यूपी में योगी, पंजाब में मान…बाकी तीन राज्य देखिए किसकी बढ़ाते शान…!

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पांच राज्यों के चुनाव के बाद अब एग्जिट पोल्स “भाजपा” को ऑक्सीजन देते नजर आ रहे हैं, तो पंजाब को “आप” के हवाले सौंप रहे हैं। उत्तर प्रदेश में बाबा की कृपा से बाबा को राज करने का आशीर्वाद मिलने जा रहा है, यदि एग्जिट पोल्स का अनुमान खरा उतरा तो। और पंजाब में भगवंत सिंह मान सिद्धू-चन्नी के अखाड़े से सत्ता चुराकर आप की देश के दूसरे राज्य में सरकार बनाने में सफल हो रहे हैं, यह केजरीवाल की बहुत बड़ी उपलब्धि साबित होगी। गोवा-उत्तराखंड में भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने हैं लेकिन पोल्स का रुझान भाजपा की तरफ ज्यादा है तो मणिपुर में भाजपा की सरकार बनने का अनुमान लगाया जा रहा है। मतलब यह कि भाजपा का मिशन इलेक्शन अपेक्षाओं पर खरा उतर सकता है। और एक बार फिर चार राज्य भाजपा के सरोवर में चार कमल खिलाकर उत्सव का माहौल बरकरार रख सकते हैं।
एग्जिट पोल्स के यह रुझान उम्मीदों पर कितना खरा उतरते हैं, यह दस को आने वाले नतीजों के बाद साफ होगा। फिर भी योगी रिटर्न्स की उम्मीद की जा सकती है। क्योंकि क्षेत्रीय दलों सपा-बसपा के राज की तस्वीरें योगी के ऑपरेशन एन्काउन्टर और कानून व्यवस्था, विकास के सामने फीकी ही नजर आ रही हैं। तो पंजाब के किसानों की जीत के बाद भी कांग्रेस उसी दिन मैदान हार गई थी, जब कैप्टन को बड़ा बेआबरू कर कूचे से बाहर निकाला था।
और रही-सही कसर सिद्धू ने पूरी कर दी। कांग्रेस अध्यक्ष बनकर पार्टी को हिट विकेट कराने का उन्होंने एक भी मौका नहीं छोड़ा। तो उड़ता पंजाब को जमीन पर लाने की कवायद में केजरीवाल का जवाब नहीं। भगवंत सिंह मान को सीएम का चेहरा बनाया तो किसानों के धरने को अपना खुला समर्थन देकर पहले ही साफ कर दिया था कि मान-वाल ही आशीर्वाद पाने के सही हकदार हैं। बाकी गोवा-उत्तराखंड इधर-उधर होते हैं तो कोई पोल्स को दोष नहीं देगा। क्योंकि इन राज्यों का मतदाता कुछ भी फैसला कर सकता है, जिसे मंजूर करने का मन देश ने बना रखा है। मणिपुर का परिणाम भाजपा की उत्तर-पूर्वी सियासत की चमक बरकरार रखता है, तब भी किसी की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
हां, उत्तर प्रदेश देश की सियासत का चेहरा है और वापसी होने पर भाजपा तो मजबूत होगी ही, पर योगी उससे भी ज्यादा मजबूत होकर उभरेंगे। और भविष्य में जब भी भाजपा में चेहरे आपस में टकराएंगे तो योगी का चेहरा सबसे आगे नजर आएगा। वहीं सपा के पांच साल और सत्ता से दूर रहने पर भाजपा के लिए अगला चुनाव जीतना भी आसान होगा। उत्तर प्रदेश देश की सियासत की दिशा तय करता है, योगी की वापसी भाजपा को फील गुड कराने के लिए इस नजरिए से बेहतर ही साबित होगी। तो पंजाब में आप का आना भी भविष्य में औरों का सत्ता की दौड़ से बाहर जाने का संकेत दे सकता है। क्योंकि विकास का आप मॉडल उड़ता पंजाब को काबू कर नई आस जगा सकता है।
तो पांच राज्यों के यह चुनाव परिणाम सियासत में नए आयाम गढ़ सकते हैं। जो भविष्य की राजनीति को परिभाषित करेंगे। क्षेत्रीय दल के नाते आप की दो राज्यों में सरकार बनने का मतलब नया इतिहास है। आप की यह मजबूती हलचल तो पैदा करेगी ही, कांग्रेस के लिए खास तौर पर मुसीबत भी बन सकती है। साथ ही केजरीवाल का कद बढकर आसमान छूने की कोशिश करने लगेगा और तीसरे राज्य पर नजर गढ़ाने से नहीं चूकेगा। यानि साफ है कि 2022 के पांच राज्यों के यह चुनाव परिणाम यूपी में योगी और पंजाब में मान को सम्मान देकर आगामी लोकसभा चुनाव की तस्वीर में नए रंग भरने की कोशिश करेंगे। बाकी गोवा-उत्तराखंड और मणिपुर कमल खिलाते हैं तो जय-जय और किसी अन्य पर मेहरबानी दिखाते हैं तो भी जय-जय करने से कोई नहीं हिचकेगा।