योग दिवस विशेष : समग्र स्वास्थ्य का विज्ञान सम्मत आधार योग!

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योग दिवस विशेष : समग्र स्वास्थ्य का विज्ञान सम्मत आधार योग!

योग गुरु और ‘अक्षर योग संस्थान’ के संस्थापक हिमालयन सिद्ध अक्षर का कॉलम!

योग मानव जाति का विज्ञान है जिसके द्वारा हम स्वयं से जुड़ते है, अपने भीतर के ईश्वर से एकाकार करने के लिए। इसके द्वारा हम सार्वभौमिक चेतना के साथ एक हो जाते है। योग के विभिन्न अंग हैं जैसे आसन, प्राणायाम, ध्यान, मुद्रा आदि, जो हजारों साल पहले विद्वान तपस्वियों से उत्पन्न हुए थे। इससे शरीर और मन के संरेखण का ज्ञान होता है, और योगाभ्यासों द्वारा व्यक्ति तृप्ति जीवन जीने में सक्षम होता है।

योग का सुंदर विज्ञान, हमें सिखाता है कि हम अच्छा स्वास्थ्य, आंतरिक शांति और सद्भाव कैसे प्राप्त कर सकते है। योग और आध्यात्मिकता सांसों को संतुलित करते है जिसके माध्यम से हम स्वयं की खोज कर पाते है। योग अभ्यास के माध्यम से,हमें हमारी ताकत और कमजोरियों के बारे में जागरूकता होती है और हम अंतर्दृष्टि प्राप्त कर पाते हैं। योग हमें जीवन में उपयुक्त समायोजन कराता है,जिससे हमें स्वास्थ्य, शांति और खुशी प्राप्त होती है। योगासन हमें शारीरिक रूप से मजबूत बनाते हैं, लचीलेपन में सुधार करते हैं, सहनशक्ति बढ़ाते हैं और सभी महत्वपूर्ण अंगों को गतिशील बनाते हैं।

योग में हमारी ऊर्जा को चैनलाइज करने और शरीर और मस्तिष्क के भीतर रसायनों को संतुलित करने की अद्भुत क्षमता है। यौगिक तकनीकों को हमारे समग्र विकास के लिए गतिशील और वैज्ञानिक प्रक्रिया माना गया है। योग हमारे भौतिक शरीर के साथ-साथ हमारी मानसिक स्थिति दोनों पर काम करता है। यही कारण है कि योग को सर्वश्रेष्ठ औषधि भी कहते है। यह एक ऐसा उपकरण है जो हमें पोषित करते हुए हमारे आत्म-खोज को भी सक्षम बनाता है। योग में हमारे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक जरूरतों का ध्यान रखने की क्षमता है।

योग का अभ्यास व्यक्ति को प्रेरित करता है स्वयं के लिए स्वस्थ और अधिक उत्पादक विकल्प बनाने के लिए।जब हम स्वयं के लिए सही गलत का चुनाव करते है, हम खुद से अपना संबंध मजबूत करते हैं। योग सकारात्मकता को बढ़ावा देता है। योग हमें आत्म-खोज और परिवर्तन की आंतरिक यात्रा की ओर ले जाता है। यह हमारे भीतर संभावित संसाधनों को उजागर करता है। यह प्राचीन अभ्यास हमें स्पष्टता प्रदान करता है और जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करता है। योग हमें हमारे जीवन के उद्देश्य को पूरा करने योग्य बनाता है।
योग आसनों का कमाल

सभी को समग्र कल्याण पर ध्यान देना चाहिए, और इसमें सूर्य नमस्कार, चंद्र नमस्कार और अन्य आसनहै। हम सभी जानते हैं कि इससे स्वास्थ्य के कई आयाम हैं, शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और भावनात्मक। जब हम शरीर से फिट होते हैं तो यह हमारे दिमाग और भावनाओं की फिटनेस को भी प्रभावित करता है। व्यायाम करने से हमारा मन सकारात्मक बनता हैं और हमारे स्वास्थ्य को भी लाभ होता है। इससे हम स्वाभाविक रूप से जीवन से अधिक जुड़ जाते हैं।

अनुशासन और स्पष्टता
प्राणायाम के अभ्यास से हम अपने भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रख पाते हैं। सुबह नींद से जागते ही बिस्तर पर बैठें, रीढ़ को सीधा रखें और एक साधारण श्वास तकनीक का अभ्यास करें। जागने के बाद पहले कुछ मिनट इस तरह से बिताने से, हम अपने शेष दिन के लिए एक सकारात्मक दिशा निर्धारित करते हैं। प्राणायाम हमारे मस्तिष्क को शांति प्रदान करता है हमें चिंता मुक्त करता है ,जिससे हम तरोताजा महसूस करते हैं। इसे रात को सोने से पहले भी कर सकते हैं। अनुशासन की इस भावना को विकसित करने से हमें शांति का अनुभव होता है और हम अपने दिन के लिए तैयार हो जाते है।

आत्मनिरीक्षण को प्रोत्साहन
हम कितनी बार शांत चिंतन में स्वयं के साथ बैठते हैं? अपने लक्ष्यों, योजनाओं या यहां तक कि उन चीजों की सूची बनाएं, जिन्हें करने की आवश्यकता है। नियोजन की इस पद्धति का चिकित्सीय गुण है,जो हमारे मन और शरीर दोनों के लिए लाभदायक है।हम टहलने के लिए कुछ वक्त निकाल सकते हैं। आत्मनिरीक्षण के अभ्यास सेहमे एकाग्रता में मदद मिलती हैं।

योग और मानसिक कल्याण
योग में प्राणायाम और ध्यान सचेतनता का अभ्यास है,इससे हम अपने शरीर और श्वास के प्रति जागरूक होते है। स्वयं के साथ इस मजबूत संबंध के माध्यम से, हम अपनी मानसिक भलाई के लिए बेहतर अभ्यस्त हो जाते है। जब हम नियमित रूप से ध्यान करते हैं, हम अपने लक्ष्यों की ओर केंद्रित हो जातेहै। योग और ध्यान हमें किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए भावनात्मक और मानसिक ताकत प्रदान करते है।ध्यान संरचना की एक प्रक्रिया स्थापित करके हमें चिंतामुक्त करता है।