जेलेंस्की का जलवा … पुतिन का पतन या फिर कुछ और…
रूस की स्थितियां बड़ा संकेत दे रही हैं। जेलेंस्की ने पुतिन को आइना दिखाकर यह साबित कर दिया है कि जिद, जुनून और जज्बा हो, तो सब कुछ संभव है। पर रूस के कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेन के तूफ़ानी हमले और राष्ट्रपति ज़ेलेस्की की आंशिक जीत ने रूस को सकते में लाया है तो बहुत कुछ सोचने पर मजबूर भी कर दिया है। इसे पुतिन का पतन माना जाए, यह सोचना जल्दबाजी होगी। पर इससे यह कयास लगाने का समय जरूर आ गया है कि आखिरकार आगे क्या देखने को मिल सकता है?
बीबीसी की रिपोर्ट की मानें तो अमेरिकी अधिकारी और सैन्य विश्लेषक भी इस बात का आकलन कर रहे हैं कि यह हमला रूस-यूक्रेन युद्ध की राजनीतिक और सैन्य परिस्थिति को कैसे बदल सकता है? साथ ही अपने हथियारों के इस्तेमाल को लेकर लंबे समय से अपने बदलते रुख़ के चलते अमेरिका इस बात का भी आकलन कर रहा है कि यूक्रेन की ओर से उनके इस्तेमाल से क्या जटिलताएं पैदा होंगी? इस हमले ने रूसी और पश्चिमी देशों के नेताओं को हैरान कर दिया है। यूक्रेन को पश्चिमी समर्थन से जुड़े सबसे जोख़िम भरी दुविधा को भी सामने ला दिया है।राष्ट्रपति बाइडन ने रूस और अमेरिका के संबंधों को बिना जोख़िम में डाले रूस के हमले की रोशनी में कीएव को लगातार सशक्त बनाने की कोशिश की है।
वहीं रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन के साथ जंग को हमेशा रूस और पश्चिम देशों के बीच युद्ध के रूप में दिखाने की कोशिश की है। लेकिन बाइडन इस नैरेटिव को दबाने और टकराव को कम करने के लिए अमेरिकी नीति की सीमाएं तय करने का रुख़ अपनाते रहे हैं। अब जब यूक्रेनी सेना रूस के अंदर घुस गई है, उसने पुतिन की सेना की टेंशन बढ़ा दी है। ऐसे में रूस बैकफुट पर आते हुए अपने सैनिकों को कब्जाए गए यूक्रेन के इलाके से निकालने लगा है। यूक्रेन में तैनात सैनिकों को रूस के अंदर पहुंची यूक्रेनी सेना से लड़ने के लिए भेजा जा रहा है। यह दिखाता है कि रूसी सेना की अब यूक्रेन पर पकड़ कमजोर होने लगी है। सीएनएन को दो अमेरिकी अधिकारियों ने इस बारे में बताया है। इस घटनाक्रम ने अमेरिका का ध्यान आकर्षित किया है और अब अमेरिकी अधिकारी यह पता लगाने में लगे हैं कि आखिर कितने सैनिकों को रूस ने यूक्रेन से निकाला है।
यह मोड़ बहुत निर्णायक है। ईरान, फिलीस्तीन, इजरायल और अमेरिका केे समसामयिक हालातों के बीच यूक्रेन-रूस का यह घटनाक्रम बहुत सारे संकेत दे रहा है और आशंकाएं बलबती हैं…।