पैतृक कब्जे भूमि छिनने के भय से मुक्त हुए 1399 आदिवासी(Tribesman)
वन अधिकार अधिनियम ने आदिवासी बंधुओं(Tribesman) को वन अधिकार पत्रधारक बनाकर वर्षो से जोत रहे जमीन का छिनने के भय से मुक्त हुए है।
विदिशा जिले में अब तक 1399 आदिवासी बंधुओं को लाभांवित किया गया है जिसमें 313 को आवासीय तथा 1086 को खेतीहर वनाधिकार पत्रधारक के तहत स्वामित्व प्रदाय किया गया है। इनमें शामिल ग्यारसपुर विकासखण्ड के ग्राम पोनिया के सेवक सिंह आदिवासी का कहना है कि हमने कभी सोचा नही था कि हमारे पूर्वज जिस जमीन को जोत रहे थे बिना किसी कागज पत्रक के हमारी हो जाएगी।
शासन ने हमको बकायदा उन्नत किस्म का धान बीज प्रदाय किया वहीं सिंचाई के लिए कुंआ का खनन कराया है। मेरा पुत्र बीए की पढाई कर रहा है जिसे हर प्रकार की सुविधा मिल रही है।
किताबो से लेकर रहने, खाने-पीने और कोचिंग की सुविधा मिली है। वहीं समय अंतराल में छात्रवृत्ति मिल रही है। सरकार ने प्रधानमंत्री सम्माननिधि, मुख्यमंत्री सम्माननिधि की राशि भी मेरे खातो में जमा कराई है। अब तक प्रधानमंत्री उज्जवला गैस कनेक्शन, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री जीवन बीमा योजना का लाभ ले चुका हूं। वन अधिकार पत्र के तहत 1.046 हेक्टेयर कृषि भूमि भी प्राप्ति हुई है।
सभी योजनाओं का लाभ मिल जाने से सेवक सिंह सहित अन्य आदिवासीबंधुओं(Tribesman) के जीवन में आए परिवर्तन स्पष्ट रूप से झलक रहा है।
उनका कहना है कि अब हमारे बच्चे स्कूल जा रहे है और वे भी एक दिन बडे अफसर बनकर दूसरो की भलाई के कार्य करेंगे।