Yes Sir: Kanta Visited Dubai with Broom: MP के लोक कलाकार की ऊंची उड़ान
राजीव शर्मा
मप्र के लोक कलाकारों की प्रतिभा जर्मनी से जापान तक लोकप्रिय है .हमारे मण्डला,डिंडोरी, शहडोल, उमरिया के काष्ठ शिल्पी हों चाहे लौह शिल्पी सब अद्वितीय हैं.हमारे गोंड ,भील ,बैगा चित्रकारों ने हवाई अड्डों से लेकर राजभवनों तक अपनी छाप बनाई है .ग्वालियर की बत्तोबाई की गुड़िया ,बाग प्रिंट के ख्यात इब्राहीम खत्री ,महेश्वर चन्देरी के बुनकर सब ने नाम कमाया है और नामा याने धन धान्य भी .
नैनपुर की कांता खड़से आज हस्त शिल्प मेलों में एक जाना माना नाम हैं.अब तो उनके साथी संबंधी भी देश भर में अपने उत्पाद बेचने में दक्ष हो चुके हैं .खजूर के पत्तों से झाड़ू बनाकर ग्रामीण हाट-बाजारों में बेचने वाली श्रीमती कांता खड़से अब शिल्पी और विक्रेता से आगे बढ़कर मास्टर ट्रेनर और कुशल व्यवसायी हैं .
अब से दो दशक पहले मण्डला ज़िले में ज़िला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के तौर पर काम करते हुए मुझे सड़क किनारे झाड़ू बेचती श्रीमती खड़से मिलीं.मैंने उनके काम में एक अलग सुगढ़ता और आँखों में आगे बढ़ने की तड़प देखी .उनको भारत शासन की SGSY योजना में मदद दी गई .उनके उत्पादों में कुछ संशोधन किये गये .मैंने उन्हें खजूर की पत्तियों के साथ चमकदार जरी बुनने को कहा .अब वे झाड़ुओं के बजाय खजूर के सुंदर गुलदस्ते बनाने लगीं . दिल्ली,मुंबई, उड़ीसा उन्हें जहाँ भेजते उनके उत्पाद हाथों हाथ बिक जाते .वे सफलता और समृद्धि की सीढ़ियाँ चढ़ रहीं थीं, तभी दुबई में एक अंतर्राष्ट्रीय मेला आयोजित हुआ .खजूर पत्ती के बने विभिन्न सुंदर और उपयोगी उत्पाद लेकर कांता जी को दुबई भेजा गया .उनके उत्पाद सुपर हिट हुए साथ ही वे स्वयं भी .मण्डला में लोग कहने लगे कि झाड़ू पर बैठकर कांता विदेश हो आईं .उनकी सफलता ने हमारे महिला स्व सहायता समूहों और पूरी ज़िला पंचायत को नई ऊर्जा से भर दिया .