11 हजार करोड़ के बिजली बिल, 19 हजार करोड़ के सहकारी ऋण बकाया वसूली के लिए अफसर ले रहे डंडे का सहारा
भोपाल: बिजली कम्पनियों के 10947 करोड़ और सहकारिता विभाग से लोन लेने वाले किसानों के 19 हजार करोड़ रुपए की वसूली के लिए बिजली कम्पनी और सहकारिता विभाग के अफसर इन दिनों गरीबों और किसानों पर कहर ढा रहे हैं। वसूली के लिए चल संपत्ति कुर्क करने के नाम पर इन विभागों के अफसरों द्वारा पुलिस के डंडे का सहारा लेकर गाय, बैल, मोटरसाइकिल, स्कूटर, टीवी, कार समेत अन्य संपत्तियों को जब्त किया जा रहा है। वहीं बड़े और राजनीतिक रसूख वाले बकायादारों पर नोटिस देने की कार्यवाही कर उन्हें बार-बार समय दिया जा रहा है।
31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के अंतिम दिनों में अधिकतम बकाया वसूली दिखाने के लिए इन दिनों पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी और पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के अधिकारी गांवों और शहरों में पुलिस के साथ बकायादारों के घरों में दबिश दे रहे हैं। इस वसूली में अफसरों की संवेदनहीनता के कई मामले भी सामने आ चुके हैं और उसे ढंकने की पूरी कोशिश की जा रही है। ताजा मामला सागर जिले के देवरी क्षेत्र का सामने आया था जहां वृद्ध महिला की बहू के नाम पर संचालित कनेक्शन की बकाया राशि के लिए बिजली कर्मी उसके घर का सामान तब लेकर चल दिए जब वह नहा रही थी और इसकी जानकारी पर वह नाम मात्र कपड़ों में ही अर्द्धनग्न अवस्था में अपना सामान बचाने के लिए पीछे-पीछे दौड़ पड़ी। हालांकि इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नाराजगी के बाद तीन कर्मचारियों के निलंबन की कार्यवाही की गई पर यह काम अकेले सागर में नहीं बल्कि प्रदेश के सभी जिलों में हो रहा है और कई ऐसे मामले हैं जो हाईलाइट नहीं हो पाने से गरीब अपनी चल संपत्ति वापस पाने के लिए बिजली कम्पनियों के दफ्तरों में भटक रहे हैं। हालांकि ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने देवरी की घटना सामने आने के बाद बकाया राशि वसूली में इस तरह की कार्यवाही रिपीट नहीं होने की बात कही है और सामान्य तरीके से ही बिल वसूलने के लिए कार्यवाही करने को कहा है।
जानकारी देने में आनाकानी
बिजली के बकाया वसूली को लेकर अफसर कोई भी जानकारी देने से बच भी रहे हैं। मंत्रालय के अफसरों के साथ तीनों ही विद्युत वितरण कम्पनियों के वरिष्ठ अधिकारियों से इस मामले में संपर्क कर बकाया राशि की जानकारी चाही गई तो सभी ने मार्च माह में एक हजार से 1200 करोड़ रुपए की वसूली का टारगेट तय किए जाने और इसके करीब वसूली होने की बात कही लेकिन उनके क्षेत्र में बकाया राशि की जानकारी नहीं दी गई।
किसानों का गेहूं, गाय, बैल ले जा रहे सहकारी बैंक कर्मचारी
उधर किसानों को ब्याज पर लोन देने वाली सहकारी बैंकों से संबंधित समितियों की भी यही स्थिति है। इन समितियों के द्वारा लघु और सीमांत व मध्यम किसानों के घरों में बकाया 19 हजार करोड़ की राशि की वसूली के लिए गाय, बैल, बकरी, घोड़े समेत अन्य जानवरों को हांक कर ले जाया जा रहा है। इसके अलावा घरों में रखा गेहूं, चना आदि सामान भी कुर्क करने के नाम पर ले जा रहे हैं। किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज के रूप में दिए गए लोन और बकाया बिजली बिल की वसूली के लिए की जा रही सख्ती से किसानों में गुस्सा है। दोनों ही स्थितियों में उनकी घरेलू संपत्ति को छीना जा रहा है और लेन देन कर संपत्ति वापसी के लिए कर्मचारी दबाव बना रहे हैं।
फरवरी 2023 की स्थिति में बिजली कम्पनियों पर बकाया की स्थिति
फरवरी मास की कुल डिमांड 4920.66 करोड़
राज्य सरकार से ली जाने वाली सब्सिडी राशि -2473.71 करोड़
एरियर्स की राशि-10947.07 करोड़
कुल उपभोक्ता-1.75 करोड़
एलटी कंज्यूमर-1 करोड़ 74 लाख 97 हजार
एचटी कंज्यूमर-9099
एलटी कंज्यूमर पर कुल बकाया राशि-3698.23 करोड़
एचटी कंज्यूमर पर कुल बकाया राशि-1222.42 करोड़
एलटी कंज्यूमर से वसूली जाने वाली सब्सिडी राशि-2455.73 करोड़
एचटी कंज्यूमर से वसूली जाने वाली सब्सिडी राशि-17.98 करोड़
एलटी कंज्यूमर पर एरियर्स की राशि-9474.78 करोड़
एचटी कंज्यूमर पर एरियर्स की राशि-1472.29 करोड़