Ambedkar Jayanti : ‘पंचतीर्थ’ के स्थानों को ‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा’ से जोड़ा जाएगा

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Ambedkar Jayanti : ‘पंचतीर्थ’ के स्थानों को ‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा’ से जोड़ा जाएगा

– अम्बेडकर जन्मस्थली पर उत्सवी वातावरण में जयंती मनी

Indore : संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर की जयंती उनकी जन्मस्थली अम्बेडकर नगर (महू) में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाई गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्मारक में पहुंचकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उन्होंने स्मारक स्थल पर बाबा साहब के अस्थि कलश के दर्शन किए और पुष्पांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर के जीवन से जुड़े पंचतीर्थ के प्रमुख स्थानों को तीर्थ दर्शन यात्रा से जोड़ा जाएगा।
श्रद्धालुओं को राज्य शासन के खर्च पर इन तीर्थों की नि:शुल्क यात्रा ट्रेन के माध्यम से कराई जाएगी। यात्रियों के लिए भोजन, भ्रमण और ठहरने आदि का सभी खर्च राज्य शासन उठाएगा। उन्होंने कहा कि अम्बेडकर नगर (महू) में बने जन्म स्मारक में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यथोचित स्थान पर धर्मशाला का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन को राजस्व भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहब ने शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो का मूल मंत्र दिया था। इस मूल मंत्र को आत्मसात कर हम उनके सपनों को साकार कर सकते हैं। उनके बताए मार्ग पर चलकर सामाजिक व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सकता है। हम एक अच्छे समाज का निर्माण कर सकते हैं। समतामूलक समाज की स्थापना की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं।

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कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि डॉ अम्बेडकर नगर पवित्र भूमि है। यहाँ से डॉ अम्बेडकर, टंट्या मामा सहित अन्य विभूतियों का जुड़ाव रहा है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर के आदर्शों और सिद्धांतों पर हमें चलना होगा। उनके आदर्श और सिद्धांतों पर चलकर बुद्धिमान तथा ज्ञानवान बनकर हम राष्ट्रहित के अधिक से अधिक कार्य करें। संगठित रहें।

श्रद्धालुओं के साथ मुख्यमंत्री ने भोजन किया
मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं के लिए की गई भोजन व्यवस्था में शामिल होकर ख़ुद भी दोपहर का भोजन किया। उन्होंने कहा कि बाबा साहब के चरणों से धन्य उनकी जन्मस्थली अम्बेडकर नगर की पवित्र धरती पर रोटी ग्रहण करने का आज सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस अप्रतिम भूमि पर मानो भोजन स्वयमेव ही विशिष्ट बन गया, जिससे मन में सेवा का पुण्य भाव और प्रबल हुआ। सेवा ही जीवन का ध्येय है।

व्यवस्थाओं को सराहा गया
डॉ अम्बेडकर की जन्मस्थली पर आने वाले श्रद्धालुओं और भक्तों के लिए की गई व्यवस्थाओं को व्यापक सराहना मिली है। मुख्यमंत्री ने व्यवस्थाओं के लिए जिला प्रशासन की सराहना की, वहीं दूसरी ओर श्रद्धालुओं ने भी शासन और प्रशासन के प्रति मेहमान नवाजी के लिए आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल के बाद पहली बार जन्मस्थली पर इतना बड़ा आयोजन है। इस आयोजन के लिए जिला प्रशासन ने बेहतर व्यवस्था की है। इसके लिए उन्होंने धन्यवाद दिया। इसी तरह मध्यप्रदेश के अन्य जिलों और महाराष्ट्र से आए श्रद्धालुओं ने भी व्यवस्थाओं की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।