Opposition to Textile Park : पीएम टेक्सटाइल पार्क के विरोध में रैली, ज्ञापन सौंपा!

1563 एकड़ के पार्क का प्रस्ताव निरस्त नहीं होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी, उद्योग मंत्री का विरोध!

Opposition to Textile Park : पीएम टेक्सटाइल पार्क के विरोध में रैली, ज्ञापन सौंपा!

धार से छोटू शास्त्री की रिपोर्ट

Badnawar (Dhar) : विधानसभा क्षेत्र के पश्चिम क्षेत्र में 1563 एकड भूमि पर पीम मित्र टेक्सटाइल पार्क के लिए भूमि चयनित करने का आदिवासियों ने विरोध शुरु कर दिया। टेक्सटाइल पार्क के लिए 10 गांव के एक हजार हजार से ज्यादा लोगों ने विशाल रैली निकाली।इनका कहना था कि यदि ये पार्क बना तो लोग बेघर होकर दाना-पानी तक के लिए मोहताज हो जाएगे। चिलमिलाती धूप और गर्मी में महिलाएं छोटे बच्चों को गोदी मे लेकर और कंघे पर बैठाकर बडी संख्या में शामिल हुई।

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‘जमीन बचाओं संघर्ष समिति’ के बैनर तले जिन लोगों का सब कुछ लुटने वाला है। वे लोग छोटे बच्चों सहित महिलाओं के साथ रैली में शामिल हुए। एक हजार से अधिक आदिवासियों ने टेक्सटाइल पार्क का विरोध करते हुए बदनावर नगर में रैली निकाली।

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जनपद परिसर में भारी भीड़ के बीच राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन तहसीलदार को सौेंपा कर 1563 एकड़ में विकसित होने वाले टेक्सटाइल प्रोजेक्ट को निरस्त करने की मांग की गई। प्रोजक्ट निरस्त नहीं करने पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

ज्ञापन में बताया कि बदनावर विधानसभा के पश्चिम क्षैत्र में 1563 एकड़ भूमि में पीएम मित्र टेक्सटाइल पार्क के लिए चयनित की गई है। चयनित भूमि पर अभी भैसोला, घनेरा, गरवाडा, खेडा, बागापाडा, ढोलीकुआं, खाखरोडा, खोकरी सहित 10 गांव प्रभावित होंगे। इन गांवों में एक हजार से अधिक लोगों के मकान बने हैं।

साथ ही खाली भूमि पर बरसों से खेती करके गुजर-बसरा करते हैं। गरीब आदिवासियों के आजीविका का एक मात्र साधन यह जमीन ही है। टेक्सटाइल पार्क के लिए 500 करोड़ की सहायता केन्द्र व राज्य सरकार उद्योगपतियों देगी। किंतु, बेघर होने वाले गरीबों के लिए कोई योजना नहीं बनाई गई। सरकार द्वारा आदिवासियों के साथ खिलवाड़ करते हुए अंग्रेजी हुकुमत की तुलनात्मक कार्य किया जा रहा है।

स्थानीय को रोजगार नहीं

ज्ञापन में बताया कि उद्योगमंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव के कारण से 2-3 उधोग क्षेत्र में जरूर लगे, पर उन उद्योगों में स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार नहीं दिया गया। बदनावर क्षेत्र का बेरोजगार अपने आपको ठगा महसूस कर रहा है। उद्योग के नाम पर शासन की सहायता से गरीब आदिवासियों की भूमि अधिग्रहित की जा रही है।

आने वाले समय में यहां के युवाओं का भविष्य खतरे में है। शासन की अपने उद्योगपति मित्रों को अनुचित फायदा पहुंचाने के लिए बदनावर की जनता से खिलवाड किया जा रहा है। क्षेत्र में वंडर सीमेन्ट, सोया प्लांट एवं कपडा कारखाना में स्थानीय युवाओं को रोजगार नहीं मिला। उधोगमंत्री दत्तीगांव केवल उद्योगपतियों से अपने व्यावसायिक संबंध निभाते हुए उन्हें लाभ पहुँचा रहे हैं।

इसके पहले नगर में निकाली संघर्ष रैली में ‘जय जौहार’ का नारा लगाया गया। इसके अलावा टेक्सटाइल पार्क निरस्त करों, यह आदिवासियों की भूमि की लड़ाई है, एक इंच भी जमीन नहीं देंगे, जान दे देंगे, जो जमीन सरकारी है वह हमारी है। ज्ञापन का वाचन जिला पंचायत के सदस्य अशोक डावर ने किया।