2009 रिकार्ड फिर दोहराए जाने की उम्मीद, पिछले चुनाव से ज्यादा महिलाएं पहुंच सकती हैं लोकसभा!

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2009 रिकार्ड फिर दोहराए जाने की उम्मीद, पिछले चुनाव से ज्यादा महिलाएं पहुंच सकती हैं लोकसभा!

भोपाल। वर्ष 2009 लोकसभा चुनाव का रिकार्ड इस चुनाव परिणाम में आसार दिखाई दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ से अलग होने के बाद मध्यप्रदेश में पहली बार वर्ष 2009 में छ महिलाओं ने लोकसभा चुनाव जीता था। इस बार भाजपा- कांग्रेस ने सात महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारा हैं। लोकसभा चुनाव लड़ाने में भाजपा ने पिछले चुनाव की तुलना में महिलाओं को ज्यादा टिकट दिए हैं। वहीं कांग्रेस ने एक ही महिला को उम्मीदवार बनाया हैं। वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में प्रदेश से चार महिलाएं सांसद बनी थी। चारो महिला सांसद बीजेपी की थी। बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में चार महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारा था। भोपाल से प्रज्ञा सिंह ठाकुर, सीधी से रीति पाठक, शहडोल से हिमाद्री सिंह भिंड से संध्या राय। ये चारो महिलाएं चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंची थी। वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी आधी आबादी को साधने के लिए छह महिलाओं को मैदान में उतारी हैं। भिंड और शहडोल लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी ने जहां महिला उम्मीदवारों को रिपीट किया है। रतलाम, सागर, बालाघाट और धार लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी ने नए लोगों को मौका दी हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव जैसा परिणाम इस बार रहा तो महिला सांसदों की संख्या इस बार ज्यादा होगी। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 28 सीट जीती थी, जिसमें से चार महिलाएं जीती थी। कांग्रेस के खाते में मात्र एक सीट आई थी। वर्ष 2009 में ग्वालियर लोकसभा से यशोधरा राजे सिंधिया, इंदौर से सुमित्रा महाजन, मंदसौर से मीनाक्षी नटराजन, विदिशा से सुषमा स्वराज, बैतुल से ज्योति धुर्वे लोकसभा पहुंची थी। लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने आधी आबादी को साधने के लिए नारी वंदन शक्ति अधिनियम को पास किया है। सदन में 33 फीसदी महिलाओं को राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिलने का रास्ता अब पूरी तरह से साफ हो गया है। हालांकि इसका सीधा लाभ महिलाओं को वर्ष 2029 के लोकसभा चुनाव में मिलेगा। कानून बन जाने के बाद महिलाओें का झुकाव बीजेपी की तरफ अन्य राजनीतिक पार्टियों में बीजेपी की तरफ ज्यादा हो गया है।

*लोकसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व-* 

वर्ष संख्या

2019 4

2014 5

2009 6

2004 2