15 अगस्त से पूर्व राजस्थान पुलिस का विशेष अभियान, 2 दिन में 9122 बदमाशों को किया गिरफ्तार

15 अगस्त से पूर्व राजस्थान पुलिस का विशेष अभियान, 2 दिन में 9122 बदमाशों को किया गिरफ्तार

गोपेंद्र नाथ भट्ट की रिपोर्ट 

जयपुर: राजस्थान में बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए राजस्थान पुलिस ने सक्रिय अभियान शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर राजस्थान पुलिस यह विशेष अभियान पूरे प्रदेश में शनिवार से चला रही है। इस अभियान के किए शनिवार को विशेष टीमों का गठन किया गया था।

राजस्थान के पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा के निर्देश पर सक्रिय अपराधियों तथा असामाजिक तत्वों की धरपकड़ के लिए शनिवार और रविवार को पुलिस टीमों द्वारा दबिश देकर विशेष कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई के दौरान प्रदेशभर में दो दिनों में 9 हजार 122 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया।

राजस्थान पुलिस ने स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त से पहले पूरे प्रदेश में सघन अभियान चलाकर रविवार को 9122 अपराधियों को पकड़ने का रिकॉर्ड कायम किया।इस एरिया डोमिनेशन कार्रवाई में भारी मात्रा में मादक पदार्थ, हथियार, अवैध खनन में शामिल वाहन व सामग्री, अवैध विस्फोटक पदार्थ इत्यादि जप्त किये गये।

डीजीपी मिश्रा ने बताया कि अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अपराध दिनेश एमएन की निगरानी में प्रदेश भर में यह कार्रवाई संचालित की जा रही है। उन्होंने बताया कि सभी रेंज आईजी ने कार्रवाई की मॉनिटरिंग की एवं स्थानीय पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में फील्ड में पुलिस टीमों द्वारा कार्रवाई की गई।

एडीजी ने बताया कि शनिवार अल सुबह से रविवार तक चलाए गए अभियान में 18 हजार 387 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की 4 हजार 753 टीमों का गठन कर बदमाशों के 15 हजार 972 ठिकानों पर दबिश दी गई है। इस दौरान समग्र रूप से 9 हजार 122 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया।

एमएन ने बताया कि इनमे गत 5 वर्षों में आर्म्स/ आबकारी/ एनडीपीएस एक्ट एवं फायरिंग की घटनाओं के नए प्रकरण में 209, इन एक्ट में की गई निरोधात्मक कार्रवाई में 891, इनके अतिरिक्त अन्य स्थानीय एवं विशेष अधिनियम में 418, गत विभिन चनावों में वांछित 15, असामाजिक तत्व जिन पर निरोधात्मक कार्रवाई की गई 3852, स्थाई वारंटी/ उद्घोषित अपराधी/ गिरफ्तारी वारंटी 1939, एचएस/हार्डकोर और इनामी अपराधी 992, जघन्य अपराधों में वांछित 119 तथा सामान्य अपराधों में वांछित 690 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया।

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गोपेंद्र नाथ भट्ट
गोपेंद्र नाथ भट्ट

गोपेंद्र नाथ भट्ट सम-सामयिक विषयों के लेखक और सूचना एवं जनसंपर्क के क्षेत्र में एक जाने पहचाने नाम और लेखनी के सशक्त हस्ताक्षर है ।

भट्ट राजस्थान के कई मुख्य मंत्रियों जिसमें पूर्व उप राष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत, वर्तमान मुख्य मंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्य मंत्री वसुन्धरा राजे और दिवंगत मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी सहित प्रदेश के दस-ग्यारह मुख्यमंत्रियों के पीआरओ और प्रेस अटेची रहे है ।भट्ट के देश-विदेश और प्रदेश के सभी जाने माने पत्रकारों और अन्य सभी मीडिया जनों से हमेशा अत्यन्त मधुर सम्बन्ध रहें है।अपनी कार्य कुशलता और व्यवहार से भट्ट ने एक श्रेष्ठ जनसम्पर्क अधिकारी के रूप में अपनी छाप छोड़ी । उन्हें पत्रकारिता और जनसम्पर्क के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए कई प्रतिष्ठित अवार्ड भी मिलें हैं।

भट्ट ने सरकारी सेवा से निवृत होने के बाद भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय के सीनियर मीडिया कसलटेंट के रूप में अपनी सेवाएं दी। साथ ही वे भारतीय उद्यमिता संस्थान,अहमदाबाद के अधिशासी अधिकारी भी रहें। वर्तमान में भट्ट कई जाने माने प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक संस्थानों के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी की कई सामाजिक-सांस्कृतिक एवं समाजसेवी और प्रवासियों से संबद्ध संस्थाओं से भी सक्रिय रूप से जुड़े हुए है ।

भट्ट सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग, राजस्थान के वरिष्ठतम अधिकारी रहे है तथा प्रदेश के विभिन्न जिलों और संभाग में सेवाएं देने के साथ ही एक मात्र ऐसे अधिकारी रहे है जिन्होंने लगातार 25 वर्षों तक राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में भिन्न-भिन्न दलों की सरकारों के मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया । साथ ही पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल सहित कई राज्यपालों और देश प्रदेश के अनेक लब्ध-प्रतिष्ठित प्रशासनिक अधिकारियों को भी अपनी सेवाएं दी।

दिल्ली पद स्थापन के दौरान भट्ट राजस्थान संवाद के अधिशासी निदेशक भी रहें।इसके अलावा वे दिल्ली में राज्यों के सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारियों की संस्था “सिप्रा” के दो बार निर्विरोध अध्यक्ष और पब्लिक रिलेशंस सोसायटी ओफ़ इंडिया (पीआरएसआई ) के विभिन्न पदों पर भी रहे।

भट्ट का जन्म और शिक्षा दीक्षा दक्षिणी राजस्थान के ऐतिहासिक नगर डूंगरपुर में हुई । उनके पिता भट्ट कांतिनाथ शर्मा बनारस हिन्दू विश्व विद्यालय से स्नातक और संस्कृत,हिन्दी और अंग्रेज़ी के प्रकाण्ड विद्वान थे। वे देश के प्रथम गवर्नर जनरल चक्रवती राजाजी राज गोपालाचारी के सहयोगी एवं भाषण अनुवादक रहने के अलावा राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष डूंगरपुर महारावल लक्ष्मण सिंह के जीवन पर्यन्त राजनीतिक सचिव रहें । साथ ही तत्कानीन स्वतंत्र पार्टी की राजस्थान प्रदेश इकाई के महामंत्री तथा जयपुर की महारानी गायत्री देवी के राजनैतिक गुरु भी रहें । उन्हें गायत्री देवी को राजनीति में लाने का श्रेय भी मिला ।भट्ट अंतर राष्ट्रीय न्यायालय हेग के अध्यक्ष डॉ नागेन्द्र सिंह के विश्वस्त सहयोगी और भारतीय क्रिकेट कन्ट्रोल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष राजसिंह डूंगरपर और उनके सभी भाई बहनों के प्रारम्भिक शिक्षक भी रहें।उन्हें राज परिवार के सदस्य स्नेहपूर्वक मास्टर साहब पुकारते थे।