बारिश की सीलन में 2 मंजिला मकान गिरा, 7 लोग दबे, रेस्क्यू कर निकाला

कोई जनहानि नहीं, सुबह 5 बजे की घटना

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बारिश की सीलन में 2 मंजिला मकान गिरा, 7 लोग दबे, रेस्क्यू कर निकाला

छतरपुर से राजेश चौरसिया की रिपोर्ट

छतरपुर: छतरपुर में तड़के सुबह एक बड़ी घटना सामने आई है जिसमें एक दो मंजिला मकान गिरकर धराशाई हो गया और उसमें रह रहे आधा दर्जन से अधिक लो दब गए, जिन्हें बमुश्किल आसपड़ोस के लोगों ने लोकल रेस्क्यू कर निकाला। घायलों को गंभीर हालत में जिला अस्पताल भर्ती कराया जहां उनका ईलाज चल रहा है।

घटना और मामले की जानकारी पुलिस, प्रशासन और नगर पालिका को दी गई जहां मौके पर पहुंचे तहसीलदार ने घटना और नुकसान का जायजा लिया और धरासाई हो चुके मकान का बाकी जर्जर हिस्सा भी JCB मशीन से गिराया ताकि अन्य घटना न हो सके।

घटना छतरपुर जिला मुख्यालय सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के गल्लामंडी, सरानी दरवाजा बाहर की है जहां यह मकान स्थित था। मुखिया गुलाब सिंह बुंदेला और गंगा बुंदेला अपने परिवार, बेटे-बहु, नाती-पोतों के साथ निवास करते थे। और भैंसे पालकर अपना गुजर-बसर करते थे।

19 साल की प्रियंका राजा बताती है कि सुबह 5 बजे वह कोचिंग जाने के लिए उठी तो मकान के कोने से किसी हिस्से के भिस्कने की आवाज आई तो उसने घर वालों को बताया तो सभी जाग गए और जैसे ही उठे तो मकान भरभरा कर उन पर गिर गया। और सभी मलबे में दब गये। प्रियंका की मानें तो अगर मेरे चिल्लाने/जगाने पर घर के लोग 30 सेकेंड में हड़बड़ाकर बाहर नहीं आते तो कमरे में ही कब्रगाह बन जाती, मलबा हम लोगों पर गिरा तो घायल हुए और बच गये।

भैंसे बंधीं हुई थीं , वह दब गईं।

लोगों ने मलबा हटाकर उन्हें बाहर निकाला भैंसें मजबूत थीं तो बर्दास्त कर गईं और उनकी जान बच गई पर वह गंभीर घायल हो गईं।

इस घटना में घर के मुखिया 65 वर्षीय (आंखों से दिव्यांग) गुलाब सिंह उनकी पत्नी 60 वर्षीय गंगा/पार्वती, बेटा 37 वर्षीय नरेंद्र, बहू 35 वर्षीय वंदना, नातिन 19 वर्षीय प्रियंका, नाती 14 वर्षीय रविंदर और 11 वर्षीय योगेंद्र, घर में आये रिश्तेदार साडूभाई 65 वर्षीय अर्जुन सिंह, साले और सरहज भी साथ में थे। सभी दब गए थे पर सुरक्षित निकल आये। किसी की जान नहीं गई।

परिजनों की मानें तो अगर यह घटना रात में घटती तो बड़ा हादसा हो सकता था सभी सोते समय दब जाते सम्हालने का मौका नहीं मिलता और बाहर आस-पड़ोस के लोगों को भी पता नहीं चलता और अंधेरे में रेस्क्यू करना मुश्किल होता।

तहसीलदार मौके पर..

मौके पर पहुंचे तहसीलदार अभिनव शर्मा की मानें तो घटना तड़के सुबह 5:00 बजे की है जिसमें बारिश के चलते मकान में सीलन आ गई थी। मकान के पिछले हिस्से में पड़ी खाली जगह में पानी भरा रहता था जिससे पहले वही हिस्सा धरासाई हुआ, मकान पुराना और मुरम (लाल मिट्टी) ईंटों का बना हुआ था। और वह नीचे से नमी खाता रहा साथ ही बारिस के चलते नमी आ गई थी नमी के चलते मकननका एक हिस्सा धराशाई हुआ तो बाकी भी उससे सटा हुआ हिस्सा भी भरभराकर धरासाई हो गया।

गनीमत रही कि यह घटना तड़के सुबह घटी और कोचिंग जाने के लिए जगी घर की बच्ची को एहसास हो गया और उसने घर के बाकी लोगों को अवगत करा दिया और वे कमरों से निकलकर बाहर आ गए और सिर्फ मलबे में दब पाये, अगर यही हादसा रात में होता तो लोग सोते हुए ही दब जाते, आस पड़ोस के लोगों को देर से पता चलता और अंधेरे में रेस्क्यू करना मुश्किल होता, इसमें कईयों की जान भी जा सकती थी।

हालांकि सभी घायलों को जिला अस्पताल इलाजे के लिए ले जाया गया। घटना स्थल और मकान का मौका-मुआयना नुकसान का जायजा किया जा रहा है। पीड़ितों को शासन-प्रशासन जो भी मदद होगी कि जायेगी। मकान का बाकी हिस्सा भी जेसीबी से गिराया जा रहा है ताकि कोई अनहोनी न हो सके।

बाईट- (तहसीलदार)