्थित था। इस अस्पताल का पंजीयन डॉ प्रकाश खराटे के नाम से था, जिनका देहांत दिसम्बर 2021 में हो गया फिर भी अस्पताल संचालित होना पाया गया। अस्पताल का पंजीयन मार्च 2022 को खत्म हो गया, फिर भी संचालित किया जा रहा था।
उपस्थित पैरामेडिकल स्टाफ को चेक करने पर पाया गया कि यह स्टाफ नर्सिंग होम एक्ट के तहत अर्हताये नहीं रखता है। अस्पताल का रजिस्ट्रेशन 10 बिस्तरीय का था, परन्तु वहां 30 बेड संचालित होना पाया गया। प्रसूति कक्ष बहुत गंदा एवं नियम एवं मापक अनुसार नहीं पाया गया। ऑपरेशन थियेटर भी मापक एवं नियम के अनुसार नहीं पाया गया, यह तीन लेयर होना चाहिए था, पर वहां वॉश-स्टेशन, बफर झोन, स्टरलाईजर, चेंजिंग रूम एवं अन्य सुविधाएं नहीं थी। ओटी कल्चर की रिपोर्ट उपलब्ध नहीं थी। इन सारी अनियमितताओं के कारण अस्पताल का पंजीयन निरस्त कर दिया गया।
अस्पताल का संचालन एवं मरीजों का उपचार डॉ अनिल पांडे कर रहे थे, जो एमबीबीएस की वैधानिक डिग्री धारक नहीं होने के कारण डॉक्टर नहीं है। वे डॉक्टर शब्द का प्रयोग करने की पात्रता भी नहीं रखते है। निरीक्षण के दौरान एक मेडिकल रिप्रेजेंटिव अनिल राजपूत से मिलने (व्यावसायिक उद्देश्य से) आया था। जिसके अनुसार वो इस अस्पताल में कार्यरत डॉ अनिल पांडे जो एलोपैथी चिकित्सक (एमबीबीएस) हैं, से दवाइयों के संबंध में मिलने आता रहता है। मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव का नाम अनिल राजपूत था जो कि नन्दानगर निवासी होकर हेट्रो कंपनी में कार्यरत है। इससे सिद्ध होता है कि मेडिकल एवं फार्मास्युटिकल में अनिल पांडे अपने आपको एमबीबीएस डॉक्टर बताकर कार्य करते हैं। बाद में ज्ञात हुआ अनिल पांडे, बीईएमएस (बैचलर ऑफ इलेक्ट्रो-होम्योपैथी मेडिसिन एंड सर्जरी) के स्नातक हैं। उन्हें डॉक्टर पद नाम उपयोग करने की पात्रता नहीं हैं।
ओटी का कार्य जैसे स्टरलाइजेशन एवं ओटी सर्जरी के लिए ट्रॉली ऑपरेशन देखने वाला स्टॉफ जैसे नर्स एलिजाबेथ नॉन क्वालिफाईड है। इस कारण अनिल पांडे के विरूद्ध मप्र आयुर्विज्ञान परिषद अधिनियम 1987 की धारा 24 एवं म.प्र. उपचर्यागृह एवं रूजोपचार संबंधी स्थापना (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 की धारा 10 एवं भारतीय दण्ड संहिता की धारा 419, 420, 120बी तथा अन्य सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज किया गया।