घर में घुसकर बालिका को डरा-धमकाकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 10 वर्ष सश्रम कारावास!

1 हजार रुपए अर्थदंड एवं 3 लाख रुपए प्रतिकर!

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घर में घुसकर बालिका को डरा-धमकाकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 10 वर्ष सश्रम कारावास!

Ratlam : न्यायालय राकेश कुमार शर्मा, विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं षष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश ने दुल्ला (20) पिता प्रभु देवदा को भादंसं की धारा 376 (2) एफ, 376 (2) एन में 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं भादंसं की धारा 456 में 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1-1 हजार रुपए का अर्थदंड की सजा सुनाते हुए आरोपी को जेल भेजने के आदेश दिए। इसके साथ ही न्यायालय ने अपराध से होने वाली संभावित मानसिक व शारीरिक आघात की प्रतिपूर्ति हेतु बालिका को लैंगिक अपराध से बालकों के संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 33(8) के तहत अभियुक्त से प्राप्त अर्थदंड की समूची राशि व अतिरिक्त अंकन 3 लाख रुपए प्रतिकर के रूप में दिलाया गया।

मामले में प्रभारी उप-निदेशक अभियोजन/सहायक निदेशक अभियोजन जिला रतलाम श्रीमती आशा शाक्यवार अभियोजन एवं लोक अभियोजक श्रीमती गौतम परमार ने बताया कि 13 अप्रैल 2020 को बालिका ने औद्योगिक क्षेत्र थाने पर पहुंचकर बताया था कि मैं कक्षा 9वीं तक पढ़ी-लिखी हुं और करीबन छः महीने पहले मेरी मां मेरे मामा के घर मेरे दोनों भाई-बहन को लेकर गई थी। एक दिन मैं, मेरे घर पर अकेली थी दिन में करीब 11-12 बजे दुल्ला नाम का युवक मेरे घर आया और घर का दरवाजा बंद कर दिया और उसने मुझे डरा-धमकाकर और मेरे साथ दुष्कर्म किया। मैंने चिल्लाने कि कोशिश की तो उसने मुझे जान से मारने कि धमकी दी तब मैं घबरा गई और चुपचाप रही उसके बाद करीब 8 दिन बाद जब मेरी मां खेत में काम करने गई हुई थी और मेरे भाई-बहन भी घर के बाहर खेल रहें थे।

 

तब दुल्ला ने फिर से मुझे डरा-धमका कर दुबारा मेरे साथ दुष्कर्म किया और कहा कि यह बात किसी को बताईं तो तुझे जान से खत्म कर दुंगा। मैंने डर के कारण यह बात किसी को नहीं बताई आज मेरी मां ने नहाते समय मेरा पेट देखा तो मुझसे पूछा तब मैंने पूरी घटना मेरी मां को बताई और मैं अपनी मां को साथ लेकर दुल्ला के खिलाफ रिपोर्ट लिखाने थाने पर आई हुं कृपया कार्रवाई की जाएं।बालिका की रिपोर्ट पर औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने अपराध क्रमांक 179/2020 धारा 376(2)(एन), 506, 450 भादंवि एवं 5एल, 5एन, 5जे (पप)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का दर्ज कर अनुसंधान में लिया गया। दौरान अपराध अनुसंधान अपराध सदर साक्षियों के कथन लेख किए गए घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया तथा अपराध सदर की पीड़िता का मेडीकल परीक्षण करवाने हेतु पंचनामा बनाया गया तथा पीड़िता का मेडीकल परीक्षण करवाया गया।

 

इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया चिकित्सक परीक्षण करवाई जाकर विधी विज्ञान प्रयोगशाला जांच हेतु भेजे गए। पीड़िता के उम्र संबंधी प्रमाण पत्र प्राप्त किए गए। पीड़िता के धारा 164 दप्रसं के तहत कथन लेखबद्ध करवाएं गए। पुलिस ने संपूर्ण अनुसंधान के उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध 376(2)(एन), 506, 450 भादवि एवं 5एल, 5एन, 5जे(ii)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 अभियोग पत्र क्रमांक 176/2020 का तैयार कर विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट रतलाम के समक्ष प्रस्तुत किया गया। विचारण उपरांत विशेष न्यायालय ने 4 दिसम्बर 2025 को अभियोजन की और से प्रस्तुत दस्तावेजी, मौखिक साक्ष्य एवं वैज्ञानिक साक्ष्य को प्रमाणित मानते हुए अभियुक्त अभियुक्त दुल्ला पिता प्रभु देवदा को सजा सुनाई। शासन की और से पैरवी श्रीमती गौतम परमार विशेष लोक अभियोजक द्वारा करते हुए साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत किए थे जिसके आधार पर आरोपी को दोषी ठहराया गया।