अपनी भाषा अपना विज्ञान:रॉक-स्टार साईन्स-जर्नलिस्ट

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अपनी भाषा अपना विज्ञान:रॉक-स्टार साईन्स-जर्नलिस्ट

स्टेज पर स्पाट लाइट थी। बेकग्राउण्ड में ब्रिटटश रॉक बैण्ड “क्वीन” के प्रसिद्ध एलबम “News of the world” 1977 में से ख्याति प्राप्त गिटारिस्ट “ब्रायन मे” का हहट गीि “We will rock you” बज रहा था। वीटडयो में पैरोडी थी। भूगर्भ  शास्त्र [Geology] में पढ़ाई जाने वाली विभिन्न प्रकार के पत्थरों [Rocks] के साथ कुछ लोग डान्स कर रहे थे। नीचे केप्शन्स में अनेक प्रकार की Rocks के बारे में बताया जा रहा था।

[https://www.youtube.com/watch?v=r68iEwYdbh4]

स्पाट लाइट में एक के बाद एक नौ युवा वैज्ञानिक आते गये। संगीत रुकता। साइन्टिस्ट तीन मिनट में अपने शोध कार्य के बारे में दर्शकों को आसान भाषा में बताता और तालियों की गड़गड़ाहट के बाद फिर कुछ सेकण्ड संगीत।

दिन था 4 व 5 दिसम्बर 2024.

स्थान था Indian Institute of Science Education and Research. [IISER]. पूना के टेक्सी वाले भी इसे “ईसर” नाम से जानते है। अवसर था “भारतीय विज्ञान पत्रकार संघ” का दूसरा वार्षिक  सम्मेलन। Science Journalist Association of India. बोलते बोलते [SJAI] जुबान पर चढ़ गया है।

एस. जे. ए. आई. की स्थापना तीन वर्ष पूर्व हुई।

मैं विज्ञान पत्रकार नहीं हूँ लेकिन मुझे Science Communicator की हैसियत से आमंत्रित किया गया था। साइन्स कम्यूनिकेटर अर्थात विज्ञान संचारक या विज्ञान संप्रेषक।

ईसर पुणे के हरे भरे प्रशस्त परिसर के भव्य “सर सी.वी. रमन ऑडिटोरियम” में तथा आसपास दो दिन खूब अच्छे गुजरे।

पत्रकारों में कौन रॉकस्टार होते हैं?

सबसे अधिक शोहरत और पैसा मिलता है राष्ट्रीय स्तर के राजौनिक पत्रकारों को। सारे युवा पत्रकारों के रोल मॉडल और सपने ये ही स्टार होते हैं। इसके बहुत नीचे आते है राष्ट्रीय स्तर के फिल्म और स्पोर्ट्स पत्रकार। स्थानीय स्तर पर सिटी रिपोर्टर की थोड़ी बहुत बखत होती है।

विज्ञान पत्रकार? ये कौनसी बला होते है? नहीं जानता। बिरले ही कोई बनना चाहते है। अंग्रेजी में तो  फिर भी बहुत है जो मौलिक रिपोर्टिंग करते हैं। उनको मैं पढ़ता रहता हूँ। गजब की मेहनत करते है। कितना सारा पढ़ते हैं। मेरे अपने विषय (न्यूरोविज्ञान) के बारे में यदि वे कोई स्टोरी कर रहे हैं तो मुझसे अधिक जानेंगे। भारतीय भाषाओं की पत्र-पत्रिकाएं सिर्फ  अनुवाद करवा के कापी-पेस्ट करते रहते हैं। यह सूरत बदलनी चाहिए। SJAI सम्मेलन में भाग लेकर मेरी आशावादिता मजबूत हुई। अरे देखो, इतने सारे लोग है जो इस क्षेत्र में अच्छा काम कर रहे है।

वैज्ञानिक अपने काम में निष्णात होते हैं। खूब पढ़ते हैं। खूब मेहनत करते हैं। शोध पत्र लिखते और उन्हें  प्रकाशित करवाने में अपनी प्रतिभा झोंक देते हैं। प्रतिष्ठा इस बात से आंकी जाती है कि किस वैज्ञानिक के कितने शोध पत्र मान्यता प्राप्त Peer Reviewed Journals में प्रकाशित हुए। वरना Publish या Parish का माहौल रहता है। “छपो या खत्म हो जाओ।” अपने अपने विषय की कान्फ्रेन्स में आत्मविश्वास से भर कर बोलते हैं, चर्चा करते हैं।

लेकिन उन्हें कहा जाये कि आम जनता के लिये सरल भाषा में अपनी शोध या अपने विषय के किन्ही किन्ही पहलुओं पर लिखें या बोलें तो अटक जाते हैं। रुक जाते हैं, सूझ नहीं पड़िा। शब्द चयन नहीं कर पािे,
समझा नहीं पािे। Science Communicator नहीं बन पािे।
बहुि थोड़ेसेऐसा कर पािे हैं। काश सभी वैज्ञाब्रनक अच्छे संचारक या संप्रेषक बन पाये।
[सत्र 1] रॉकस्टार साइट ंस्ट का उद्देश्य यही था। उस हदन स्टेज पर आनेवाले नौ वैज्ञाब्रनक इस चुनौब्रि पर खरे उिरे िथा उहोंने अन्य साइंटटस्ट के सलये उदाहरण प्रस्तुि टकया टक कै से इस काम को अंजाम हदया जाना चाहहये।

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1. राक्सी मैथ्यू कौि AI.I.T. मद्रास]
जलवायु वैज्ञाब्रनक AClimate Scientist), सागर वैज्ञाब्रनक AOcean Scientist], ग्लोबल वाब्रमिंग
के सबसे बुरे और िीव्र प्रभाव समुद्र पर हदख रहे है।
2. सम्बुद्ध वमश्रा AI.I.S.] नहदयों के जल का रसायन ब्रवज्ञान सजसका प्रभाव समुद्र पर पड़ िा है।
3. मृदिु ा नाम्बम्बयार AIISER Pune] आनुवंसशकी (Genetics)। कोसशका ब्रवभाजन के दौरान क्रोमोसोम
के बण्डल को बांधे रखने वाली Ring नुमा रचनाएं ।
4. ददव्या करनाड (अशोक ब्रवश्वब्रवद्यालय, सोनीपि) मेरीन बायोलासजस्ट। टकिनी मछसलयां पकड़ें?
कौनसी मछसलयां पकड़ें? िाटक सन्तुलन बना रहे।
5. धान्या CT, (I.I.T. देहली) मौसम ब्रवज्ञान। बाढ़ ब्रनयंत्रण, चेिावनी प्रणाली। जन सुरक्षा।
6. थामस पुबेडाइि AIISER Pune] कोसशका ब्रवभाजन के दौरान Cell Membrane (बाहय झझल्ली)
का टूटना या न टूटना। िदनुरुप नयी सक्षम एिीबायोटटक औषभधयों का ब्रवकास।
7. तत्वप्रीतेश सेठी AI.I.T. देहली] डेटा साईन्स Aआंकड़ ा ब्रवज्ञान] िथा आटीिीसशयल इिेसलजेन्स की
मदद से व्यापक स्थलों (अस्पिालों) से लग्बे समय िक Antibiotic Resistance (प्रब्रिरोध) की
जानकारी जुटाना िाटक उक्त कारणों ब्रनदान की हदशा में प्रगब्रि हो सके सके ।
8. विशाि िासन AI.C.T.S.] मौसम ब्रवज्ञान।
बादलों में लघु बूंदे कै से आपस में ब्रमलकर बड़ी बूंदे बनिी है और नीचे टपक पड़िी है। इस ब्रवज्ञान का
सागर की पेंदी की Topography (जमीनी रचना) से क्या ररश्ता होिा है?
9. कस्तूरी साहा AI.I.T. बाम्बे] क्वाण्टम भौब्रिकी।
न्यूरान कोसशकाओं की गब्रिब्रवधी के दौरान अत्यन्त सूक्ष्म व लघु-लघुअवभध की ब्रवद्युि िरंगों के
Voltage, Ampere, आवृभि (Frequency) आहद को नापने का ब्रवज्ञान पुराना है। लेटकन इसी
दौरान कोसशकाओं के इदभगगदभचुम्बकीय क्षत्रे मेंहोनेवालेअब्रि सूक्ष्म पररविभनों को मापनेके सलये
Quantum Sensors काम आिे है।
अन्त में दशभकों से मोबाइल िोन के माध्यम से वोटटंग करवाई गई, िीन श्रेष्ठ प्रस्तुब्रिकरणों को चुनने
के सलये। डेलीगेट्स की सहभागगिा टकसी भी कान्फ्रे न्स की गुणविा और मनोरंजकिा को बढ़ा देिी
है। इसी उद्देश्य से सत्र की संचासलका द्वारा बीच बीच में अनेक मजाटकया घुट पुट बािेंकरी जा रही
थी। जैसेटक यहद एक नाभभकीय भौब्रिक शास्त्री (Nuclear Physicist) छु ट-पुट एक Dating App
बनायें िो वह उसका क्या नाम रखेगा —
“Glue On” [चिपको]
[सत्र 2] Small stories in Big Science बड़ा विज्ञान – छो ी कहावनयां
अब्रमिाभ ससहा (इन्टियन एक्सप्रेस), अब्रमिाभ नाग (टडसजटल इन्टिया, भाटषनी), उवभशी ससहा (RRI),
अब्रनल भारद्वाज (PRL) के मध्य अनेक ब्रवषयों पर चचा हुई जैसे टक – अंिररक्ष ब्रवज्ञान और ISRO की
उपलब्धियों की लोकटप्रयिा उचचि है या कम-ज्यादा होना चाहहये, क्वांटम टिसजक्स जैसे जटटल ब्रवषय को
कै से पत्रकारों के माध्यम से आम जनिा को समझाया जाये, अनन्त समुद्र जैसे डाटा-भण्डार में से ज्ञान के
मोिी ब्रनकालने का काम कै से होिा है? क्या डाक्टसभ के स्थान पर Expert Computer कभी डायग्नोससस
बना पायेंगे?
[सत्र 3] ओपन माइक: प्रब्रिभागगयों को चार समूह में बांटकर अलग अलग हाल में बैठाया गया।
(a) ब्रवज्ञान पत्रकाररिा में क्षेत्रीय व शहरी का बोलबाल (सहाना घोष: नेचर इन्टिया)
(b) सलंगभेद िथा पहचान की दसू री कसौटटयों सेउसके अन्तसभबन्धों का ब्रवज्ञान-संचार पर प्रभाव
(सयान्तन दिा, टक्रया यूब्रनवससभटी)
(c) ज्ञान की अपारम्पररक प्रणासलयां और ब्रवज्ञान का इब्रिहास (ब्रवराट माके ण्डेय: स्विंत्र पत्रकार)
(d) ब्रवज्ञान की वे शाखाएं जो प्रायः कम ही ररपोटभ की जािी है। (ब्रवभा वाष्णेय: डाउन टू अथभ) मैंने इसी
समूह में भाग सलया।इससलयेदसु रेसमूह की चचा केबारेमेंमुझेमालूम नहीं।
डेलीगेट्स द्वारा सुझायेअनेक ब्रवषयों पर चचा हुई।
कै से उहें Lime Light में लाया जावेइसकी योजनाएं, अनुशंसाएं , SJAI द्वारा बनाई जावेगी। कु छ
उदाहरण: दलु भभ बीमाररयां, नीब्रि-शोध, खुला-खािा-ब्रनशुल्क साफ्टवेयर, भूगभभब्रवज्ञान, रसायन ब्रवज्ञान
(अनावश्यक Chemophobia), ब्रवज्ञान में राड Aभ्रष्ट् आचरण], गणणि। ब्रमशन हो गया। खबर छप गई।
उसके बाद क्या? कोई Follow up नहीं।
जैसा टक प्रायः समूह चचाओं मेंहोिा है, बािचीि अपने मूल ब्रवषय (Under-reported
Disciplines) से भटक कर ररपोटटंग की उपेसक्षि ब्रवभधयों पर के न्टिि हो गई — जैसे टक लम्बे आलेख या
छोटे या बहुि छोटेक्योंटक लोगों का Attention span कम हो गया है,
मेरे सुझाि थे: ब्रवज्ञान या उसके टकसी टकसी ब्रवषय या पहलू की पैरवी (Advocacy), पत्रकार द्वारा
वैज्ञाब्रनक का साक्षात्कार लेने की कला, कहानी-टकस्सा के रूप में प्रस्तुब्रिकरण, सोशल ब्रवज्डम (पारम्पररक
सामासजक समझ और बुणद्ध) की उप योगगिा और सीमाएं, सांख्यख्यकी, ब्रमथ्याब्रवद्वान की पहचान और खण्डन।
[सत्र-4] Reel-in: सोशि मीटडया के माध्यम से नयेपाठकों, श्रोताओ, दशनकों तक पहुंिना

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काब्रिभक चि मौली (मोगाबेइण्डण्डया) के संचालन में देब्रवका रानाडे (@ecologyexplained), रश्मि
शेओरि (@astro_roxy), प्रणव राधाकृ ष्णन (@scienceisdope) ने अपने अपने अनुभव सुनायेटक कै से
उनकी चैनल सिल और लोकटप्रय हुई।
[सत्र-5] िाद वििाद (टडबे )
क्या विज्ञान को राज्य का सेिक होना िादहये?
(हाँ) कहने वाले थे ब्रववेक पोलशेट्टीवार: T.I.F.R.
(नहीं) कहनेवाले थे अंटकि मुले: T.I.F.R.
SJAI की संस्थाटपका और अध्यक्ष शुभ्रा टप्रयदसशभनी के संचालन से इस बहस में सबको आनन्द आया।
अन्त मेंवोटटगं हुई।हदल कुछ कहिा हैिो हदमाग टक कुछ और।
[सत्र-6] आंकड़ों के विश्वसनीय स्रोत ढूंढना और प्रमाण पर आधाररि ररपोटटिंग कै सेकरना।
अहदब्रि टण्डन (मोगाम्बे इण्डण्डया) की Moderatorship में अनुराधा मेस्कारेव्हस (द इण्डण्डयन
एक्सप्रेस), चेिन कु मार (टाइम्स आि इण्डण्डया), सुरभभ भाटटया (डेटा जनभसलस्ट) की चचा के महत्वपूणभ ब्रबन्दु
थे — आंकड़ों के स्त्रोि क्या क्या है? उनकी ब्रवश्वसनीयिा कै से परखे? डेटा का प्रस्तुब्रिकरण टकस टकस
स्वरूप में टकया जावे? उनके ब्रनष्कषभ ब्रनकालने की ब्रवभधयां और सावधाब्रनयां क्या क्या हो?
आंकड़े महज संख्याएं नही होिे, उनका मानवीय पहलू कभी ओझल नहीं होना चाहहये
AHumanization]।
आभधकाररक और प्रामाणणक हमेशा समानाथी नहीं होिे। संभव है टक, Official जानकारी, प्रामाणणक
न हो। Authentic Information अनेक अवसरों पर गैर-आिीसशयल स्रोिों से प्राप्त होिी है।
मैं कहना िाह रहा था, (लेटकन अवसर नहीं ब्रमला) टक जब िक आंकड़ों मेंबुरी हदशा का टरेंड न हदखे
िब िक पत्रकारों की रुचच उस ब्रवषय में नहीं होिी। वे भूल जािे है Denominator को, उहें के वल
Numerator याद रहिा है।
संख्या

में 20 Numerator (भासजि) है िथा 5000, Denominator [भाजक] है।
कोरोना वेक्सीन के बाद इन्दौर के अस्पिाल में िेन-अटैक के 20 के स आये। यह सुखी है। कोई नहीं
पूछिा टकिनी अवभध में आये। वेक्सीन के पहले इस रोग की दर टकिनी थी। टकिने लोगों को वेक्सीन लगा?
सोख्यख्यकी ब्रवज्ञान में एक शब्द आिा है — Statistical Significance जो महत्वपूणभ है िथा दशािा
है टक पररणाम महज संयोग वश नही आया है। प्रायः वैज्ञाब्रनक लोग इस िथ्य को खूब महत्व देिे हैं। देना भी
चाहहये। लेटकन एक और पहलू है सजसकी उपेक्षा नहीं होना चाहहये। Clinical significance.
Statistically भलेही कोई “अन्तर” Significant हो लेटकन क्या व्यवाहाररक दृटष्ट् से उसका कोई
महत्व है?
[सत्र-7] ररिीजन और विज्ञान
जेकब कोशी (द हहन्दु) और रेनी थामस (IISER भोपाल) के मध्य चचा में उठे ब्रबन्दु थे — यह कै से
सम्भव है टक जहां ब्रवज्ञान िथ्य और िकभ पर आधाररि है और ररलीजन, आस्था पर, टिर भी अनेक वैज्ञाब्रनक
अपने आपको ररलीसजयस बिािे है, भगवान में ब्रवश्वास करिे हैं? ररलीजन और ब्रवज्ञान के टकराव के अनेक
उदाहरण याद टकये गये — सुकराि, गेलीसलयो, डाब्रवभन आहद। काश इस बाि पर भी चचा होिी टक कै से
हहन्दु, बौद्ध और जैन दशभन की अनेक मान्यिाएं, आधुब्रनक ब्रवज्ञान की अवधारणाओंसेआंसशक साम्य रखिी
है।
[सत्र-8] विज्ञान टिल्में*ALT: EFF 2024
[All Living Things: Environmental Film Festival]
[समस्त जीव जगि: वािावरण टिल्म महोत्सव] [www.alteff.in]
उक्त संग्रह में से चुब्रनन्दा लघु वृिचचत्रों को देखना अपूवभ
और अदभुि अनुभव ् था। ब्रवज्ञान की जटटलिाओ,ं गहराईयों और
बरीटकयों को सरल और मनोरंजक िरीके से प्रस्तुि करने की
कला और हुनर समस्त ब्रवज्ञान पत्रकारों और ब्रवज्ञान संचारकों
को सीखना चाहहये। इन टिल्मों के आख्यान ANarrative] हमें
सशद्दि से अहसास करािे हैं टक इस साझा धरिी ग्रह को
संधाररि करने की टकिनी बड़ी सजम्मेदारी मानव जाब्रि पर आन
पड़ी है। ब्रवब्रवध ब्रवषयों से सम्बब्धन्धि इन टिल्मों में एक सूत्र
समान रूप सेटपरोया हुआ हैटक कै से हम सब एक दसू रेसेजुड़े
हुए है, खिरा है, चचन्ता है, और आशा िथा ब्रवश्वास भी है।
टिल्मों के नाम:
(1) A body Called Life
(2) A flaming forest
(3) Wild Summon
(4) Send Kelp
(5) What really counts
(6) Requiem for a whale
*Global Science Film Festival िैलश्वक विज्ञान टिल्म महोत्सि [www.sciencefilm.ch]
िनीषा कु मारी AICGEB], आयुष राय AI.I.T. देहली] ने उपरोक्त उदाहरणों के माध्यम से ब्रवज्ञान टिल्मों
के ब्रनमाण की बारीटकयों पर चचा करी।
[सत्र-9] साइन्स कम्यूवनके शन ग्लोबि
My winning move [मेरी जीतने िािी िाि]
इस कान्फ्रे न्स मेंमेरेअब्रिररक्त एक मात्र दसू री मेटडकल डाक्टर कररष्मा कौसशक के संचालन में चार
युवा वैज्ञाब्रनकों नेअपनी कहानी साझा करी टक कै से, टकस मोड़ पर, उहोंने क्या करा या क्या हुआ टक उहें
एक िेक ब्रमला, उनका काम एक पायदान ऊपर चढ़ गया।
*श्वेिा द्वारा Spotify पर साइन्स पाडकास्ट कैसेलोकटप्रय हुए (India wants to know)
*वकार (कािीर) के शर और लेवेिर की बेहिर खेिी और ब्रवपणन में ब्रवज्ञान के सहयोग का
प्रब्रििल कैसेप्रससद्ध हुआ।
*सम्पदा: न्यूजलेटर और इिरव्यूज का काम
*प्रत्याशा रथ AI.I.T. खड़कपुर] ने इंजीब्रनयररंग सशक्षा के दौरान खुद को खोजा टक स्के च /काटूभन
ग्राटिक आहद बनाने की उसकी नैसगगभक प्रब्रिभा कै से ब्रवज्ञान संचार में उपयोगी ससद्ध हो सकिी है। पेंब्धिन
इण्डण्डया द्वारा उसकी रचचि प्रथम ग्राटिक पुस्तक प्रकासशि होने जा रही है। मुझे खुशी है टक उसने मेरे द्वारा
सलझखि Clinical Tales [मरीज कथाओ]ं में रुचच दशाई और कहा टक टकसी भी कहानी को भलाभांब्रि चचत्र
कथा AGraphic Story] में पररवब्रिभि टकया जा सकिा है।
[सत्र-10] कानून और विज्ञान
ब्रवराट माके ण्डेय (स्विंत्र पत्रकार) के साथ जोया हुसैन Aस्विंत्र पत्रकार], राजेश्वरी हररहरन (बौणद्धक
सम्पदा सलटेगेशन ब्रवशेषज्ञ) और कु मारासामी थंगराज ACCMB] की चचा मेंकानून और ब्रवज्ञान की साझी
दहलीज से उठनेवाली अनेक कहानीयों और मुद्दों का उल्लेख हुआ।
DNA टिं गर टप्रंटटंग जैसी नई वैज्ञाब्रनक ब्रवधी का भारिीय न्याय व्यवस्था नेदब्रुनया मेंअग्रणी रूप से
संज्ञान सलया था। साईन्स जनभसलस्ट पर सिम्मेदारी बनिी है टक नवीन िकनीकों को न के वल सरल भाषा में
समझायें बल्कल्क उसकी बारीटकयों और Nuances को न ओझल होने दें।
कानून और ब्रवज्ञान की जुगलबन्दी सामासजक न्याय के सलये एक मजबूि सम्बल बन सकिी है। मानव
अपसशष्ट् ANight-Soil Scavengers] उठाने वालों की मुगक्त और सम्मान के ब्रमशन मेंपत्रकारों और
पैरवीकारों का साथ ब्रवज्ञान ने भी हदया।
यदद मुझे समय वमिता िो मैं अनेक ब्रवषयों का उल्लेख करिा (1) िेन-डेथ, (मश्मस्तष्क मृत्यु), अंगदान
और जीवन के अन्त समय की सुश्रूषा के पीछे का न्यूरोब्रवज्ञान (2) इन्टियन अके डमी आि न्यूरोलाजी द्वारा
भारिीय कानून में संशोधन करवाना सजसके कारण ब्रमगी (Epilepsy) उन अवस्थाओंकी सूची सेबाहर हुआ
सजनकी ब्रबना पर िलाक मांगा जा सकिा था। (3) ब्रवकलांगिा से प्रभाब्रवि व्यगक्तयों के हहिों की रक्षा के
सलये न्यूरोलासजस्ट द्वारा एडवोके सी और िदनुरुप Person’s with Disabilities Act में संशोधन और
सुधार (4) Genetic Enhancement के कानूनी पहलू — जीन एटडटटंग द्वारा व्यगक्त की क्षमिाओं में
बढ़ोिरी कै सेसमाज में भेदभाव का नया कारण बनेगी। (5) िथा कभथि टरांस महहलाएं जो बायोलासजकाल
दृटष्ट् से XY क्रोमोसोम धारण करिी है लेटकन महहलाओंकी प्रब्रिस्पधा में भाग लेने का अभधकार जिािी है।
[सत्र-11] अनछु ए नजररये
टी.वी जयन Aशास्त्र] की माडरेटरसशप में ब्रवश्वजननी संिीगेरी ATKDL], प्रीब्रि डेब्रवड APARI] और
अचचली ब्रमहूAहदबांग दल, अरुणाचल प्रदेश] के अनुभवों को सुन कर जाना टक ब्रवज्ञान पत्रकाररिा में जनजािीय AEthnic] आवाजों का टकिना महत्व होना चाहहये। पूरी कान्फ्रें स में अंचचली ब्रमहुएक मात्र वक्ता रही
जो हहन्दी में खूब मीठा बोली। काश ऐसे और भी डेलीगेट्स होिे।
यदद मुझे समय वमिता िो बहस का एक मुद्दा उठािा: क्या ज्ञान की भभन्न प्रणासलयों ADifferent
Knowledge Systems] की प्रामाणणकिा AValidity] को मापने के पैमाने भी अलग-अलग होने चाहहये?
बहुसंस्कृब्रिवाद AMulti-Culturalism] के लाभ और हाब्रन क्या है? ब्रवज्ञान टकिना ब्रनरपेक्ष AUniversal] है
और टकिना सापेक्ष ARelative]?
[सत्र-12] सहभागगयों और प्रायोजकों के िक्तव्य
यह खुशी और संिोष की बाि रही टक इस महिी आयोजन को अनेक प्रब्रिटष्ठि संस्थाओंकी मदद
ब्रमली — आभथकभ िथा अन्य दसू रेप्रकार की मदद।
(1) मुके श बंसल
(2) नंदन नीलके नी टिलेन्प्रोपीज
(3) Eurek Alerts यूरेकालट्भस/ American Association for Advancement of science
(4) राष्ट्रीय अनुसंधान ररसचभिाउण्डेशन Aभारि सरकार; ANRF [डॉ. बाला चंद्रन]
(5) FAST – India – [आशीष धवन, चश्रया] ये लोग प्रब्रिवषभ भारिीय ब्रवज्ञान महोत्सव AIndia
Science Festival] आयोसजि करिे हैं। इस संस्था के काम से मैं बहुि प्रभाब्रवि हुआ।
[www.indiasciencefest.org]
FAST: Foundation for Advancing Science & Technology
[https://www.fast-india.org/]
(6) SwitzerlAND India
(7) Itihasa [एस. गोपालकृ ष्णन] िक्नालाजी और समाज का आपसी िाना बाना
(8) ब्रवज्ञान-संचार के ि AScience Media Center @ IISER, पुणे Aशासलनी] नागररक ब्रवज्ञानI
[Citizen Science], वाचचक परम्परा का महत्व [Oral Testimony], Oral history museum —
[मौझखक इब्रिहास का संग्रहालय]
[सत्र-13] Portfolio Review [िेखन संग्रह समीक्षा]
[सत्र-14] Pitching to Editors [संपादक को साधना]
उपरोक्त दो सत्रों में मुझे भाग लेने का अवसर नहीं ब्रमला। सीब्रमि संख्या में डेलीगेट् स को पहले से चुना
गया था। इिना समझ में आया टक यो टकिने उपयोगी सत्र रहे होंगे। ब्रवज्ञान पत्रकाररिा और संप्रेषण मे अपनी
कायभकु शलिा बढ़ाने की महत्वाकांक्षा रखने वालों को मौका ब्रमला होगा टक उनके द्वारा अब िक सलझखि
सागग्री की गुणवत्रा का आंकलन (Review) वररष्ठ अनुभवी ब्रवशेषज्ञों द्वारा टकया जाये।
दसू रेसमूह को व्यावहाररक सलाहेऔर Tips ब्रमली होंगी टक अपनी स्टोरी लेकर कै से सम्पादक को
प्रभाब्रवि करना।
[सत्र-15] Experiential Tours [अनुभिजन्य भ्रमण]
सभी डेलीगेट्स को उनकी रुचच के अनुसार चार समूहों में बांट कर ब्रनम्न संस्थाओंके भ्रमण पर ले
जाया गया
(1) बोटेब्रनकल गाडभन — Tryst with trees [वृक्षों से ब्रमलने का वादा]
(2) The Microbe Vault [सूक्ष्म जीवी संसार का कोष्ठ]
(3) साइन्स पाकभ [ब्रवज्ञान प्रदशभनी]
(4) Cosmic Trail with 1UCAA Aिह्माण्डीय पथ]
खगोलब्रवज्ञान और खगोल भौब्रिकी का अन्तर ब्रवश्वब्रवद्यालय के ि
Inter University Centre for Astronomy and Astrophysics.
चूंटक मैं इसी दल का सदस्य था, अिः मुझे अन्य संस्थाओंकेबारेपिा नहीं।
IUCAA एक अदभुि अप्रब्रिम स्थान है। ब्रवख्याि वास्तुब्रवद चार्ल्भ कोररया द्वारा अभभकल्किि स्थापत्य ्
पर बनी है। सजसमेंसौरमण्डल के ग्रहों, आकाश गंगाओं गणणिीय सूत्रों आहद को दशाया गया है। इसका
शुभंकर चचह (लोगो) एक ही रेखा का घुमावदार पथ है जो िीन वृि बनािा प्रिीि होिा है।

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[www.iucaa.in/en/]
इस संस्था का ब्रवचार और कायभयोजना पुणे के ब्रवख्याि खगोलशास्त्री श्री जयन्त ब्रवष्णु नालीकर के
हदमाग की उपज थी। 1960 के दशक के उिराधभ में, मेरे हाइस्कू ल के हदनों से मैं श्री नालीकर केबारे में पढ़िा
रहा था। उनसे प्रभाब्रवि था। उनके बारे में मुझे सबसे अच्छी बाि यह लगिी रही है टक स्वयं आला दजेके
वैज्ञाब्रनक होिेहुए, वे साइन्स को मराठी भाषा में आम जनिा िक पहुंचानेके ब्रमशन मेंलगेरहे। IUCAA
के ि इसी का उदाहरण है। मैं नालीकर जी का एक ब्लाग िालो करिा हूूँ।संयोगवश अभी हाल ही में उहोंने
अपने एक नये पोस्ट मे IUCAA के बारे में सलखा है। [www.jvnarlikar.blog/p/the-iucaa-story-afirst-person-account?r=29eccp&utm_medium=ios&triedRedirect=true] उनकी मराठी
रचनाओंकेहहन्दी अनुवाद मैंने पढ़ेहैं और प्रेरणा पाई है। संस्था के के म्पस में आयभभट्ट, गैलीसलयो, न्यूटन और
आईन्सटाइन की भव्य प्रब्रिमाएं लगी है। हमेंदरूबीन द्वारा चिमा, शुक्र AVenus], शब्रन ASaturn] और
अन्तरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन उपग्रह Aसजसमेंसुनीिा ब्रवसलयम िंसी हुई है] हदखलायेगये। ब्रनम्न दो चचत्रों में आप
देख सकिे हैं टक ससिभ 20 सेकण्ड की लघु अवभध में यह सेटेलाइट टकिनी िेज गब्रि से पररक्रमा लगा रहा
है।

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Miscellaneous छुटपुट
सम्मेलन के आयोजकों की दाद देनी पड़ेगी टक उहोंनेअदभ् ुि किनाशीलिा दशािेहुए कुछ छोटी
छोटी अब्रिररक्त गब्रिब्रवभधयों को अंजाम हदया।
(A) Exhibition: Visualizing Science
प्रदशननी: विज्ञान दशनन
चचत्र, िोटोग्राि, पेंटटंग, काटूभन आहद दृश्य सामग्री टकस िरह ब्रवज्ञान के छोटे मोटे पहलुओंको समझा
सकिे हैं, इस बाि की बानगी थी एक छोटी सी प्रदशभनी द्वारा
Ahttps://neurogyan.com/bwg_gallery/%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%9C%E0
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आयोजक मंडल के सदस्यों ने स्वयं इन आकषभक चचत्रों को गढ़ा था जो दशभकों के मुूँह से ब्रनकलवािा
था “वाह, क्या खूब िरीका है कहने का”।
डेटा इिना खूबसूरि हो सकिा है यह हम सोच भी नहीं पािे।
(B) Background music पृष्ठभूवम संगीत
“We will rock you” गीि की चचा मैंकर चुका हूूँ।वादब्रववाद प्रब्रियोगगिा के बेकग्राउण्ड स्कोर के
रूप में डर म का उपयोग अत्यंि उपयुक्त लग रहा था। अन्य कु छ सत्रों के साथ भी सुरुचचपूणभ संगीि का
वािावरण था।
(C) पोस्टकाडन अदिाबदिी
एक बाक्स में रंगीन कलात्मक पोस्ट-काडभरखेहुए थे, सजनकी कोरी साईड पर अपने नाम पिे के साथ
आप सलख सकिे थे अपनेटकसी एक काम केबारेमें।भरेहुए पोस्टकाडभको समीप मेंदसू रेBox में डालिेथे
िथा उसमें से टकसी अन्य द्वारा भरा हुआ पोस्टकाडभपढ़कर आप उक्त डेलीगेट् सम्पकभ कर सकिे थे, यहद
आपको उनके काम में रूचच हो िो।
(D) लिखने िािी दीिािेंWriting Walls
सिे द बोडभस्पर माकभ र पेन के माध्यम से आप अनेक ब्रवषयों पर अपनी राय सलख सकिे थे—
मेरे द्वारा सलखे गये ब्रबन्दुओ को मैंने िारांटकि * कर हदया है।
1. इस कान्फ्रें स में आपको क्या कमी िगी। क्या खराब िगा?
What I hate the most about conferences is…
– समय सीमा का पालन नही
– सुनना अभधक है, चचा कम
– कभी कभी बोर सत्र होिे है
– सम्मेलन हुआ और समाप्त
– संपकभ सूचचयां चाहहये*
2. अगिे िर्न की कान्फ्रें स में आप टकन विर्यों को सम्बिलित करना िाहेंगे?
What should the theme of our next conference be?
– A.I. (आटटभटिसशयल इंटेसलजेंस) की मदद से ब्रवज्ञान पत्रकाररिा को बेहिर कै से बनाना।
– भारिीय भाषाओंमें ब्रवज्ञान पत्रकाररिा।*
– ब्रवज्ञान संचार को कहानी के रूप में कै से प्रस्तुि करें।*
– लोगों की सोच में वैज्ञाब्रनक ब्रवभध को कै से पुख्ता बनाना।*
– वाद ब्रववाद: पक्ष: ब्रवज्ञान ससिभ ब्रवज्ञान के सलये*
– ब्रवपक्ष: ब्रवज्ञान सामासजक न्याय के सलये
– आम जनिा के सलये कहठन शब्दावली को आसान बनाना
– संझखय्कीय साक्षरिा*
– क्वक्वज प्रब्रियोगगिा – रेटपड िायर
– वैज्ञाब्रनकों से साक्षात्कार कै से लेना*
– ब्रमथ्या जानकाररयों का खण्डन कै से करना*
– Aअसमानिा, वगभभेद, जाब्रि भेद, सलंग भेद]
3. यदद आप टकसी पत्र-पटत्रका के सम्पादक हों तो विज्ञान पत्रकाररता के दहत में पहिा काम क्या
करेंगे?
You’re the science editor of a leading daily. What is the first policy that
you would implement for your team?
– बेहिर िनख्वाह
– एक न्यूिलेटर चलाना
– भब्रवष्यिल छापना बंद करों*
– टकसी भी स्टोरी की पुटष्ट् प्रमाणणि स्त्रोि से करना
4. कोई िैज्ञावनक विर्य लजसके बारे में आप सोिते है टक उस पर और अधधक ध्यान ददये जाने की
आिश्यकत है।
A scientific topic you think deserves more attention.
– सौर मण्डल, चिमा, धरिी
– ध्वब्रनिरंगो का मानव
– शरीर और स्वास्थ पर असर
– जलवायु पररविभन और ण्डस्त्रयों के माससक धमभ-स्वास्थ्य पर असर
– शोध में नैब्रिकिा का महत्व*
– प्रोटीन-रसायन
5. टकसी सम्पादक द्वारा कहे गये बुद्धद्धमत्ता पूणन शब्द जो आपको खूब अच्छे िगे हो?
Best words of wisdom from an editor that you cherish.
– अपने आलेख को इिना अच्छा सलखों टक चचत्रों की जरूरि न पड़े
– यह स्टोरी िुम्हारे नाम के साथ जायेगी
– अपने आलेख के एक एक शब्द और फ़ोटोग्राि के समथभन में प्रमाण होने चाहहये
– आप चाहे दस बािें जानिे है लेटकन सिलिा के सलये दो-िीन पयाप्त है बशिे वे सब्रमचचि हों
6. उदीयमान विज्ञान पत्रकार के लिये आप का संदेश
Leave a message for a budding science journalist /communicator.
– गहरी शोध करो जैसेवज्ञै ाब्रनक लोग िाटकभक िरीकेसेएक केबाद एक संभावनाओंको ब्रनरस्त
करिे जािे हैं, िुम भी अपनी कहानी के साथ ऐसा ही करो
– स्वंय केब्लॉग पर सलखो*
7. कौन सी थीम आपको सबसे अच्छी िगती है।
What themes do you most enjoy covering?
– जलवायु और न्याय
– चिमा पर खोज
– कोसशका और उसके अवयव
– जनजाब्रियां और जंगल
– ग्रहों का ब्रवज्ञान
8. विज्ञान से सम्बम्बित कौनसी से बेतुकी वमथ्या-धारणा का आप सबसे पहिे खण्डन करना िाहेगे।
What’s the most bizarre science-related myth you’ve had to debunk?
– शब्रनग्रह पर िैर सकिा है।
– सांप दधू पीिेहै।
– 5G टकरणों से के न्सर होिा है।
– माइक्रोवेव ओवन से भोजन जहरीला हो जािा है।
9. यदद आपको टकसी प्रलसद्ध िैज्ञावनक के साथ कािी पर एक ‘डे ’ का मौका वमिे तो टकसके
साथ िाहेंगे?
Coffee date with ANY scientist – who would it be?
उबभसी ससहा
ब्रवहदिा वैध
हब्रनभनागेि
मनु गौिम
जेन गोडाल
एलीवाडभ
मावेरोच
कालभ सागन
ररचडभ डॉटकन्स*
जयन्त ब्रवष्णु नालीकर*
स्टीवेन टपंकर
ई.ओ. ब्रवर्ल्न
10. दहन्दी और भारतीय भार्ाओंमेंविज्ञान पत्रकाररता
मंच के कायभक्र मों के अलावा, शेष समय Aआपसी गपशप, मेलजोल, चाय-नाश्ता, भोजन, पानी] बहुि
सारी बािेहहदं ी मेंहोिी रही। लेटकन दःुख रहा टक एक अपवाद छोड़कर, औपचाररक रूप से हहन्दी /अन्य
भारिीय भाषाओंके सलये कोई स्थान नहीं था। न बहस के माध्यम के रूप में, न इस बाि पर टक भारिीय
भाषाओंमें ब्रवज्ञान प्रसार की क्या ल्कस्थब्रि है, क्या चुनौब्रियां है, कै से सुधारा जावे।
हहंदी में ब्रवज्ञान पत्रकाररिा और चचटकत्साब्रवज्ञान सशक्षा के क्ष्रेत्र में मैं सलखिा रहा हूूँ।
[www.neurogyan.com/hindi-main-vigyan-patrakarita]
11. विज्ञान और वििारधारा Science and Ideology
जैसे कला के लेकर बहस चलिी रहिी है:—
कला कला के सलये AArt for the sake of art]
(या)
कला सामासजक न्याय के सलये AArt for the sake of Social Justices]
वैसी ही बहस ब्रवज्ञान को लेकर भी चलिी है। सलबरल (उदार) वामपन्थी (Leftist) ब्रवचार धारा वाले
लोगों का मानना है टक चाहे कला हो या ब्रवज्ञान, उसका प्राथब्रमक सरोकार सामासजक न्याय से होना चाहहये।
इसके ब्रवपरीि, दसक्षण पंथी ARight Wing, Conservative] लोगों को लगिा है टक िथाकभथि सामासजक
न्याय ADiversity, Equity, Inclusion] पर अभधक वजन देने से ब्रवज्ञान की मूल भावना और उद्देश्य पर
बुरा असर पड़िा है। ब्रवज्ञान में मेररट के महत्व पर मैं एक ब्रनबन्ध इस कालम मेंपहलेसलख चूका हूूँ।
[www.mediawala.in/apni-bhasha-apna-vigyan-merit-in-science-and-social-science/]
ब्रवज्ञान पत्रकाररिा में राजनैब्रिक सामासजक ब्रवचारधारा के अब्रि-दखल का एक उदाहरण और उसका
पररणाम हाल ही देखने में आया।प्रससद्ध अमेररकी ब्रवज्ञान पटत्रका Scientific American की टपछले अनेक
वषो से सम्पादक रही सुश्री िारा हेिमथ को अपने पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा क्योंटक उहोंने जरा ज्यादा ही
वोक-पना हदखािेहुए पटत्रका को अपनी ब्रवचारधारा के प्रोपेगेिा का टूल बना सलया था।
SJAI में उदार वामपन्थी ब्रवचारधारा का बोलबाला है। इसके ब्रवपरीि India International
Science Festival है जो RSS से सम्बद्ध संस्था “ब्रवज्ञानभारिी” और भारि सरकार द्वारा आयोसजि टकया
जािा है।उसमेंसांस्कृब्रिक राष्ट्रवाद व रुटढ़वाद पर अभधक जोर रहिा है।
मैंने दोनों सम्मेलनों भाग सलया और मेरे व्यगक्तत्व के अनुरूप “Aयह भी सही, वह भी सही]” दोनों पक्षों
में सत्य का अंश पाया। मेरा हदमाग SJAI की िरि झुकिा है। और हदल IISF की िरि। SJAI में मैं मेररट के
पक्ष मेंबोलिा हूूँिो IISF में ब्रमथ्याब्रवज्ञान के ब्रवरोध में।
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