Hathras Accident : भगदड़ मामले में UP सरकार बाबा को बचाने में लगी, SIT रिपोर्ट में भी नाम नहीं!

सारा दोष आयोजनकर्ता का माना, अफसरों पर भी लापरवाही का दोष मढ़ा!

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Hathras Accident : भगदड़ मामले में UP सरकार बाबा को बचाने में लगी, SIT रिपोर्ट में भी नाम नहीं!

Hathras : बाबा सूरजपाल के सत्संग के दौरान हुई भगदड़ को लेकर एसआईटी ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट दाखिल कर दी। खास बात यह कि इसमें कहीं बाबा सूरजपाल उर्फ भोले बाबा को दोषी नहीं बताया गया। भगदड़ को लापरवाही और बदइंतजामी का नतीजा बताया गया। कार्यक्रम की इजाजत लेते समय आयोजन समिति ने अपने स्तर पर पूरे इंतजाम करने का आश्वासन दिया था। भीड़ को सड़क पर नियंत्रित करने के लिए जरूर पुलिस प्रशासन की मदद मांगी थी। लेकिन, आयोजन समिति ने घोर लापरवाही की।

अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में एसआईटी ने कहा कि अनुमति के दौरान एलआईयू की रिपोर्ट में बाबा के सत्संग में सेवादारों द्वारा ही पूरे इंतजाम करने का जिक्र किया गया था। सत्संग में बड़ी संख्या में आने वाले लोगों में नए लोग ज्यादा थे, जो बाबा को देखने के चलते उमड़ पड़े। इससे भीड़ अनियंत्रित हो गई। ये बात भी सामने आई कि स्थानीय अफसरों ने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा नहीं लिया। अनुमति से अधिक भीड़ आने की जानकारी प्रशासन के पास पहले से थी। बाबा का सत्संग शुरू हुआ और भीड़ लगातार आती रही, फिर भी मौके पर मौजूद अफसर स्थिति का आकलन करने में फेल हुए।

अपनी रिपोर्ट में एसआईटी ने कहा कि मौके पर लगाई फोर्स में कुछ पुलिसकर्मी ही सत्संग के बाहर लगाए गए थे। ज्यादातर फोर्स सड़क पर भीड़ नियंत्रण और ट्रैफिक मैनेजमेंट में ही लगी थी कि हाइवे जाम न लगे। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में अनुमति की शर्तों का उल्लंघन करने के लिए आयोजन समिति के लोगों को तथ्य छुपाने का जिम्मेदार ठहराया।

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इस रिपोर्ट के मुताबिक, मौके पर मौजूद पुलिस-प्रशासन के अफसर स्थिति का आकलन नहीं कर पाने के लिए लापरवाह पाए गए। हादसे में साजिश का पता लगाने के लिए पुलिस की जांच और आयोजनकर्ताओं से गहन पूछताछ की जरूरत है। भगदड़ मामले की जांच कर रही एसआईटी ने अब तक 90 बयान दर्ज किए और प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी। विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

पुलिस को आयोजनकर्ता की तलाश

भगदड़ के मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर को पकड़ने के लिए एजेंसियां कई जगह दबिश दे रही हैं। यूपी के साथ ही राजस्थान और हरियाणा में भी उसकी तलाश जारी है। इस मामले में दर्ज एफआईआर में मुख्य सेवादार मधुकर का नाम है। जबकि, बाबा सूरजपाल का नाम दर्ज नहीं किया गया। मधुकर के अलावा कई अज्ञात आयोजकों को भी आरोपी बनाया गया। मामले में अब तक 6 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। किसी को भी क्लीनचिट नहीं दी गई। जांच जारी है और एजेंसियां मुख्य आरोपी की तलाश कर रही हैं। पर, सबकी नजर इस पर है कि बाबा को दोषी क्यों नहीं माना जा रहा!