Help to Families of Dead Businessmen: हादसे में मृत 2 कपड़ा व्यापारियों के परिवार की कांग्रेस उम्मीदवार ने मदद का एलान किया!

बच्चों की शिक्षा, मेडीक्लेम और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा!

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Help to Families of Dead Businessmen

Help to Families of Dead Businessmen : हादसे में मृत 2 कपड़ा व्यापारियों के परिवार की कांग्रेस उम्मीदवार ने मदद का एलान किया!

Indore : लोकसभा इंदौर के कांग्रेस के प्रत्याशी अक्षय बम ने सड़क हादसे में मृत दो व्यापारियों के परिवारों की सहायता की बड़ी पहल की। लातूर में चार कपड़ा व्यापारियों का सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था। उनमें इन दोनों व्यापारियों का भी निधन हुआ जो आर्थिक रूप स कमजोर हैं। अक्षय बम ने इन दोनों के परिवारों की भविष्य की चिंता को समाप्त कर दिया।पिछले दिनों इंदौर के चार कपड़ा व्यापारियों की एक सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई थी। सभी लोग बुधवार की देर रात महाराष्ट्र के लातूर जा रहे थे, तभी रास्ते में ओवरटेक के दौरान इनकी कार सामने से आ रही ट्रक से भिड़ गई थी। टक्कर में तीन कारोबारियों समेत चार लोगों की मौत हो गई थी।

इन मृत व्यक्तियों का उठावना था। इस उठावने में कांग्रेस के उम्मीदवार अक्षय बम भी पहुंचे। वहां उन्हें इस बात की जानकारी लगी कि इस घटना में मृत दो व्यक्ति संतोष जैन निवासी कमाठीपुरा और सचिन जैन निवासी स्मृति नगर के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।

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यह जानकारी सामने आते ही अक्षय बम ने मानवीयता की दृष्टि से बड़ी पहल की। उन्होंने उठावने में ही घोषणा की, कि आर्थिक रूप से कमजोर दोनों परिवारों के एक-एक बच्चे को नर्सरी से लेकर कॉलेज तक की शिक्षा दिलाई जाएगी। इस शिक्षा का खर्च उनके द्वारा उठाया जाएगा। साथ ही इन दोनों परिवारों का मेडिक्लेम कराया जाएगा, ताकि बीमारी की किसी भी स्थिति में परिवार को किसी से मदद नहीं लेना पड़े। अक्षय बम ने यह भी ऐलान किया कि इन दोनों परिवार के एक-एक सदस्य को उनके संस्थान में योग्यता के अनुसार रोजगार दिया जाएगा।

सड़क हादसे में अपने परिवार के सबसे प्रमुख सदस्य को खो देने के बाद अब परिवार के सामने आने वाले कल की चिंता सता रही थी। ऐसी स्थिति के बीच कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय बम के द्वारा की गई पहल निश्चित तौर पर इस परिवार की चिंता को कम कर देने वाली है। जो व्यक्ति रोता बिलखता छोड़कर चला गया है, उसकी कमी को तो कोई पूरा नहीं कर सकता। लेकिन, उसके बाद परिवार के सदस्यों के सामने आने वाली चुनौती में हाथ बंटाने की यह एक अनुकरणीय पहल है।

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