रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट
रतलाम. अपनी ही बेटी से दुष्कर्म करने वाले कलयुगी बाप को न्यायालय श्रीमती उषा तिवारी विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट जावरा ने अभियुक्त पुनमचंद पिता मोहनलाल कतिजा को धारा 376 (2) भादवि में 20 वर्ष सश्रम कारावास व 5 हजार रुपए के अर्थ दण्ड की सजा सुनाई।
सहायक अभियोजन जिला अभियोजन अधिकारी शिव मनावरे ने बताया कि 15-फरवरी 2019 को अवयस्क पीड़िता ने अपनी मां व रिश्तेदारों के साथ थाना पिपलौदा पर पहुंची और बताया कि वह अपने माता पिता के साथ खेत पर बनी टापरी पर रहती हैं। कल रात को खाना खाने के बाद उसके मां बाप पीछे वाले कमरे में ओर वह और उसकी छोटी बहन आगे वाले कमरे में सो रही थी। उसके पिता पीछे वाले कमरे से उठकर आए और उसका मुंह दबाकर जबरदस्ती उसके साथ दुष्कर्म किया। इस दौरान पीड़िता के चिल्लाने पर उसकी छोटी बहन की नींद खुल गई और उसकी मां भी उठकर आ गई। तब उसका पिता मौके से भाग निकला।
पीड़िता द्वारा बताई गई घटना पर थाना पिपलौदा पर पीड़िता के पिता के विरुद्ध अपराध धारा 376, 506 भादवि एवं 5 एन / 6 पॉक्सो एक्ट प्रकरण दर्ज किया गया।
विवेचना के दौरान पीड़िता के कथन लिए जाकर, उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया तथा 15-फरवरी 2019 को आरोपी पूनमचंद को गिरफ्तार कर उसका भी मेडिकल करवाया गया तथा उम्र सम्बंधी दस्तावेज प्राप्त किए जाकर आवश्यक अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र विशेष न्यायालय में 29-मार्च 2019 को पेश किया।
विशेष न्यायालय में अभियोजन की ओर से 16 साक्षियों में से 11 साक्षियों को परीक्षित कराया गया एवं घटना को प्रमाणित करने हेतु मौखिक, दस्तावेजी एवं वैज्ञानिक साक्ष्य तथा लिखित बहस प्रस्तुत कर आरोपी को आरोपित धाराओं में उल्लेखित अधिकतम दंड से दंडित किए जाने के तर्क पैश किए गए।
मामले में विशेष न्यायालय द्वारा फैसला सुनाते हुए अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य को प्रमाणित मानते हुए अभियुक्त पूनमचंद पिता मोहनलाल कतिजा को दोषी ठहराया।
मामले की सफल पैरवी विशेष लोक अभियोजक विजय पारस द्वारा की गई।