नाबालिग को शादी का झांसा देकर बहला-फुसलाकर दुष्‍कर्म करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का कठोर कारावास

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रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट

न्यायालय योगेन्द्र कुमार त्यागी विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट में फैसला सुनाते हुए 28.दिसम्बर.2021 को आरोपी मुकेश पिता सुखराम भाभर उम्र 32 साल निवासी शिवगढ जिला रतलाम को धारा 5 (एल) /6 पॉक्‍सो एक्ट के तहत दोषी ठहराते हुए 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1हजार के अर्थदंड एवं धारा 366 भादवि में 5 वर्ष का कठोर कारावास व 5 सौ रूपए अर्थदंड तथा धारा 363 भादवि में 3 वर्ष का कठोर कारावास एवं 5 सौ रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई।
बता दें कि न्यायालय ने आरोपी की सभी सजाएं साथ-साथ चलने का आदेश भी दिया है।

मीडिया सेल प्रभारी शिव मनावरे ने बताया कि 24.जुन.2014 को साढे 15 वर्षीय अवयस्‍क बालिका की माता ने थाना शिवगढ पर सूचना दी कि 22.जून.2014 को जब वह खेत से घर पर आ रही थी तभी उसने देखा कि उसकी पुत्री को मुकेश पिता सुखराम मोटर साइकिल पर जबरन बिठाकर ले जा रहा है।उसने और उसके लड़कों ने दौड़ते हुए मोटर साइकिल का पीछा किया तो वह नहीं रूका।

आरोपी मुकेश उसकी लड़की को बहला फुसलाकर शादी करने की नियत से भगा कर ले गया।आस-पास के गांव और रिश्‍तेदारों में बालिका तलाश की जिसके नहीं मिलने पर फरियादी द्वारा थाना शिवगढ पर अपराध क्रं.109/14 पर अपहरण का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की गई।पुलिस ने विवेचना के दौरान 08.अगस्त.2014 को मुखबिर से मिली सूचना पर पुलिस ने गांव के सरपंच को साथ लेकर नाबालिग की और आरोपी मुकेश की तलाश रतलाम रेल्‍वे स्‍टेशन के बाहर करने पर नाबालिग व आरोपी दिखाई दिए।

आरोपी मुकेश पुलिस को देखकर भाग निकला।पुलिस नाबालिग को साथ में लेकर थाने वापस पंहुची।थाने पर पुछताछ की गई तो नाबालिग ने बताया कि वह पूर्व परिचित आरोपी मुकेश से प्रेम करती है। मुकेश उसे डेढ महीने पूर्व घर से मोटर साइकिल पर बिठाकर रतलाम लाया और ट्रेन में बिठाकर उज्‍जैन ले गया। उज्‍जैन में झोपडी बनाकर मुकेश ने उसे रखा और कई बार उसके साथ दुष्‍कर्म किया।आज हम दोनो ट्रेन में उज्‍जैन से रतलाम आए जहां रेल्‍वे स्‍टेशन के बाहर पुलिस को देख कर मुकेश भाग निकला, बाद में पुलिस मुझे लेकर थाने आई।

पीड़िता द्वारा बतायी गई घटना पर दुष्‍कर्म की धाराओं का इजाफा कर पीडिता का मेडिकल कराया गया।13.अगस्त.2014 को अभियुक्‍त मुकेश को गिरफ्तार किया जाकर उसका मेडिकल कराया गया। जहां खोजबीन करने के बाद 08.सितम्बर.2014 को आरोपी के विरुद्ध विशेष न्‍यायालय में धारा 363, 366, 376(2)(एन) भादवि एवं 5/6 पॉक्‍सो एक्‍ट में पेश किया गया।

तब विशेष न्‍यायालय द्वारा अपने फैसले में 28.दिसम्बर.2021 को अभियोजन की और से आरोपी के विरुद्ध साक्ष्‍य को प्रमाणित मानते हुए दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।
प्रकरण की पैरवी विशेष लोक अभियोजक पॉक्‍सो एक्‍ट श्रीमती गौतम परमार ने कि।