भाजपा में रूठों की वापसी का मिशन 2023…
भाजपा पूरी तरह से “मिशन 2023 मोड” में आ गई है। 27 अप्रैल 2023 को पार्टी से निष्कासित सिद्धार्थ मलैया की वापसी के साथ यह साफ हो गया है कि बूथ की मजबूती के साथ-साथ अब भाजपा का फोकस अपनों का साथ बरकरार रखने पर है। इससे पहले पार्टी छह साल के लिए निष्कासित निवाड़ी जिला पंचायत सदस्य अमित राय को छह महीने में ही पार्टी में वापस लाकर इस तरह का संदेश दे चुकी है कि 2023 में उन चेहरों को निराश नहीं करेगी, जो पार्टी के लिए शुभ साबित हो सकते हैं। खास तौर से वह सभी चेहरे जो 2018 के बाद रूठकर पार्टी से छिटक गए थे या फिर वह चेहरे जो 2023 के महारण में प्रभावी योद्धा बन विजय के वाहक बनने की संभावना खुद में सहेजे हैं… पार्टी में उन सभी की वापसी का मिशन जारी है। ऐसे सभी चेहरों के साथ दुनिया के इस सबसे बड़े दल के दिल पर अगर कोई राज कर रहा है तो वह है बूथ, बूथ और बूथ। वही बूथ जिसको डिजिटल परिवेश पहनाकर मध्यप्रदेश भाजपा संगठन ने इतना स्मार्ट बना दिया है कि बूथ पर सब कुछ उंगलियों की जद में है। और इन स्मार्ट बूथ पर पार्टी को 51 फीसदी मतों की माला पहनाकर भाजपा संगठन यह साबित करने की तैयारी में है कि मध्यप्रदेश में संगठनात्मक कौशल और सरकार के कामों का मेल अति उत्तम परिणाम हासिल करने में सक्षम है।
फिलहाल हम 2018 विधानसभा चुनाव की उन कुछ सीटों की चर्चा कर रहे हैं, जिन पर उन अपनों को नाराज करना पार्टी को महंगा पड़ा था। निराश और हताश भाजपा चेहरे जो टिकट पाने के हर मापदंड पर खरे उतरने में सक्षम थे, टिकट न मिलने पर वह बागी होकर मैदान में कूदे थे। इन सीटों पर भाजपा को नुकसान हुआ था और 2018 विधानसभा चुनाव में भाजपा सर्वाधिक सीटें जीतने से वंचित होकर पंद्रह माह सत्ता से बाहर रही थी। जिन चार सीटों का हम जिक्र कर रहे हैं, उनमें से तीन चेहरों की भाजपा में वापसी हो चुकी है।
इनमें से एक विधानसभा ग्वालियर दक्षिण थी। इस सीट पर समीक्षा गुप्ता ने भाजपा से टिकट न मिलने पर निर्दलीय रण में उतरने का दम भरा था। समीक्षा को वैध मतों का 20.17 फीसदी यानि 30745 मत मिले थे। यहां पर भी भाजपा को निराशा हाथ लगी थी। भाजपा से पूर्व महापौर रह चुकी समीक्षा गुप्ता ने 2022 में भाजपा में वापसी कर ली है और सक्रियता से कमल खिलाने के प्रयास में जुटी हैं।
वहीं महेश्वर विधानसभा सीट पर भाजपा से टिकट न मिलने पर राजकुमार मेव ने निर्दलीय मैदान में उतरकर अपना वजूद साबित किया था। मेव दूसरे स्थान पर आए और भाजपा प्रत्याशी भूपेंद्र आर्य को तीसरे स्थान पर रहना पड़ा था। मेव को वैध मतों का 27.89 फीसदी यानि 47251 मत मिले थे। मेव दो बार विधायक रह चुके थे। 2012 विधानसभा उपचुनाव में पहली बार विधायक बने और 2013 विधानसभा चुनाव में दूसरी बार विधायक बने थे। 2018 में मेव को निर्दलीय चुनाव लड़ने पर भाजपा ने छह साल के लिए निष्कासित किया था, लेकिन 2020 में उनकी वापसी हो गई है।
तीसरी लहार विधानसभा सीट पर 2018 में अम्बरीष शर्मा ने भाजपा से टिकट न मिलने पर बसपा से ताल ठोकी थी। अम्बरीष शर्मा को वैध मतों का 20.26 फीसदी यानि 31367 मत मिले थे। जून 2021 में अम्बरीष शर्मा की भाजपा में वापसी हो गई है। वह भी अब कमल खिलाने में जुटे हैं।
ग्वालियर दक्षिण, महेश्वर और लहार विधानसभा के बागी उम्मीदवारों की भाजपा में वापसी हो चुकी है। जिस चौथी विधानसभा सीट की हम बात कर रहे हैं, वह उम्मीदवार भाजपा के सर्वाधिक दिग्गज, सक्रिय और समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं। वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। टिकट के प्रबल दावेदार रहे हैं। हम जबलपुर उत्तर विधानसभा सीट का जिक्र कर रहे हैं, जहां से सब्र का बांध टूटने पर निर्दलीय चुनाव लड़े भाजपा विचारधारा के प्रतीक बन चुके धीरज पटैरिया का नाम बिसराया नहीं जा सकता। अंत्योदय विचारधारा के संग जीवन के तीन दशक से ज्यादा समय बिता चुके धीरज पटैरिया को जब पार्टी ने टिकट की दावेदारी की पांच पंचवर्षीय तक निराश किया तो 2018 में उन्होंने खुले आकाश में उड़ान भर ली। निर्दलीय उम्मीदवार के बतौर वह एक पखवाड़े में वैध मतदान का 20.75 फीसदी यानि 29479 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहने में सफल रहे थे। लेकिन यहां पर पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार शरद जैन को भी जीत नसीब नहीं हो पाई थी। वर्तमान स्थिति में भी जबलपुर उत्तर विधानसभा में धीरज पटैरिया सक्रिय हो जनता के बीच में हैं। पार्टी ने गले लगाया तो यह जबलपुर उत्तर विधानसभा में कमल खिलाने में सक्षम हैं। पर फिलहाल पार्टी के मन की बात धीरज पटैरिया को लेकर अब तक सामने नहीं आई है।
खैर देर-सबेर भाजपा का रूठे कार्यकर्ताओं की वापसी का मिशन 2023 जारी है। सिद्धार्थ मलैया के अलावा सैकड़ों कार्यकर्ताओं की वापसी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में हो चुकी है। वहीं पूरे 64100 बूथों पर पार्टी का 51 फीसदी मत हासिल करने का मिशन मजबूती और परिश्रम की पराकाष्ठा संग आगे बढ़ रहा है। साथ ही मोदी के मन की बात का सौवां एपीसोड सभी 64100 बूथ पर सुनने की तैयारी है। इसमें भी 25,000 स्थानों पर बड़ी संख्या में पब्लिक के साथ कनेक्ट करके मन की बात के कार्यक्रम को विशेष तौर पर मध्य प्रदेश भाजपा ऐतिहासिक बनाने का मन बना चुकी है। तो देखिए मिशन वापसी 2023 में शिव-विष्णु की नजर किन पर पड़ती है और अगले चेहरे कौन से नजर आते हैं…।