Wrong Number in UPSC : गलत नाम या रोल नंबर देखकर खुशियां मनाई, सच्चाई पता चली तो दिल टूट गया!

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Wrong Number in UPSC : गलत नाम या रोल नंबर देखकर खुशियां मनाई, सच्चाई पता चली तो दिल टूट गया!

तीन ऐसे मामले जिनमें प्रतियोगियों ने UPSC पास करने पर खुशियां मना ली

New Delhi : गलत रोल नंबर या एक जैसे दो नाम होने के कारण इस बार UPSC के नतीजों के बाद कुछ परीक्षार्थियों को ख़ुशी मनाने के बाद मायूस होना पड़ा। लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो उन्हें बहुत दुःख भी हुआ। एक लड़की का तो सम्मान भी हो गया, बाद में उसे मानवीय भूल मानकर माफ़ कर दिया। लेकिन, सभी ने इस ख़ुशी को चुनौती की तरह लिया और प्रण किया कि अगली बार वे UPSC क्रेक करके रहेंगे।

पहली बार में सिविल सेवा परीक्षा पास करने का दावा करने वाली दिव्या पांडे (24) के ऐसा ही हुआ। बाद में गलत जानकारी देने के लिए शुक्रवार को जिला प्रशासन और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) से उसने माफी मांगी। क्योंकि, नतीजों की जानकारी पता चलने के बाद दोनों ने उसे सम्मानित किया था। वास्तव में दक्षिण भारत की दिव्या पी परीक्षा में सफल हुई थी। नाम में समानता होने से कंफ्यूज़न हुआ। दिव्या झारखंड के रामगढ़ जिले के चित्तरपुर ब्लॉक के अंतर्गत रजरप्पा कॉलोनी की रहने वाली है।

Wrong Number in UPSC

दिव्या पांडे की बड़ी बहन प्रियदर्शनी पांडे ने कहा कि उनकी बहन को उत्तर प्रदेश में उनके दोस्त ने सूचित किया था कि उन्होंने UPSC में 323वीं रैंक हासिल की। हमने UPSC की वेबसाइट पर परिणाम की जांच करने की कोशिश की, लेकिन इंटरनेट काम नहीं कर रहा था। यह अनजाने में हुई गलती थी।

सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक पीएम प्रसाद और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने बिना किसी कोचिंग के स्मार्ट फोन और इंटरनेट की मदद से पहले ही प्रयास में UPSC पास करने के परिवार के दावों के बाद दिव्या पांडे के पिता को सम्मानित किया, जो सीसीएल के सेवानिवृत क्रेन ऑपरेटर हैं।

दूसरा मामला : एक जैसे नाम से ग़लतफ़हमी
यूपीएससी (UPSC) के रिजल्ट देखने में गलती का एक और मामला सामने आया। पलवल (Palwal) जिले के सिहोल गांव निवासी बस ड्राइवर की बेटी निधि गहलोत ने 524 रैंक हासिल करने का दावा किया, जो गलत साबित हुआ। पलवल की रहने वाली निधि ने पहले यह दावा किया था कि UPSC परीक्षा में उसने 524 वीं रैंक हासिल की, पर यह रैंक उनकी नहीं यह सोनीपत की रहने वाली निधि को मिली। दोनों का नाम निधि है और रोल नंबर भी मिलता-जुलता है, इसलिए रिजल्ट देखने में गलतफहमी हो गई।

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यूपीएससी रिजल्ट देखने में हुई यह गलती सामने आने के बाद अब पलवल की निधि गहलोत ने सोनीपत की निधि से व्हाट्सएप पर माफी मांगते हुए लिखा कि बहन मुझसे गलती हुई, यूपीएससी में मेरा नहीं बल्कि आपका चयन हुआ है। आपको बहुत-बहुत बधाई।

निधि ने माफी मांगते हुई कहा कि उन्होंने भूल से गलत रोल नंबर देख लिया थी। पलवल की निधि का रोल नंबर 822045 और सोनीपत की निधि का रोल नंबर 821045 है। इसे लेकर ही पलवल की निधि ने माफी मांगी है. उन्होंने पूरा रोल नंबर नहीं देखा था।

तीसरा मामला : रोल नंबर गलत देख लिया
मुरादाबाद के उत्तम भारद्वाज को भी इसी तरह की ग़लतफ़हमी हुई। गलत रोल नंबर देखकर उत्तम ने 121वीं रैंक होने का दावा किया था। लेकिन, इसकी पुष्टि होने पर घर में कोहराम मच गया है। यह रैंक किसी दूसरे को मिली है, इस बात की पुष्टि होने पर उत्तम भारद्वाज, माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है।

उत्तम भारद्वाज और पिता नवीन शर्मा ने अपनी गलती स्वीकार ली। उत्तम भारद्वाज का रोल नंबर 3516894 है। उत्तम भारद्वाज से गलती यह हुई कि उन्होंने आखिरी अंक चार की बजाए एक अंक लिखकर यानी 3516891 का सिविल सर्विसेज की वेबसाइट पर परिणाम देख लिया। उसमें उत्तम नाम लिखा आया। जिसे उत्तम भारद्वाज ने अपना चयन मानकर खुशी शेयर कर डाली। जिससे परिवार में खुशी छा गई और मिठाई भी बांट दी गई।

Wrong Number in UPSC
यह खुशियां अगले दिन तब काफूर हो गईं, जब सोनीपत की उत्तम नाम की लड़की ने अपनी रैंक 121 होने का दावा किया। उत्तम भारद्वाज ने दोबारा अपना परिणाम वेबसाइट पर देखा तो उनका सिविल सर्विसेज में चयन नहीं हुआ। इससे उनके पैरों तले की जमीन खिसक गई। उत्तम भारद्वाज की जरा सी चूक के कारण एक दिन पहले तक जब पूरा घर खुशी से झूम रहा था, तो वहीं सच्चाई पता चलने पर मातम सा पसर गया।


“स्टार्टअप इकोसिस्टम भारत के भविष्य की अर्थव्यवस्था का निर्धारण करने की राह पर” – डॉ जितेंद्र सिंह