Silver Screen: हिंदी फिल्मों का नया जमाना, धुन नई और गाना पुराना!

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Silver Screen: हिंदी फिल्मों का नया जमाना, धुन नई और गाना पुराना!

हिंदी फिल्मकारों पर हमेशा नक़ल के आरोप लगते रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा आरोप लगता है हॉलीवुड फिल्मों की कॉपी करने का। ये बात गलत भी नहीं है। ऐसे कई उदाहरण हैं जब हॉलीवुड की फिल्मों को जस का तस बना दिया गया। इसके अलावा साऊथ की फिल्मों की नक़ल भी की जाती रही। पर, अब तो बकायदा उसे रीमेक नाम देकर बनाया जाने लगा। इसी के साथ कई बार संगीत चोरी का भी मुद्दा उठता रहा। साथ में फ़िल्मी गानों की कॉपी को लेकर बातें की गई। लेकिन, अब गानों का अधिकृत तरीके से इस्तेमाल होने लगा। पुराने हिट गानों के राइट्स खरीदकर उन्हें नए कलेवर में ढालकर फिल्मों में उनका उपयोग किया जा रहा है। आशय यह नहीं कि नए गाने लिखे नहीं जा रहे या गीतकारों का टोटा पड़ गया।

 

दरअसल, ये भी फिल्मकारों का एक तरह का शिगूफा है। वे अपनी फिल्मों में कुछ नया करना चाहते हैं, तो पुराने गानों के बोलों को नए ज़माने के संगीत में ढालकर परोस देते हैं। जबकि, सुनने में आज भी पुराने गाने ही अच्छे लगते हैं। इसके बावजूद याद नहीं आता कि ऐसा कोई गाना लोगों की जुबान पर चढ़ा हो, जिसका संगीत बदलकर उसे किसी फिल्म में डाला गया। पुरानी कहावत ‘ओल्ड इज गोल्ड’ का आशय यह तो नहीं था। पर, शायद पुराने गानों को नई धुन में पिरोकर फिल्माने का इसीलिए बढ़ा। इस चलन के पीछे असल मंशा क्या है ये तो कभी पता भी नहीं चलेगा। लेकिन, बीते ज़माने की धुनों की लोकप्रियता को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही।

Silver Screen: हिंदी फिल्मों का नया जमाना, धुन नई और गाना पुराना!Silver Screen: हिंदी फिल्मों का नया जमाना, धुन नई और गाना पुराना!

 

रीमेक वाले इस ट्रेंड को दर्शक और फिल्म संगीत के जानकार घटिया प्रयोग बताते हैं। अब तो यह सवाल भी किया जाने लगा कि क्या फिल्मों में अब नए गानों का चलन बंद हो गया! वास्तव में ये फिल्म को लोकप्रिय बनाने का महज़ ट्रेंड है। जब भी कोई एक प्रयोग फिल्मों में सफल होता है, तो उसे बार-बार उपयोग किया जाता है। फिर वो फिल्म की कहानी हो, गाना हो या कोई और फार्मूला। कई संगीतकार तो ऐसे प्रयोगों के नाम से ही जाने जाते हैं, जो पुराने गानों को तोड़-मरोड़कर उन्हें आज की पीढ़ी की पसंद वाली डीजे शैली में ढाल देते हैं। पुराने गानों को नए रैप वर्जन में ढालकर उसके मूल स्वरूप को लगातार बदला जा रहा है। देखा जाए तो हर दूसरी या तीसरी फिल्म में को न कोई ऐसा गाना सुनाई देगा, जो 60-70 या उससे भी पहले के दशक की किसी फिल्म का होता है। ऐसा नहीं कि आम दर्शक या श्रोता इसे पसंद करता है! ये नए ज़माने के रैप पर झूमने वालों की तात्कालिक पसंद होता है। लेकिन, ऐसे गाने कालजयी नहीं होते। कुछ दिन बाद ऐसे रीमिक्स वाले गाने सुने नहीं जाते। लोकप्रियता मिलती भी है, तो वो तात्कालिक होती है।

Silver Screen: हिंदी फिल्मों का नया जमाना, धुन नई और गाना पुराना!

रीमिक्स वाले गानों की चर्चा के बीच ये मसला इसलिए उठा कि करण जौहर की नई फिल्म ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ में फिर ‘झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में’ गाने को रीमिक्स करके नया गाना ‘व्हाट झुमका’ बनाया गया। जाने-माने संगीतकार प्रीतम ने इस गाने को नया रंग दिया है। ये गाना आलिया भट्ट और रणवीर सिंह पर फिल्माया गया। ओरीजनल में यह गाना 1966 में आई ‘मेरा साया’का है और ‘झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में’ आज भी लोगों की जुबान पर चढ़ा है। इस गाने के बोल राजा मेहंदी अली खान ने लिखे थे और संगीत मदन मोहन ने दिया। इस गाने के कई रीमिक्स बनाए गए। लेकिन, आज तक इसके ओरीजनल वर्जन का कोई मुकाबला नहीं कर सका। 1995 में आई ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘बॉम्बे’ का गाना ‘हम्मा-हम्मा’ भी दर्शकों को बहुत अच्छे से याद होगा। एआर रहमान का कम्पोज किया गया ये गाना लोगों के दिल के बेहद करीब रहा है। वहीं बाद में आई फिल्म ‘ओके जानू’ में इस गाने का रैप वर्जन दिखाई दिया। इस गाने में श्रद्धा कपूर और आदित्य राय कपूर ने धमाल मचाया था।

1990 में रिलीज हुई फिल्म ‘थानेदार’ का जबरदस्त गाना ‘तम्मा-तम्मा’ तो कोई भुला नहीं होगा। माधुरी दीक्षित और संजय दत्त पर फिल्माया गया ये गाना बहुत पसंद किया गया था। बाद में फिल्म ‘बद्रीनाथ की दुल्हनिया’ में इस गाने को रैप वर्जन पर आलिया भट्ट और वरुण धवन फिल्माया गया। 1981 की फिल्म ‘याराना’ में ‘सारा जमाना हसीनों का दीवाना’ गाने में अमिताभ बच्चन के फुट स्टेप सबको याद होंगे। ये गाना फिल्म ‘काबिल’ में नए कलेवर में नजर आया। 1980 की फिल्म ‘कुर्बानी’ का सबसे चर्चित गाना ‘लैला ओ लैला’ विनोद खन्ना, फिरोज खान और जीनत अमान पर फिल्माया गया था। लेकिन, शाहरुख़ खान की फिल्म ‘रईस’ में इसका रैप मिक्स आइटम नंबर दिखा। ये गाना फिल्म में सनी लियोनी पर फिल्माया गया था।

Silver Screen: हिंदी फिल्मों का नया जमाना, धुन नई और गाना पुराना!

1990 की सुपरहिट फिल्म ‘आशिकी’ का गाना ‘धीरे-धीरे से मेरी जिंदगी में आना’ दर्शकों को याद होगा। फिल्म के सभी गाने सदाबहार रहे थे। इस फिल्म का यही एक गाना रैप मिक्स वर्जन में आया। 2014 में हनी सिंह इस गाने का रैप वर्जन लेकर आए जिसे रितिक रोशन और सोनम कपूर पर फिल्माया गया। 2015 की फिल्म ‘हेट स्टोरी 3’ में ‘तुम्हे अपना बनाने की कसम खाई है’ गाना दर्शकों को बहुत पसंद आया। जबकि, ये गाना 1991 में संजय दत्त और पूजा भट्ट की फिल्म ‘सड़क’ का है।

1968 की फिल्म ‘किस्मत’ का गाना ‘कजरा मोहब्बत वाला’ 2012 में आई ‘तनु वेड्स मनु’ में एक नए अंदाज में नजर आया। इस गाने ने तो जैसे फिल्म में अलग से जान डाल दी। लता मंगेशकर ने ‘मेरा दिल ये पुकारे गाना’ 1954 में आई ‘नागिन’ के लिए गाया था। इसे वैजयंती माला पर फिल्माया था। इस गाने का रीमिक्स वर्जन पाकिस्तानी गायिका आयशा ने गाया और डांस भी किया। इसके चलते यह गाना एक बार फिर चर्चा में आ गया। इस गाने पर पाकिस्तानी आयशा ने झूम कर डांस किया, जबकि ओरिजिनल गाना इमोशनल है। इस गाने के रीमिक्स पर कटरीना कैफ ने भी सोशल मीडिया पर रील बनाकर शेयर किया था।

 

Silver Screen: हिंदी फिल्मों का नया जमाना, धुन नई और गाना पुराना!

1980 में आई फिल्म ‘कुर्बानी’ का गाना ‘लैला में लैला’ जिसे जीनत अमान पर फिल्माया गया था। शाहरुख खान की फिल्म ‘रईस’ में इसे सनी लियोन पर फिल्माया गया। अंतर इतना था कि ‘रईस’ के गाने की धुन में थोड़ा फेर-बदल कर इसे पेश किया गया। ऋतिक रोशन की फिल्म ‘काबिल’ में भी ‘सारा जमाना हसीनों का दीवाना’ गाने को फिल्माया था, जिस पर उर्वशी रौतेला थिरकी थी। जबकि, यही ओरिजनल गाना अमिताभ बच्चन पर दर्शकों ने देखा था। 2014 में आई फिल्म ‘हेट स्टोरी 2’ का चर्चित गाना ‘आज फिर तुमपे प्यार आया है’ फिल्म विनोद खन्ना और माधुरी दीक्षित की ‘दयावान’ से लिया गया।

Silver Screen: हिंदी फिल्मों का नया जमाना, धुन नई और गाना पुराना!

कंगना रनौत की चर्चित फिल्म ‘क्वीन’ में 70 के दशक के एक गाने को नया ट्रीटमेंट दिया गया था। ये गाना था ‘हंगामा हो गया’। 70 के दशक की फिल्म ‘अनहोनी’ में ये गाना बिंदु पर फिल्माया था। जबकि, ‘क्वीन’ में कंगना ने इस पर ठुमके लगाए। जिन गानों का जिक्र किया गया, बात सिर्फ उन तक सीमित नहीं है। ज्यादातर पुराने फ़िल्मी गानों को इसी तरह तेज संगीत की धुन में रिकॉर्ड करके उनकी आत्मा को मार दिया गया। जरुरी नहीं कि इनका फिल्मों में ही उपयोग किया गया हो, प्राइवेट एल्बमों में भी फ़िल्मी कलाकारों पर इन रीमिक्स गानों को फिल्माया गया है। लेकिन, आज भी जमाना उन्हीं कालजयी गीतों का है, जो ओरीजनल हैं।

Author profile
Hemant pal
हेमंत पाल

चार दशक से हिंदी पत्रकारिता से जुड़े हेमंत पाल ने देश के सभी प्रतिष्ठित अख़बारों और पत्रिकाओं में कई विषयों पर अपनी लेखनी चलाई। लेकिन, राजनीति और फिल्म पर लेखन उनके प्रिय विषय हैं। दो दशक से ज्यादा समय तक 'नईदुनिया' में पत्रकारिता की, लम्बे समय तक 'चुनाव डेस्क' के प्रभारी रहे। वे 'जनसत्ता' (मुंबई) में भी रहे और सभी संस्करणों के लिए फिल्म/टीवी पेज के प्रभारी के रूप में काम किया। फ़िलहाल 'सुबह सवेरे' इंदौर संस्करण के स्थानीय संपादक हैं।

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