18 University Defaulters : माखनलाल समेत MP की 18 यूनिवर्सिटी UGC की लिस्ट में डिफॉल्टर घोषित!

लोकपाल की नियुक्ति नहीं करने को लेकर UGC ने यह कार्यवाही की! 

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18 University Defaulters : माखनलाल समेत MP की 18 यूनिवर्सिटी UGC की लिस्ट में डिफॉल्टर घोषित!

New Delhi : यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने लोकपाल की नियुक्ति नहीं करने वाली देशभर की 157 डिफॉल्टर यूनिवर्सिटी की लिस्ट जारी की। इनमें मप्र की 7 सरकारी समेत कुल 18 यूनिवर्सिटी हैं। यूजीसी ने इन यूनिवर्सिटीज की लिस्ट भी जारी कर दी। डिफॉल्टर सूची में माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय भी है। इन यूनिवर्सिटी में लोकपाल की नियुक्ति यूजीसी के गाइडलाइन के अनुसार नहीं हुई। इस वजह से इन्हें डिफॉल्टर घोषित किया गया। लोकपाल विश्वविद्यालयों में छात्रों की समस्या का समाधान करता है।

 

डिफाल्टर घोषित यूनिवर्सिटी

– अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा

– अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय भोपाल

– धर्मशास्त्र नेशनल लॉ विश्वविद्यालय जबलपुर

– डॉ बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी ऑफ सोशल साइंस इंदौर

– जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर

– जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर,

– मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी जबलपुर

– महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय छतरपुर

– महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय, उज्जैन

– महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, चित्रकूट

– माखनलाल चतुर्वेदी नेशनल यूनिवर्सिटी आफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, भोपाल

– नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर

– पंडित एसएन शुक्ल विश्वविद्यालय, शहडोल

– राजा मानसिंह तोमर म्यूजिक एंड आर्ट्स विश्वविद्यालय, ग्वालियर

– राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय, छिंदवाड़ा

– राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल

– रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर

– सांची यूनिवर्सिटी ऑफ बुद्धिस्ट इंडेक्स स्ट्डीज, भोपाल

 

इस कार्यवाही से ये नुकसान

डिफॉल्टर घोषित होने के बाद इन यूनिवर्सिटी की छवि पर नकारात्मक असर पड़ेगा। इससे प्लेसमेंट के लिए आने वाली कंपनियां इन्हें क्रेडिबल नहीं मानेंगी। साथ ही यहां पढ़ रहे छात्रों को भी आगे कई मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा। आरजीपीवी हाल ही में घोटालों की वजह से पूरे मध्य प्रदेश में सुर्खियों में रही है। घोटाले के कारण आरजीपीवी के कुलपति गिरफ्तार हो चुके हैं।

 

ये है पूरा मामला

यूजीसी के निर्देश के अनुसार तमाम यूनिवर्सिटी में लोकपाल की नियुक्ति जरूरी है। डिफॉल्टर लिस्ट में शामिल यूनिवर्सिटीज ने इस मापदंड का पालन नहीं किया है। लोकपाल विश्वविद्यालयों में छात्रों की समस्या का समाधान करता है। हालांकि माखनलाल यूनिवर्सिटी के वीसी ने कहा कि हमने लोकपाल की नियुक्ति की है। इसके बारे में यूजीसी को जानकारी दी जाएगी। वहीं, कुछ यूनिवर्सिटी ऐसे भी हैं, जिन्होंने नियुक्ति के बावजूद छात्रों को जानकारी नहीं दी।

 

आरजीपीवी के रजिस्ट्रार डॉ मोहन सेन और मेडिकल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ पुष्पराज सिंह बघेल का कहना है कि लोकपाल की नियुक्ति के लिए जल्द ही विज्ञापन जारी किया जाएगा। इस लिस्ट में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विवि का भी नाम है। यहां के वीसी प्रो केजी सुरेश का कहना है कि विवि में लोकपाल की नियुक्ति की जा चुकी है। रिटायर्ड जज ओपी सुनरिया को लोकपाल नियुक्त किया है। इस संबंध में यूजीसी को जानकारी दी जाएगी।

खास बात ये है कि बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी समेत जिन यूनिवर्सिटी ने लोकपाल नियुक्त किए, वे अब तक इसकी जानकारी छात्रों तक पहुंचाने में असफल हुए हैं। इस संबंध में कोई जानकारी विवि में डिस्प्ले नहीं की है। जहां छात्र लोकपाल तक शिकायत पहुंचा सकें।