दुष्यंत कुमार स्मारक पांडुलिपि संग्रहालय के निदेशक, वरिष्ठ साहित्यकार आयोजक राजुरकर राज जी का आकस्मिक निधन.एक अभिनव सोच के साथ, अत्यंत सीमित साधनों से “दुष्यंतकुमार स्मारक पांडुलिपि संग्रहालय” की स्थापना कर अनेक विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए राजुरकर राज जी ने उसे रजत जयंती वर्ष तक पहुँचाया।
दुष्यंत संग्रहालय को भोपाल की साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बनाने का श्रेय राजुरकर जी की कर्मठता को ही जाता है।
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