Srishti lost the battle:आखिर जिंदगी की जंग हारी सृष्टि, सीहोर के बोरवेल में फंसी मासूम नहीं बचाई जा सकी

1657
Srishti lost the battle

Srishti lost the battle: आखिर जिंदगी की जंग हारी सृष्टि, सीहोर के बोरवेल में फंसी मासूम नहीं बचाई जा सकी

जिंदगी और मौत की लड़ाई हारी सृष्टि

सीहोर: आर्मी, रोबोट सहित सरकार द्वारा सभी स्तरों पर की गई कोशिशों के बावजूद भी आखिर तीन साल की मासूम सृष्टि नहीं बचाई जा सकी और वह जिंदगी और मौत की लड़ाई हार गई।

माना जा रहा है कि बोरवेल के अंदर दम घुटने से उसकी मौत हो गई, सीहोर से इस समय की बड़ी खबर है। तीन दिन पहले बोरवेल में गिरी बालिका सृष्टि को आज 52 घंटों बाद बाहर निकाल लिया गया है। हालांकि उसे बचाया नहीं जा सका। इस हादसे में बालिका ने दम तोड़ दिया। उसके शव को पोस्‍टमार्टम के लिए ले जाया गया है।

Also Read: Tragic Road Accident : एमपी में सड़क हादसे में दो बच्चों समेत सात की मौत 

ग्राम मुंगावली निवासी ढाई साल की नन्ही बच्ची सृष्टि को बोरवेल से निकाल लिया गया है और अस्पताल पहुंचाया गया। सृष्टि 6 तारीख को दोपहर 1.15 बजे खेलते समय बोरवेल में गिरी थी। 54 घंटे बाद सृष्टि को निकालकर एंबुलेंस से जिला अस्पताल ले जाया गया।

Sehore Borewell Rescue: 48 घंटे से बोरवेल में सीहोर की 'सृष्टि', निकालने के लिए अब 'रोबोट' रेस्क्यू टेक्निक; 100 फीट नीचे फंसी | Sehore srishti borewell rescue operation continues ...

बुधवार को एनडीईआरएफ व एसडीईआरएफ के प्रयास विफल होने के बाद बैरागढ़ ईएमई सेंटर से सेना के जवानों को बुलाया गया था।

आर्मी जवान 300 फीट गहरे बोरवेल में 100 फीट की दूरी पर फंसी सृष्टि को राड हुक से 90 फीट तक ऊपर ले आए थे, लेकिन दस फीट पहले वह छूटकर गिर गई। बताया जा रहा है कि बच्ची फिसलकर करीब 150 फीट नीचे पहुंच गई है। इसके बाद सेना ने दूसरी बार प्रयास करने में अक्षमता जताई। इसके बाद दिल्ली व जोधपुर से एक्सपर्ट की टीम बुलाई गई है।

Also Read: Lie of Husband’s Death for Compensation : मुआवजे के लालच में रेल हादसे में पति के मरने का झूठा दावा!

वही गुजरात की स्पेशल रोबोट टीम से भी मदद मांगी गई थी जो सुबह 9 बजे मुंगावली पहुंची, यहां पहुंचते ही टीम ने बोरवेल से सृष्टि को निकालने के लिए रेस्क्यू शुरू कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ पोकलेन और राख ड्रिल मशीन से खोदाई भी जारी है।

गुजरात की टीम ने बोरवेल में बच्‍ची की सटीक लोकेशन पता करने के लिए रोबोट को अंदर डाला था, जो साठ फीट तक नीचे गया, लेकिन उससे भी सटीक डेटा नहीं मिल सका।

प्रिय भैया के नाम बहना की पाती: कब तक मासूम बच्चे लापरवाही का शिकार होते रहेंगे !