Youth Policy: MP की युवा नीति के लिए सरकार को मिले 372 सुझाव

युवा नीति में हो राइट टू वर्क का प्रावधान, हर युवा को मिले रोजगार या भत्ता

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Youth Policy: MP की युवा नीति के लिए सरकार को मिले 372 सुझाव

भोपाल: मलेध्यप्रदेश के युवा चाहते है कि राज्य सरकार मध्यप्रदेश की जो युवा नीति बना रही है उसमें हर युवा को काम देने के उद्देश्य से राइट टू वर्क का प्रावधान हो जिसमें प्रत्येक युवा को रोजगार या स्वरोजगार से जोड़ने की व्यवस्था हो। अगर सरकार रोजगार न दे पाये तो युवा को स्वरोजगार मिलने तक रोजगार भत्ता प्रदान किया जाए।

मध्यप्रदेश की युवा नीति बनाने के लिए राज्य सरकार को कुल 372 सुझाव मिले है। अधिकांश सुझाव युवाओं को रोजगार मुहैया कराने को लेकर है।

सर्वधर्म कॉलोनी निवासी अमित दीवान ने युवा नीति में ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभाओं को निखारने के लिए सभी तहसीलों में मुख्यमंत्री युवा प्रतिभा संवर्धन केन्द्र स्थापित करने का सुझाव दिया है। युवाओं के समग्र विकास के लिए प्रदेश में युवा सशक्तिकरण एवं रोजगार संवर्धन विश्वविद्यालय स्थापित करने का सुझाव उन्होंने दिया है ताकि युवाओं को उद्यमिता विकास, व्यक्तित्व विकास , सामुदायिक विकास का प्रशिक्षण दिया जा सके।

ग्रामीण क्षेत्रों में युवा स्वसहायता समूह गठित कर स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहन किया जाए, 18 से 45 वर्ष के युवाओं के अनिवार्य कौशल विकास के लिए राइट टू स्क्लि का प्रावधान करने और युवाओं के रुचि अनुरुप कौशल विकास के लिए नि:शुल्क् इंतजाम कर रोजगार से जोड़ने का सुझाव दिया है।

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नि:शुल्क मार्गदर्शन , प्रशिक्षण देने मुख्यमंत्री प्रतियोगिता प्रशिक्ष्ज्ञण एकेडमी बनाई जाए। शासकीय योजनाओं का लाभ युवाओं को दिलाने तहसील स्तर पर मुख्यमंत्री युवा सशक्तिकरण केन्द्र बनाए जाए। मुख्य बजट के साथ युवा बजट भी हर साल प्रस्तुत होना चाहिए।

शुभम शुक्ला ने सुझाव दिया है कि रिटायरमेंट की उम्र कम की जाए ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार से जुड़ने का मौका मिल सके। शशिकांत ने सुझाव दिया है कि आउटसोर्स प्रथा बंद की जाएक्योंकि दसवी, बारवी फेल ठेकेदार पढ़े लिखे युवाओं से जानवरों की तरह व्यवहार कर रहे है।

रीवा त्यौंथर से आशुतोष शुक्ला ने सुझाव दिया है कि हर योजना में ऋण दिलाने की सुविधा का प्रावधान किया जाए और किसी भी आॅनलाईन सेंटर से आॅनलाईन आवेदन करने पर युवाओं को रोजगार मिले यह व्यवस्था की जाए। दीपेश जैन ने आयुष्मान घोटाला करने वाले अस्पतालों का जीवन पर्यन्त लाइसेंस समाप्त करने और एक प्लेटफार्म पर मरीजों के आंकड़े संग्रहित करने, डॉक्टरों और सीएमओ की जवाबदेही तय करने तथा पूरे प्रदेश में केवल सरकारी अस्पतालों का संचालन करने प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री सभी को सरकारी अस्पताल में जांच कराने का सुझाव दिया है।

दीपेश जैन ने सामाजिक कार्य के बदले वेतन देने, सरकारी नीतियों, योजनाओं के क्रियान्वयन में युवाओं की सहभागिता सुनिश्चित करने तथा हर ब्लाक में युवा संगठन बनाने की मांग की है। उन्होंने कक्षा छह से ऐसी शिक्षा देने का सुझाव दिया है जिसमें बच्चे उद्यमी बनने का प्रयास करें।

 

*जातिगत भेदभाव खत्म हो_*

अविनाश प्रताप सिंह ने योजनाओं में जातिगत भेदभाव बंद करने की मांग की है। उन्होंने टीचिंग पोस्ट में मेरिट के आधार पर भर्ती करने का सुझाव दिया है ताकि अच्छे टीचर मिल सके। तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्टÑ की तर्ज पर एमपी में उद्योग लाए जाए ताकि राज्य में रोजगार के अवसर बढ़े। हर जिले में एक ऐसा सेंटर बने जहां आर्ट्स, म्यूजिक, गेम्स बच्चों को सिखाए जा सके।

दीपक मारु का कहना है कि कार्यकाल पूरा होंने से पहले पार्टी बदलने वाले विधायक को कार्यकाल पूरा होंने तक चुनाव लड़ने के अधिकार पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। रिषभ शर्मा ने इंटर पास करने वाले छात्र को प्रथम वर्ष में एक लाख का लोन दिए जाने का सुझाव दिया है।