आदिवासी काफी समय से मोटे अनाज का प्रयोग करते आ रहे हैं जो स्वास्थय की दृष्टि से भी काफी ज्यादा फायदेमंद है। आदिवासियों द्वारा खाए जाने वाले प्रमुख और मोटे अनाज में रागी कोदो कुटकी,ज्वार, बाजरा, मक्का इत्यादि शामिल हैं।बस्तर के आदिवासी काफी समय से मोटे अनाज का प्रयोग करते आ रहे हैं जो स्वास्थय की दृष्टि से भी काफी ज्यादा फायदेमंद है। आदिवासियों द्वारा खाए जाने वाले प्रमुख और मोटे अनाज में रागी कोदो कुटकी,ज्वार, बाजरा, मक्का इत्यादि शामिल हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार कोदो-कुटकी को प्रोटीन व विटामिनयुक्त माना गया है। इसके सेवन से शुगर व बीपी आदि रोगों में लाभ मिलने की बात सामने आई है। बस्तर की आदिवासी संस्कृति व खान-पान में कोदो-कुटकी जैसे लघुधान्य फसलों का महत्वपूर्ण स्थान है। कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से इस पर लगातार अनुसंधान कार्य किए जा रहे हैं। इन उत्पादों के विभिन्न स्वरूप में व्यवसायीकरण की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है।