जनादेश के सात चरण

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जनादेश के सात चरण

वामन रूप धर विष्णु ने ,
बलि से मांगी भूमि तीन चरण ।
दो चरण में ब्रह्मांड नापा ,
बलि के माथे रखा तीसरा चरण ।
लोकतंत्र के इस महायज्ञ में ,
जनादेश को मिले सात चरण।
मतदाता को वामन समझ ,
कम न आंको , इनके चरण ।
ऊपर वामन , भीतर विराट ,
भारी पड़ेगे , वामन के चरण ।
सियासी पारा लुढ़कने लगेगा ,
जब माथे पर होगा , आखरी चरण ।

– डॉ . श्रीकांत द्विवेदी

6 , महावीर मार्ग , धार
* 9406835883

299th Birth Anniversary of Ahilyabai Holkar: पुण्यश्लोका : देवी अहिल्या बाई /