23rd Day of Bhojshala Survay : भोजशाला सर्वे को लेकर दोनों पक्षों के पास अपने-अपने तर्क!
धार से छोटू शास्त्री की रिपोर्ट
Dhar : भोजशाला के एएसआई सर्वे का 23वां दिन है। सर्वे टीम 8 बजे भोजशाला पहुंची। टीम के 21 अधिकारी और कर्मचारियों के साथ 29 मजदूरों ने काम शुरू किया। यहां दिन भर सर्वे किया जाएगा। सर्वे टीम के साथ याचिकाकर्ता आशीष गोयल एवं गोपाल शर्मा तथा मुस्लिम पक्ष की तरफ से अब्दुल समद भी सर्वे टीम के साथ भोजशाला में दाखिल हुए। पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा की दृष्टि से भोजशाला परिसर के आसपास पुलिस बल तैनात किया है।
हम भी चाहते हैं कि सच सामने आए
राजा भोज सेवा संस्थान के गोपाल शर्मा ने मीडिया से चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज सर्वे का 23वां दिन है। समय सीमा 42 दिन की दी है। लगभग आधा समय निकल गया। अब जो सर्वे होगा निश्चित ही परिणाम दायक सिद्ध होगा। सारे सत्य सामने आ जाएंगे। जिस उद्देश्य को लेकर कोर्ट में आवेदन दिया था, वह सर्वे का रिजल्ट सामने आएगा। उन्होंने कहा कि मैंने कल शहर काजी के दिए स्टेटमेंट सुना। वे 1902 के सर्वे का बार-बार उदाहरण दे रहे है। वे कह रहे है कि 1922, 1923, 1927 के डाक्यूमेंट है। यह सिद्ध करता है कि यह उनकी मस्जिद है। हम भी यही कह रहे है कि सच सामने आना चाहिए। जो कागज आपके पास हैं वह पेश कर दो। जिस 1902 में सर्वे की बात कर रहे है, जिसमें अंग्रेजों ने इसे भोजशाला सिद्ध किया था। उसी में जो शिलालेख लगे है वह 1902 में लगे हैं। वहां सारे चिन्ह हिन्दू धर्म के है। राजा भोज 10वीं शताब्दी में आए थे और कमाल मौलाना 13वीं शताब्दी में आए थे।
उन्होंने यह भी कहा कि अक्कल कुईया यहीं नहीं है, पूरे आर्यावर्त में 7 स्थानों पर है। इलाहाबाद के किले में है, तक्षशिला है में और चार भारत के बाहर है।
परिसर में खुदाई पर हमें आपत्ति
कमाल मौलाना वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष अब्दुल समद ने मीडिया से कहा कि अभी तक जो सर्वे चला, उसमें किसी तरह की चीज नहीं निकली। बाबा की जो मजार है, दरगाह है वह अपने आपमें बहुत सम्मानीय है। जो असल दरगाह है बाबा की उसमें नीचे एक तलघर है। उन लोगों को बता चुके है। उसमें सबका जाना मना है। बाबा की जो मुख्य दरगाह है उसके नीचे तलघर है। उनको वहां विजिट भी करवा दी और आने वाले दिनों में और भी विजिट करा दी जाएगी। वहीं से शिलालेख निकले है और जो चीजें निकली है मुस्लिम पक्ष के लिए सम्मानीय है। जिस भाषा में लिखा है उसके लिए साइंस की टीम यहां जुटने वाली है। वो भी एक दो रोज में आएगी। हम चाहते है कि वह सब चीज इसमें शामिल हो।
उन्होंने कहा कि जिस हिसाब से कार्य चल रहा है, वह उच्चतम न्यायालय की गाइड लाइन के हिसाब से चल रहा है। हम उससे बहुत खुश है। लेकिन, परसों से इसमें एक चीज हुई। हमने कल आपत्ति भी लगाई है कि जब उच्चतम न्यायालय ने गाईडलाईन दी है कि इस तरह की कोई भी खुदाई नहीं की जाए, जिससे स्मारक की रूपरेखा में चेंज हो या उसमें किसी तरह का नुकसान हो। फिर आप लोग फर्श के साथ छेड़छाड़ क्यों कर रहे हैं। हमने भी इस पर आपत्ति उठायी थी। परसों और कल हमने उसको लिखित में दर्ज करा दी। आज अधिकारियों से यह संज्ञान लेना है, कि वह इसकी खुदाई बंद करते हैं या चालू रखते है। चालू रखते है, तो हम कोर्ट में जाएंगे।