Janpath Corridors To Kartvya Path : मुख्यमंत्री गहलोत ने की लाल डायरी की तुलना घरेलू गैस के लाल सिलेण्डर से

Janpath Corridors To Kartvya Path : मुख्यमंत्री गहलोत ने की लाल डायरी की तुलना घरेलू गैस के लाल सिलेण्डर से

Janpath Corridors To Kartvya Path : मुख्यमंत्री गहलोत ने की लाल डायरी की तुलना घरेलू गैस के लाल सिलेण्डर से

प्रधानमंत्री के इस बयान पर दोनों पैरों में चौट के कारण पट्टी बांध कर जयपुर में अपने सरकारी आवास आठ सिविल लाइंस पर आराम फ़रमा रहें मुख्य मन्त्री अशोक गहलोत कहाँ चुप रहने वाले थे। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के बयान को काउंटर करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय पर सीकर में पीएम के सरकारी कार्यक्रम से उनके प्रस्तावित भाषण देने के आयोजन को हटाने का आरोप लगायें। साथ ही उन्होंने ट्विट कर लाल डायरी का जवाब यह कह कर दिया कि मोदी सरकार रसोंई गैस के लाल सिलेण्डर को 1150 रु में वितरित कर जनता से खुली लूट कर रही है जबकि हमारी सरकार उसे पाँच सौ रु में उपलब्ध करा रहीं हैं।

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लाल डायरी के वक्तव्य पर पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पद की अपनी एक मर्यादा होती है। देश में सबसे अधिक एंटी करपशन के छापें राजस्थान सरकार ने डालें है ।भाजपा के लोग घबरा गए है और हमारे साथ रहें मंत्री को मोहरा बना रहें है।मोदी सरकार ईडी,सीबीआई और इनकम टेक्स आदि संस्थाओं का अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ़ बेजा इस्तेमाल कर रही है। लगता है कि राजस्थान में लाल डायरी का जिंद जब तक इसके पन्नों से निकल बाहर नही आयेगा तब तक यह आने वाले चुनाव में अहम मुद्दा बना रहेगा।

जल सैलाब में डूबी राजधानी जयपुर की सड़कें

राजस्थान की राजधानी जयपुर के स्टेच्यु सर्किल से विधानसभा भवन वाया शासन सचिवालय तक जाने वाले जनपथ रोड से भारत की राजधानी नई दिल्ली के कर्तव्य पथ मार्ग (पहलें राजपथ नाम से विख्यात) तक पिछलें दिनों सड़के जिस तरह वर्षा जल से तरबतर दिखी और इन सड़कों पर हिलोरें लेता पानी दिल्ली के ऐतिहासिक लाल क़िला, कश्मीरी गेट, अंतर्राष्ट्रीय बस अड्डा, आईटीओं यहाँ तक कि राजधानी के सबसे बड़े शवदाह गृह निगम बोध घाट में भी घुस कर भारी नुक़सान कर गया ।

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इस कारण वहाँ पाँच दिनों तक कोई दाह संस्कार नही हो सका। इसके साथ ही पानी की निकासी से जुड़ी सारी सरकारी व्यवस्थाओं की पोल भी खुल गई।

वसुन्धरा राजे को फिर से मिला भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा द्वारा घोषित किए गए नए राष्ट्रीय पदाधिकारियों की सूची में राजस्थान से तीन नेताओं को शामिल किया गया हैं। इन नेताओं को उनके पुराने पदों पर ही बरकरार रखा गया है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, कभी उत्तर प्रदेश में सक्रिय रहें सुनील बंसल को राष्ट्रीय महामंत्री और डॉ. अल्का सिंह गुर्जर को राष्ट्रीय सचिव के पद पर बरकरार रखा गया है।

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इससे यह संकेत नही मिल पा रहा है कि प्रदेश में बीजेपी की सबसे लोकप्रिय और क़द्दावर नेता पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को आगामी विधान सभा में क्या कोई महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी सौंपी जायेंगी अथवा उन्हें हाशिये पर ही रखा जायेगा। राजनीतिक जानकारों के अनुसार यदि ऐसा किया गया तों यह भाजपा के लिए आत्मघाती कदम साबित हों सकता है।

छह माह का एक्सटेंशन पाई CS उषा शर्मा जुटी सरकारी अमले को बदलने में

राजस्थान में इस वर्ष के अंत में होने वाले विधान सभा के आसन्न चुनाव में बहुत कम समय को देखते हुए केन्द्र से छह माह का सेवा विस्तार पाई मुख्य सचिव उषा शर्मा मुख्य मंत्री अशोक गहलोत की मंशा के अनुरूप प्रशासन में बड़े फेरबदल और गहलोत की फलेगशीप योजनाओं को अमलीजामा देने में जुटी हुई है। उनके साथ सी एम ओ के अफ़सर और राज्य का पूरा प्रशासनिक अमला लगा हुआ हैं।

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मुख्यमंत्री की योजनाओं की पूरी देश में गूँज है। विशेष कर सरकारी कर्मचारियों की ओल्ड पेन्शन योजना के कारण कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश और कर्नाटका में विजय की राह आसान हुई।

बीकानेर हाऊस बना “गेट वे ओफ़ राजस्थान”

नई दिल्ली में पृथ्वीराज रोड पर स्थित राजस्थान भवन को नया स्वरूप देने के लिए पिछलें वर्ष ही जमींदोंज कर दिया गया था लेकिन नए भवन की तामीर का काम गत माह से ही शुरू हुआ है। इसी प्रकार वर्षों के संघर्ष के बाद दिल्ली के राज निवास के निकट स्थित उदयपुर हाऊस के परिसर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए राजस्थान से दिल्ली आने वाले युवाओं के लिए एक यूथ होस्टल बनाना प्रस्तावित है।दिल्ली में राज्य सरकार के आवासीय आयुक्त धीरज श्रीवास्तव इसके लिए जी जान से जुटे हुए है।

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उनके पहले अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने भी अपना योगदान दिया लेकिन अब उनके पास स्वास्थ्य विभाग का फ़ूल टाइम दायित्व है।इण्डिया गेट से सटे ऐतिहासिक बीकानेर हाऊस को राज्य सरकार “गेट वे ओफ़ राजस्थान” के रूप में विकसीत कर रही है।दिल्ली के सुप्रसिद्ध पंडारा मार्केट से लगा बीकानेर हाऊस इन दिनों दिल्लीवासियों का “मोस्ट हेपनिग स्पेस”और “हॉट स्पॉट” बना हुआ है। यहाँ हर रोज़ भाँति भाँति की प्रदर्शनियाँ सेमिनार चाँदनी बाग पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और इसके चारों और हाट बाज़ार के साथ ही देश विदेश में प्रसिद्ध विभिन्न फ़ूड कोर्ट में लोगों की आवाजाही देखने योग्य है। बीकानेर हाऊस में पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के कार्यकाल में शुरू हुए हेरिटेज पुनरुद्धार और सौन्दर्यकरण के कार्यों को सी एम अशोक गहलोत ने आगे बढ़ाया हैं लेकिन यहाँ से चलने वाली राजस्थान रोडवेज की वोल्वो बसों की सेवाएँ बंद होना हर किसी को खटक रहा है।

पन्द्रह अगस्त से पूर्व मकान ख़ाली करने के नोटिस से अधिकारियों और कर्मचारियों की जान साँसत में

बीकानेर हाऊस में विकास के अगले चरण में विभिन्न विभागों के कार्यालय भवन और स्टाफ़ क्वार्टस के लिए वर्तमान परिसर को पन्द्रह अगस्त से पूर्व ख़ाली करने के नोटिस से सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की जान साँसत में आ गई है।एक दिव्यांग चिकित्सक तों बहुत द्रवित हो गई है। साथ ही कई छोटे कर्मचारी भी नए आशियाना ढूँढने में लग गए है।उन्हें देय हाऊस रेंट के मुक़ाबले नई दिल्ली में अपने कार्य स्थल बीकानेर हाऊस के नज़दीक किराये का मकान ढूँढना उनके लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। दिल्ली में राज्य सरकार के पास एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर जोधपुर हाऊस और चाणक्यपुरी में राजस्थान स्टेट गेस्ट हाऊस के अलावा ग्रीन पार्क में बिजली विभाग और काका नगर में इन्दिरा गाँधी नहर परियोजना के परिसर भी है। इसके अलावा बाबा खड़ग सिंह मार्ग पर स्टेट एम्पोरीयम आदि परिसर भी है।किसी जमाने में इण्डिया गेट के इर्द गिर्द दूर दूर तक का इलाक़ा जयपुर और राजस्थान की अन्य रियासतों की मिल्कियत ही था।

Author profile
गोपेंद्र नाथ भट्ट
गोपेंद्र नाथ भट्ट

गोपेंद्र नाथ भट्ट सम-सामयिक विषयों के लेखक और सूचना एवं जनसंपर्क के क्षेत्र में एक जाने पहचाने नाम और लेखनी के सशक्त हस्ताक्षर है ।

भट्ट राजस्थान के कई मुख्य मंत्रियों जिसमें पूर्व उप राष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत, वर्तमान मुख्य मंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्य मंत्री वसुन्धरा राजे और दिवंगत मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी सहित प्रदेश के दस-ग्यारह मुख्यमंत्रियों के पीआरओ और प्रेस अटेची रहे है ।भट्ट के देश-विदेश और प्रदेश के सभी जाने माने पत्रकारों और अन्य सभी मीडिया जनों से हमेशा अत्यन्त मधुर सम्बन्ध रहें है।अपनी कार्य कुशलता और व्यवहार से भट्ट ने एक श्रेष्ठ जनसम्पर्क अधिकारी के रूप में अपनी छाप छोड़ी । उन्हें पत्रकारिता और जनसम्पर्क के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए कई प्रतिष्ठित अवार्ड भी मिलें हैं।

भट्ट ने सरकारी सेवा से निवृत होने के बाद भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय के सीनियर मीडिया कसलटेंट के रूप में अपनी सेवाएं दी। साथ ही वे भारतीय उद्यमिता संस्थान,अहमदाबाद के अधिशासी अधिकारी भी रहें। वर्तमान में भट्ट कई जाने माने प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक संस्थानों के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी की कई सामाजिक-सांस्कृतिक एवं समाजसेवी और प्रवासियों से संबद्ध संस्थाओं से भी सक्रिय रूप से जुड़े हुए है ।

भट्ट सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग, राजस्थान के वरिष्ठतम अधिकारी रहे है तथा प्रदेश के विभिन्न जिलों और संभाग में सेवाएं देने के साथ ही एक मात्र ऐसे अधिकारी रहे है जिन्होंने लगातार 25 वर्षों तक राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में भिन्न-भिन्न दलों की सरकारों के मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया । साथ ही पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल सहित कई राज्यपालों और देश प्रदेश के अनेक लब्ध-प्रतिष्ठित प्रशासनिक अधिकारियों को भी अपनी सेवाएं दी।

दिल्ली पद स्थापन के दौरान भट्ट राजस्थान संवाद के अधिशासी निदेशक भी रहें।इसके अलावा वे दिल्ली में राज्यों के सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारियों की संस्था “सिप्रा” के दो बार निर्विरोध अध्यक्ष और पब्लिक रिलेशंस सोसायटी ओफ़ इंडिया (पीआरएसआई ) के विभिन्न पदों पर भी रहे।

भट्ट का जन्म और शिक्षा दीक्षा दक्षिणी राजस्थान के ऐतिहासिक नगर डूंगरपुर में हुई । उनके पिता भट्ट कांतिनाथ शर्मा बनारस हिन्दू विश्व विद्यालय से स्नातक और संस्कृत,हिन्दी और अंग्रेज़ी के प्रकाण्ड विद्वान थे। वे देश के प्रथम गवर्नर जनरल चक्रवती राजाजी राज गोपालाचारी के सहयोगी एवं भाषण अनुवादक रहने के अलावा राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष डूंगरपुर महारावल लक्ष्मण सिंह के जीवन पर्यन्त राजनीतिक सचिव रहें । साथ ही तत्कानीन स्वतंत्र पार्टी की राजस्थान प्रदेश इकाई के महामंत्री तथा जयपुर की महारानी गायत्री देवी के राजनैतिक गुरु भी रहें । उन्हें गायत्री देवी को राजनीति में लाने का श्रेय भी मिला ।भट्ट अंतर राष्ट्रीय न्यायालय हेग के अध्यक्ष डॉ नागेन्द्र सिंह के विश्वस्त सहयोगी और भारतीय क्रिकेट कन्ट्रोल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष राजसिंह डूंगरपर और उनके सभी भाई बहनों के प्रारम्भिक शिक्षक भी रहें।उन्हें राज परिवार के सदस्य स्नेहपूर्वक मास्टर साहब पुकारते थे।