OBC आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 3 पुनर्विचार याचिकायें, राज्य सरकार ने 4 माह का समय मांगा- मंत्री भूपेन्द्र सिंह

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भोपाल: मध्य प्रदेश के शहरी विकास और आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि ओबीसी आरक्षण को लेकर इस समय सुप्रीम कोर्ट में 3 पुनर्विचार याचिकाएं विचाराधीन है।

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा इस विषय में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की गयी है। मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता श्री हरीश साल्वे पैरवी करेंगे।

– साथ ही केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का आग्रह किया है।  केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता इस मामले में पैरवी करेंगे।

– ओबीसी समाज की तरफ से भी इस आरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट में ही पुनर्विचार याचिका दायर की गयी है। वरिष्ठ वकील के विश्वनाथन इस मामले में पैरवी करेंगे।

इस तरह से तीन पुनर्विचार याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि याचिकाओं पर शीघ्र सुनवाई कर ओबीसी वर्ग को न्याय दिया जाए।

मध्यप्रदेश सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि हमें चार माह का समय दिया जाए। इस अवधि में राज्य का पिछड़ा वर्ग आयोग राज्य में ओबीसी वर्ग की सामाजिक, राजनीतिक तथा आर्थिक स्थिति की रिपोर्ट तैयार कर लेगा।

इससे सारे तथ्य सामने आ जाएंगे कि किसलिए राज्य में ओबीसी की आबादी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना जरूरी है।

देखिये वीडियो-

 

भूपेंद्र सिंह ने कहा कि हमारी सरकार का साफ़ मानना है कि ओबीसी मध्यप्रदेश का बड़ा वर्ग और सामाजिक रूप से पिछड़ा वर्ग है।

लोकतंत्र इस गरीब और पिछड़े वर्ग तक पहुंचे तथा इस तबके की लोकतंत्र में भागीदारी सुनिश्चित की जा सके, इसलिए हमने न्यायालय से याचिका में कहा है कि पंचायत चुनाव में ओबीसी वर्ग को राज्य में 27 फीसदी का आरक्षण प्रदान किया जाना चाहिए।

मध्यप्रदेश के पंचायत चुनाव में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण मिले, इसलिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिए सरकार ने पंचायत चुनाव का ऑर्डिनेंस वापस लिया है।