2 Officers Including IAS Guilty of Contempt : छतरपुर के तत्कालीन कलेक्टर और जिला पंचायत CEO कोर्ट की अवमानना के दोषी!
Jabalpur : छतरपुर के तत्कालीन कलेक्टर शैलेंद्र सिंह और जिला पंचायत के सीईओ अमर बहादुर सिंह को जबलपुर हाईकोर्ट ने अवमानना का दोषी पाया है। उन्हें 11 अगस्त को सजा सुनाई जाएगी। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि 11 अगस्त को शैलेंद्र सिंह और अमर बहादुर सिंह हाईकोर्ट में उपस्थित रहें।
इन दोनों अधिकारियों पर ये मामला तब दर्ज हुआ था जब शैलेंद्र सिंह (आईएएस) छतरपुर जिले के कलेक्टर थे। छतरपुर स्वच्छता मिशन के तहत रचना द्विवेदी जिला समन्वयक को 4 अगस्त 2017 को छतरपुर से बड़ामलहरा स्थानांतरित कर दिया था। संविदा नियुक्ति में तबादला करने का कोई प्रावधान नहीं है, इसके बावजूद याचिकाकर्ता को बड़ामलहरा भेजा गया था। इस तबादले के विरुद्ध याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने रचना द्विवेदी का तबादला स्थगित कर दिया। इसके बावजूद उन्हें बड़ा मलहरा ज्वाइन न करने के कारण सेवा से मुक्त कर दिया गया था।
प्रशासन के इस फैसले के विरुद्ध रचना द्विवेदी ने फिर हाईकोर्ट की शरण ली और अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं हो रहा, और याचिकाकर्ता को नौकरी से निकाल दिया गया। अन्य किसी व्यक्ति को अपीलार्थी की जगह सेवा में रख लिया गया। कोर्ट ने तत्कालीन कलेक्टर शैलेंद्र सिंह को अवमानना का नोटिस दिया था। अवमानना की याचिका पर सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने छतरपुर के तत्कालीन कलेक्टर शैलेंद्र सिंह को अवमानना का दोषी करार दिया।
सीईओ भी अवमानना के दोषी
जिला पंचायत सीईओ अमर बहादुर सिंह को भी हाईकोर्ट ने अवमानना के दोषी घोषित किया।
क्योंकि, यह मामला स्वच्छता मिशन का है, जो जिला पंचायत के अंतर्गत आता है। याचिकाकर्ता रचना, जिला पंचायत की संविदा कर्मचारी थी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी अमर बहादुर सिंह ने उनका ट्रांसफर किया था और हाईकोर्ट द्वारा स्थगित हो जाने के बावजूद, ट्रांसफर ऑर्डर का पालन न करने की आरोप में उनकी सेवाएं समाप्त कर दी थी। इसलिए इस मामले में अमर बहादुर सिंह (मुख्य कार्यपालन अधिकारी), जिला पंचायत छतरपुर को भी दोषी घोषित किया गया। 11 अगस्त को उनके लिए भी सजा का निर्धारण किया जाएगा। हाईकोर्ट ने उन्हें भी 11 अगस्त को कोर्ट रूम में उपस्थित रहने का आदेश दिया है।