धार्मिक भजनों के साथ वे देते हैं देश प्रेम की प्रेरणा का संदेश

प्रधानमंत्री के समक्ष भी 4 बार दें चुके अपनी आकर्षक वाणी से प्रस्तुति

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धार्मिक भजनों के साथ वे देते हैं देश प्रेम की प्रेरणा का संदेश

Jhabua: ऐसे भजन गायक बहुत कम देखने को मिलते है जो अपनी गायकी में प्रभु भक्ति के साथ राष्ट्रभक्ति को भी स्थान देते है।ऐसे कलाकार अपनी विधा में बहुत ऊंचे स्थान तक पहुंचते है।

हम बात कर रहे हैं राजस्थान के एक ऐसे भजन गायक की जो अपने भजनों की प्रस्तुति के साथ श्रोताओं को देश प्रेम का संदेश पंहुचाते हैं।इस बिरले कलाकार का नाम है प्रकाश माली जो राजस्थान के बालोतरा के निवासी हैं। विगत दिनों वह अपनी गायन की प्रस्तुति देने मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के बामनिया और कल्याणपुरा में सम्मिलित हुए। उनकी आकर्षक भजन प्रस्तुति को सुनकर हर कोई हैरान हो गया। इस गायक कलाकार की आकर्षक आवाज की बात जब नगर की मीडिया तक पहुँची तो पत्रकारों ने माली की पत्रकार वार्ता रखी जहां पत्रकारों के सवालों पर उनकी देशभक्ति की भावना सामने आई।

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पिछले 20 वर्षों से भजन गायकी के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान कायम करने वाले प्रकाश माली ने भजन गायकी की दुनिया में एक विशिष्ट शैली की शुरूआत की। आमतौर पर देश में कई भजन गायक हैं किन्तु इस कलाकार ने अपनी भजन गायकी को भव्य मंच के मुकाम पर पहुंचाते हुए उसमें केवल भक्ति ही नहीं अपितु कई ऐसे विषय वस्तु को सम्मिलित कर दिया जो सीधे आमजन तक पहुंचते हैं। अपनी विशिष्ट शैली के जरिए उन्होंने भजन गायकी को भव्य मंचों के तक पहुंचाया जिसका अनुसरण करते हुए आज देशभर में हजारों कलाकार इस प्रकार के भव्य मंचों से भक्ति सरिता प्रवाहित कर रहे हैं।

प्रकाश माली ने देश भर में भ्रमण करते हुए अपनी गायकी के जरिए राजस्थानी सभ्यता, संस्कृति,लोकदेवताओं सहित देश के इतिहास की गौरवगाथा, महापुरूषों एवं संतों की वाणी और उपदेश देश भक्त शूरवीरों की गाथा और देशप्रेम का यषोगाान करते हैं। इन सबका समावेश करके उन्होंने कार्य करने की शुरूआत की जो आज वृहद रूप से राजस्थान से लेकर देश भर में फैलाने का सफल प्रयास कर रहे हैं। अपने पूरे आयोजन में वे हर स्थान पर आधा घण्टा देशभक्ति के लिए जरूर निकालते है जिससे देश के युवाओं को नई प्रेरणा और ऊर्जा मिल सकें, गौ संवर्धन को लेकर भी यह कलाकार विगत 15 वर्षो से जुटे हुए हैं।गौ क्रान्ति के मुख्य संवाहक बनकर इस दिशा में कार्य करते चले आ रहें हैं।

देशभक्त शूरवीरों के यशोगान में उन्हें महाराणा प्रताप से काफी प्रसिद्वि मिली।प्रकाश माली को पीएम की उपस्थिति में भी अपनी प्रस्तुति देने का अवसर मिला। वह कहते हें कि आजकल कई ऐसे पाखण्डी हैं जो ग्लैमर के जरिए, धर्म के प्रति आस्था रखने वाले भोले भाले लोगों को फंसाकर उनकी धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करते हैं और धर्म के विरूद्व कार्य करते हैं।